वहमी (जर्मन कहानी) : हरमन हेस : अनुवाद : सुरजीत
Vehmi (German Story in Hindi) : Hermann Hesse
मार्टिन सिड ने अपने पिता की स्टडी के दरवाज़े पर दस्तक दी। तत्काल एक गुर्राहट उभरी और उसके पिता की आवाज़ आई, “अंदर आ जाओ!”
आम तौर पर मार्टिन अपने पिता के आराम या अध्ययन में हस्तक्षेप नहीं करता था। उसका पिता किताबों का कीड़ा था और उसे यह बात बिलकुल पसंद नहीं थी कि कोई उसे अध्ययन के समय परेशान करे, किंतु आज समस्या दूसरी ही थी। कर्नल टाउन सिड ने नौकर को भेजकर उसे बुलाया था, क्योंकि वह उससे किसी महत्त्वपूर्ण मामले पर बातचीत करना चाहता था।
“आओ मार्टिन!” कर्नल सिड ने कहा, “बैठ जाओ!” उसने एक कुर्सी की ओर संकेत किया और मर्टिन चुपचाप कुर्सी पर बैठकर जिज्ञासु दृष्टि से अपने पिता की ओर देखने लगा। उसके चेहरे से प्रकट होता था कि वह इस प्रकार बुलाए जाने पर परेशान है।
“कहिए डैडी!” मार्टिन ने अंततः कहा।
मार्टिन सोच रहा था कि कोई विशेष बात अवश्य है, जो उसके पिता ने उसे बुलाया है। वह अभी किसी निष्कर्ष पर न पहुँच सका था कि कर्नल की आवाज़ उसके कानों से टकराई, “मैं तुमसे एक महत्त्वपूर्ण मामले पर बातचीत करना चाहता हूँ।” मार्टिन की बाईं आँख की पलक जिज्ञासु अंदाज़ में कमान का रूप धारण कर गई। वह मन ही मन सोच रहा था कि गत कई दिनों के अंतराल में उससे ऐसी कौन-सी ग़लती हुई है, जो इस समय सामने आने वाली है।
“तुम इन दिनों स्नेडरा मेक्स टेड से बहुत मिलते रहे हो!” कर्नल की आवाज़ अधिकारपूर्ण थी।
“जी हाँ!...वास्तव में…” मार्टिन ने स्वीकार किया, पर वह तो एक ठीक-ठाक लड़की है!”
“ठीक-ठाक से तुम्हारा क्या मतलब है?” कर्नल ने पूछा।
“मेरा मतलब है, वह अच्छी लड़की है। वह माडलिंग नहीं करती, शो-गर्ल नहीं है। इसके अतिरिक्त…इस प्रकार की कोई अन्य ख़राबी भी उसमें नहीं है।”
“शटअप!” कर्नल गुर्राया, “ये सब बातें मुझे भी पता हैं कि वह ऐसी लड़की नहीं है, क्या मैं उसे या उसकी माँ को अच्छी तरह नहीं जानता? जो कुछ मैं कहना चाहता हूँ, वह यह है कि तुम कुछ समय से उस लड़की के साथ बहुत अधिक दिखाई दे रहे हो!”
“जी हाँ!” मार्टिन ने कहा, “मैं उसके बहुत समीप रहा हूँ, पर अन्य भी बहुत-सी लड़कियाँ मेरे आस-पास मौजूद हैं डैडी!”
“मुझे अन्य लड़कियों में कोई दिलचस्पी नहीं है।” कर्नल का स्वर अधिक कठोर हो गया, “मैं केवल तुमसे यह पता करना चाहता हूँ कि क्या तुम स्नेडरा से प्रेम करते हो?”
“मैं इस संबंध में कुछ नहीं कह सकता!” मार्टिन ने गुद्दी सहलाई और सिर झुकाकर कहा।
“क्या वह तुमसे प्रेम करती है?” कर्नल ने पता करना चाहा।
“उसने अब तक तो ऐसी कोई बात नहीं कही है।”
“इन सब बातों को मस्तिष्क से झटक दो।” कर्नल का मूड बिगड़ने की चरम सीमा तक पहुँच गया, “क्या तुम दोनों में चुंबन-आलिंगन होता रहा है या इस प्रकार की अन्य बातें?”
“आख़िर इन बातों से आपका क्या मतलब है? क्या आप मेरी और स्नेडरा की शादी कराना चाहते हैं? मैं जानता हूँ कि वह एक अच्छी लड़की है, इसके अतिरिक्त वह एक ऊँचे परिवार से संबंध रखती है और...”
