चाँदी की डिबिया (नाटक) : जॉन गाल्सवर्दी, अनुवादक : प्रेमचन्द, बी० ए०
The Silver Box (Play in Hindi) : John Galsworthy
चाँदी की डिबिया (नाटक) : पात्र-सूची
जान बार्थिविक : मेम्बर पार्लियामेंट, धनी और लिबरल दल का
मिसेज़ बार्थिविक : उसकी स्त्री
जैक बार्थिविक : उनका बेटा
रोपर : उनका वकील
मिसेज़ जोन्स : उनकी नौकरानी
मारलो : उनका ख़िदमतगार
ह्वीलर : उनकी ख़िदमतगारिन
जोन्स : मिसेज़ जोन्स का शौहर
मिसेज़ सेडन : घर की मालकिन
स्नो : जासूस
पुलीस मैजिस्ट्रेट :
एक अपरिचित स्त्री :
दो छोटी अनाथ लड़कियाँ :
लिवेन्स : उन लड़कियों का बाप
दारोग़ा :
मैजिस्ट्रैट का क्लार्क :
अर्दली :
पुलीस के सिपाही, क्लार्क और अन्य दर्शक :
समय : वर्त्तमान। पहले दो अंकों की घटना ईस्टर-ट्युज़डे को होती है। तीसरे अंक की घटना ईस्टर-वेंसडे (बुध) को।
चाँदी की डिबिया : अंक १ : दृश्य पहला
(राकिंहम गेट, जान बार्थिविक का भोजनालय)
परदा उठता है, और वार्थिविक का नए ढंग से सजा हुआ बड़ा खाने का कमरा दिखाई देता है। खिड़की के परदे खिचे हुए हैं। बिजली की रौशनी हो रही है। एक बड़ी गोल खाने की मेज़ पर एक तश्तरी रक्खी हुई है, जिसमें व्हिस्की, एक नलकी और एक चाँदी की सिगरेट की डिबिया है। आधी रात गुज़र चुकी है।
'दरवाज़े के बाहर'">वज़ार दकेबाहर कुछ हल चल सुनाई देती है। दरवाज़ा झोंके से खुलता है; जैक वार्थिविक कमरे में इस तरह आता है, मानो गिर पड़ा है।। वह दरवाज़े का कुण्डा पकड़कर खड़ा सामने देख रहा है और आनन्द से मुसकुरा रहा है। वह शाम के कपड़े पहिने हुए है, और वह हैट लगाए हुए है जो तमाशा देखते वक्त लगाई जाती है। उसके हाथ में एक नीले रंग का मख़मल का ज़नाना बटुआ है। उसके लड़कोंधे चेहरे पर ताज़गी झलक रही है। डाढ़ी और मूँछ मुड़ी हुई है। उसके बाजू पर एक ओवरकोट लटक रहा है।
जैक
अहा! मैं मज़े से घर पहुँच गया--
[विवाद के भाव से]
कौन कहता है, कि मैं बिना मदद के दरवाजा नहीं खोल सकता था?
[वह लड़खड़ाता है, बटुए को झुलाता हुआ अन्दर आता है। एक ज़नाना रूमाल और लाल रेशम की थैली गिर पड़ती है।]
खूब झाँसा दिया--सभी चीज़ गिरी पड़ती हैं। कैसा चकमा दिया है चुड़ैल को, उसका बेग साफ़ उड़ा लाया,
[बटुए को झुलाता है।]
खूब झाँसा दिया,
[चाँदी की डिबिया से एक सिगरेट निकाल कर मुँह में रख लेता है।]
उस गधे को कभी कुछ नहीं दिया!" [अपनी जेब टटोलता है और एक शिलिङ्ग बाहर निकालता है। वह उसके हाथ से छूटकर गिर पड़ती है, और लुढ़क जाती है। वह उसे खोजता है।]
इस शिलिंग का बुरा हो!
