चौथा जीव (कहानी) : एस.भाग्यम शर्मा

Chautha Jeev (Hindi Story) : S Bhagyam Sharma

आपके घर में आप, आपकी पत्नी व आपका बेटा तीन ही प्राणी रहते हो। ये विषम संख्या है। आपके जन्म-पत्री के अनुसार आपके घर में एक प्राणी को और रहना होगा। प्राणियों की संख्या सम हो तो ही अच्छा रहेगा। अभी तो आप जवान हो ..... एक बच्चा और होने दीजियेगा । "ज्योतिषी महाराज बोले ।

"वह तो नहीं हो सकता। मेरी पत्नी ने बच्चे न होने का आपरेशन करा लिया है।” राजेश बोला।

" फिर आप ऐसा करो राजेश कुत्ती के पिल्ले को पाल लो। प्राणियों की संख्या गिनती में चार हो जायेगी और सम संख्या हो जायेगी ” ज्योतिषी महाराज बोले।

"कुत्ती के पिल्ले को ? " राजेश ने आश्चर्य से पूछा।

" वह भी एक प्राणी ही तो है। गिनती में चार हो जायेगे। बस इतनी सी बात है। "

अगले दिन, राजेश अपने दोस्त आर्यन जो वेटिनेरी कालेज में पढ़ाते है उनके पास जाकर बोला-" आर्यन घर में शान्ति के लिए एक प्राणी को घर में और रखने को ज्योतिषी महाराज कह रहें हैं। अतः मुझे एक अच्छे नस्ल का पिल्ला चाहिए। प्लीस मुझे जल्दी लाकर दो।"

"एक और प्राणी घर में होना चाहिये बस इतनी सी बात........ फिकर मत कर राजेश । आज शाम को ही ये काम हो जायेगा। आर्यन ने कहा।

उसी दिन शाम को ' राजे ...... कह कर आर्यन ने पुकारा तो आवाज सुनकर राजेश व उसकी पत्नी पिल्ला आ गया सोच बड़े उत्साह के साथ बाहर आए।

जब देखा तो आर्यन, के पीछे इतने दिनों से वृद्धाश्रम में रहने वाली राजेश की मा....... ये ले चौथा प्राणी। तुम्हें ही जीवन देने वाली देवी। तुम्हारे घर में इनका पैर पडते ही सब दोष दूर हो जायेगा। "आर्यन बोला। राजेश ने मां के पैरों पर गिर कर साष्टांग नमस्कार किया व आदर से उन्हें घर के अन्दर ले गया।

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