“मैं तुम्हारी शादी के लिए प्रयत्न कर रहा हूँ। इनके प्रतिकूल मैं यह परामर्श देना चाहता हूँ कि स्नेडरा से शादी करना मूर्खता है, पागलपन है।”
“वह क्यों डैडी?” मार्टिन ने विस्मय से पिता की ओर देखा।
“एक शाप का चक्कर है!” कर्नल ने कहा।
“शाप?” मार्टिन ने विस्मय से पलकें झपकाईं।
“आज से दो सौ वर्ष पूर्व टाउन सिड परिवार का एक नवयुवक स्नेडरा के परिवार की एक लड़की के प्रेम में फँस गया था। उन्होंने सभी के विरोध के बावजूद शादी कर ली। बाद में स्थिति ख़राब हो गई। लड़के ने विष खाकर आत्महत्या कर ली थी। उसने मृत्यु-शय्या पर यह शाप दिया कि यदि हमारे परिवार के किसी नवयुवक ने स्नेडरा परिवार की किसी लड़की से शादी की, तो उनका गृहस्थ जीवन कटु हो जाएगा। इस संबंध में एक उदाहरण मिसेज़ मैक्स टेड से मुझे मिल चुका है।”
“देखिए डैडी!” मार्टिन हाथ उठाकर बोला, “मैं जानता हूँ कि कई वर्ष तक आप पुरातत्त्व विशेषज्ञ रहे हैं, पर मुझे आशा है कि आप इस प्रकार की ग़लत धारणाओं पर विश्वास नहीं रखते होंगे। क्या मैं ठीक कह रहा हूँ डैडी?”
“यदि तुम चाहो तो इसे वहम भी कह सकते हो, पर अतीत में ऐसा हो चुका है। वह लड़का बेहद असहायावस्था में मौत का शिकार हुआ था। इसके अतिरिक्त दुलहिन एक महीने के अंदर-अंदर मर गई थी। संभवतः उसे किसी घोड़े ने कुचल दिया था।
इसलिए मैं इस मामले में अपनी भावनाओं को स्पष्ट रूप से प्रकट कर देना चाहता हूँ।”
कर्नल ने गहरी गंभीरता से कहा।
और ये भावनाएँ क्या हैं डैडी?”
“तुम्हें इस लड़की स्नेडरा से मिलना-जुलना छोड़ देना चाहिए। यदि तुम उसे बहुत अधिक पसंद करने लगे, तो संभव है, तुम्हारे मस्तिष्क में उससे शादी करने का उन्माद समा जाए, ऐसा किसी भी अवस्था में नहीं होना चाहिए। मैं कठोरता से इस बात का विरोध करूँगा।”
“लेकिन यह एक अजीब बात है डैडी, कि स्नेडरा की माँ का ख़याल है कि मैं उसकी बेटी के लिए एक उपयुक्त लड़का नहीं हूँ। वह अपनी बेटी से भी यह बात कह चुकी हूँ, लेकिन मैं हैरान हूँ। वह कि...“मार्टिन ने मुस्कराकर अपना वाक्य अधूरा छोड़ दिया।”
“क्या हैरानी है?” कर्नल गुर्राया।
'इसका साफ़ मतलब है कि स्नेडरा मेरे बारे में अपनी माँ से विचार प्रकट कर चुकी है। यदि ऐसा न होता, तो उसकी माँ को इतनी अजीब बात कहने की ज़रूरत क्यों पेश आती?” मार्टिन ने छत को घूरते हुए उत्तर दिया, उसके होंठों पर अब तक मुस्कराहट थी।
“ख़ैर, मैं इस शाप का प्रभाव इस परिवार पर देखता चला आया हूँ। इसलिए मैं गंभीरता से सोच रहा हूँ कि तुम्हें इस लड़की से दूर रहने का निर्देश दे दूँ। मेरी यह बात हृदयंगम कर लो कि यह शादी हरगिज़ नहीं हो सकती।” यह कहते हुए कर्नल की त्योरियाँ चढ़ गईं।
“आपका मतलब है कि मैं स्नेडरा से बिलकुल संबंध विच्छेद कर लूँ?”
“मैं यह बात तुम्हारी इच्छा पर छोड़ रहा हूँ।” कर्नल ने गहरी गंभीरता से कहा, “मैं केवल यह चाहता हूँ कि इस लड़की के बारे में गंभीरता मत अपनाना, नहीं तो मैं बहुत नाराज़ हो जाऊँगा। इस संबंध में तुम्हें मेरी ओर से किसी प्रकार की सहायता की आशा नहीं रखनी चाहिए।”
मार्टिन ने एक लंबी साँस ली और कहा, “बहुत अच्छा, डैडी!”
“तुम अब जा सकते हो।” कर्नल ने कहा, “सावधान रहना!”
मार्टिन पुस्तकालय से बाहर निकला और कुछ देर तक चुपचाप खड़ा सोचता रहा। उसके बाद वह चिंतातुर अंदाज़ में अपने कमरे की ओर बढ़ गया। कुछ देर बाद उसने रिसीवर उठाया और स्नेडरा का नंबर मिलाया।
दूसरी ओर से स्नेडरा की माँ ने कॉल रिसीव की।
मार्टिन जल्दी से बोला, “क्या स्नेडरा बाहर गई हुई है, मिसेज़ मेक्स टेड?”
“मुझे खेद है कि तुम्हारा अनुमान ठीक है।” मिसेज़ मेक्स टेड ने बेहद रूखे स्वर में कहा और बातचीत का सिलसिला काट दिया। मार्टिन चुपचाप खड़ा फ़ोन को घूरता रहा। फिर उसने भी रिसीवर रख दिया। कुछ देर बाद उसने अपना हैट उठाया और तेज़ी से सीढ़ियाँ उतरता हुआ नीचे आया और स्नेडरा के घर की ओर चल दिया। वह इस मामले को साफ़ करना चाहता था। उसे विस्मय था कि इन बड़ों के दिमाग़ में न जाने कहाँ से वहम बैठ गया है!
अभी स्नेडरा के घर से आधे रास्ते में था कि रुक गया। सामने से तेज़-तेज़ चलती हुई एक लड़की आ रही थी। यह लड़की स्नेडरा ही थी। वह निकट आई तो सीधे उसकी बाँहों में समा गई। स्नेडरा ने अस्त-व्यस्त साँसों के बीच पूछा, “क्या अभी कुछ देर पहले फ़ोन पर तुम्हीं मम्मी से बातें कर रहे थे?”
“हाँ, मैंने ही फ़ोन किया था!”
“मेरा भी यही ख़याल था। मम्मी टाल रही थी। पर मेरा अनुमान था कि दूसरी ओर से तुम ही बोल रहे हो। मैं इस समय यही पता करने के लिए तुम्हारे घर जा रही थी।”
“सुनो स्नेडी!” मार्टिन ने प्रेम से कहा, “आख़िर तुम्हारी माँ को यह हरकत करने की क्या ज़रूरत थी? आख़िर मुझसे क्या ग़लती हुई है?”
“कम से कम मेरी जानकारी में तो ऐसी कोई बात नहीं है,” स्नेडरा ने कहा, “मेरा ख़याल है, यह सब उसी शाप का सिलसिला है। मम्मी को भी उसके बारे में अचानक कहीं से पता चला है। क्या तुम इस शाप के बारे में कुछ जानते हो?”
“हाँ, मुझे पता है,” मार्टिन ने कहा, “दुर्भाग्य से मैं अभी-अभी डैडी के साथ इसी विषय पर बातचीत करके आया हूँ, वह भी इस वहम के शिकार हैं। वह पुरातत्त्व विशेषज्ञ रह चुके हैं।”
“बिलकुल यही बात मेरी मम्मी भी कहती हैं,” स्नेडरा ने कहा, “वह रहस्यपूर्ण विद्याओं में रुचि रखती हैं। ज्योतिष विद्या और शुभ नक्षत्रों आदि पर उन्हें बहुत विश्वास है।”
“मेरा भी यही ख़याल है,” मार्टिन ने विवशता से कहा, “आओ, कहीं बैठकर चाय पिएँ।”
दोनों एक कैफ़े में जा बैठे। चाय की प्यालियों में चम्मच हिलाते हुए वे दोनों ग़हरी सोच में डूबे हुए थे।
“मुझे आशा है कि कम से कम तुम इस वहम को कोई महत्त्व नहीं दे रही हो।” कुछ देर बाद मार्टिन ने स्नेडरा को संबोधित करते हुए पूछा। स्नेडरा ने जल्दी से नज़र उठाकर मार्टिन की ओर देखा।
“मेरे बारे में यह ख़याल तुम्हारे मस्तिष्क में कैसे आया?” स्नेडरा ने रूखेपन से कहा, “मैं तो इन बातों को सरासर बकवास समझती हूँ।”
“ख़ैर!” मार्टिन ने एक लंबी साँस ली, “जहाँ तक मेरा ख़याल है, तुम्हारी माँ मुझे एक चंचल नवयुवक समझती हैं, ठीक है न?” स्नेडरा ने उसकी ओर देखा। उसकी आँखों में असीम प्रेम की भावनाएँ करवटें ले रही थीं।
“नहीं मार्टिन, मैंने इस बारे में कभी नहीं सोचा, बस कोई महत्त्वपूर्ण निश्चय करने से पहले तुम्हें चाहिए कि कोई कारनामा दिखाकर यह यक़ीन दिला दो कि तुम कोई नकारा लड़के नहीं हो।”
“ओह, तो मानो तुम मेरे बारे में कभी ग़लतफ़हमी का शिकार नहीं हुईं!” मार्टिन ने निश्चितता की साँस ली, “हमारे घर में तो मेरे डैडी मुझसे ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे मैं उनका बेटा नहीं, बल्कि उनका कोई जूनियर अफ़सर हूँ, वह सदा हुक्म देने के आदी रहे हैं।
“क्या तुम्हारा अपना दिमाग़ काम नहीं करता?” स्नेडरा ने बुरा-सा मुँह बनाया।
मार्टिन ने सीधे स्नेडरा की आँखों में झाँका और उसकी नज़र कुछ देर तक वहीं जमी रही। “तुम ठीक कहती हो! मेरा अपना दिमाग़ मौजूद है। और मैं सदा उसका ही उपयोग करने का आदी रहा हूँ। मैं सोच रहा हूँ स्नेडी...कि क्या तुम मुझसे शादी करोगी?”
स्नेडरा ने आश्चर्य से उसकी ओर देखा। उसकी आँखें सामान्य से अधिक फैली हुई थीं, “यह इस बात पर निर्भर है मार्टिन कि क्या तुम सचमुच मुझसे शादी करना चाहते हो? कहीं ऐसा तो नहीं कि कर्नल और मेरी मम्मी की बात को ग़लत सिद्ध करने के लिए ही तुम शादी का पक्का इरादा कर बैठे हो?” स्नेडरा बोली।
“फ़िलहाल तो तुम इन दोनों ही बातों को सामने रख सकती हो, “मार्टिन ने मुस्कराकर कहा, “मेरी मुलाक़ात बहुत-सी लड़कियों से रही है, पर उनकी स्थिति मेरी दृष्टि में इतना महत्त्व नहीं रखती। ख़ैर, मैं तुमसे बहुत अधिक प्रभावित हूँ स्नेडी!”
यह कहकर मार्टिन कुछ देर चुपचाप सोचता रहा। फिर उसने कहा, “तुम शायद इस बात पर यक़ीन न करो, पर यह सत्य है, तुमसे शादी की प्रार्थना करने का विचार पहले भी कई बार मेरे मस्तिष्क में आ चुका है। मैंने अपने इस विचार को प्रकट नहीं किया, क्योंकि मैं फ़िलहाल स्वतंत्र जीवन व्यतीत करना चाहता था...ख़ैर, मुझे आशा है कि तुम मेरे दिमाग़ में यह विचार अधिक दृढ़ कर सकती हो।”
“यदि तुम मुझसे पूछो तो मैं तुमसे यह आशा कर रही हूँ कि तुम मेरे इरादे को दृढ़ बनाने में मेरी मदद करोगे।”
मार्टिन के जाते ही कर्नल भी सीधा स्नेडरा के घर पहुँचा। उसकी माँ ने कर्नल का गरिमापूर्वक स्वागत किया, वे दोनों बैठक में जा बैठे।
“मैंने आज लड़के को हतोत्साहित किया है!” कर्नल ने कहकहा मारकर कहा, “मुझे यक़ीन है कि वह अब तुम्हारे घर की ओर नहीं आएगा।”
“लेकिन कर्नल,” मिसेज़ मैक्स टेड ने गंभीरता से कहा, “हम पारिवारिक परंपराओं के विरुद्ध एक-दूसरे को चाहते हैं, और इस वहम को ग़लत सिद्ध करना चाहते हैं, जो एक अवधि से दोनों परिवारों में दीवार बना हुआ है। मेरा विचार है, हमें अब शादी करने में देर नहीं करनी चाहिए।”
“तुम्हारा विचार ठीक है। मैं कल ही एक दावत में शादी की घोषणा कर दूँगा।” कर्नल ने कहा और विजयपूर्ण अंदाज़ में बाईं मूँछ को बल देने लगा। उसने प्रेम से मिसेज़ मैक्स टेड का हाथ थाम लिया और मिसेज़ मैक्स टेड, जिसके पति का निधन हुए छह वर्ष हो गए थे, उसकी बाँहों में गिर गई।