[फिर खोजता है।]
एहसान को भूलना नीचता है ! मगर कुछ भी नहीं,
[वह हँसता है।]
मैं उससे कह दूँगा कि मेरे पास कुछ भी नहीं है।
[वह दरवाज़े से रगड़ता हुआ निकलता है, और दालान से होता हुआ ज़रा देर में लौट आता है। उसके पीछे-पीछे जोन्स आता है, जो नशे में चूर है। जोन्स की उम्र लगभग तीस साल है। गाल पिचके हुए, आँखों के गिर्द गड्ढे पड़े हुए, कपड़े फटे हुए हैं, वह इस तरह ताकता है जैसे बेकार हो और पिछलगुए की भाँति कमरे में आता है।]
जैक
शिः और चाहे जो कुछ करो मगर शोर मत करना। दरवाज़ा बन्द कर दो और थोड़ी-सी पियो।"
[बड़ी गंभीरता से।]
तुमने मुझे दरवाज़ा खोलने 'में'">मैं मदद दी--मगर मेरे पास कुछ है नहीं। यह मेरा घर है, मेरे बाप का नाम वार्थिविक है--वह पार्लिमेंट का मेम्बर हैं उदार--मेम्बर है। यह मैं तुमसे पहिले ही बता चुका। थोड़ी--सी पियो
[वह शराब ढालता है, और पी जाता है।]
मुझे नशा नहीं है,
[सोफा पर लेटकर।]
कोई हर्ज नहीं। तुम्हारा क्या नाम है? मेरा नाम वार्थिविक है, मेरे बाप का भी यही नाम है; मैं भी लिबरल हूँ।--तुम क्या हो?
जोन्स
[भारी तेज़ आवाज़ में।]
मैं तो पक्का 'अनुदार' हूँ। मेरा नाम है जोन्स। मेरी बीबी यहाँ काम करती है; वह मज़दूरनी है, यहाँ काम करती है।
जैक
जोन्स?
[हँसता है।]
एक दूसरा जोन्स मेरे साथ कॉलेज में पढ़ता है। मैं खुद साम्यवादी नहीं हूँ। मैं लिबरल हूँ।--दोनों में बहुत कम अन्तर है। क्योंकि लिबरल दल के सिद्धान्त ही ये हैं। हम सब क़ानून के सामने बराबर हैं--बेहूदी बात है, बिलकुल वाहियात,
[हँसता है।]
मैं क्या कहने जा रहा था। मुझे थोड़ी सी व्हिस्की दो।
[जोन्स उसे व्हिस्की देता है, और नलकी से पानी का छींटा मारता है।]
मैं तुमसे यह कहने जा रहा था, कि मेरी उससे तकरार हो गई।
[बटुए को झुलाता है।]
थोड़ी सी पीलो जोन्स--तुम्हारे बग़ैर यह काम ही न हो सकता--इसी से मैं तुम्हें पिला रहा हूँ। अगर कोई जान भी जाय, कि मैंने उसके रुपये उड़ा दिए, तो क्या परवा। चुडैल!
[सोफ़ा पर पैर रख लेता है।]
शोर मत करो और जो चाहे सो करो। शराब उंडेलो और ख़ूब डटकर पियो। सिगरेट लो, जो चाहे सो लो। तुम्हारे बग़ैर वह हरगिज़ न फँसती।
[आँखे बन्द करके।]
तुम टोरी हो, मैं ख़ुद लिबरल हूं, थोड़ी-सी पियो। मैं बड़ा बाँका आदमी हूँ।
[उसका सिर पीछे की तरफ़ लटक जाता है, वह मुसकुराता हुआ सो जाता है, और जोन्स खड़ा होकर उसकी तरफ़ ताकता है; तब जैक के हाथ से गिलास छीनकर पी जाता है। वह बटुए को जैक की कमीज़ के सामने से उठा लेता है। उसे रोशनी में देखता है और सूँघता है।]
जोन्स
आज किसी अच्छे आदमी का मुँह देखकर उठा था। [ जैक के सामने की जेब में उसे ठूस देता है ]
जैक
[ बड़बड़ाता हुआ। ]
चुडैल! कैसा चकमा दिया।
[ जैक चारों तरफ़ कनखियों से देखता है, वह व्हिस्की उँडेलकर पी जाता है तब चाँदी की डिबिया से एक सिगरेट निकाल कर दो एक दम लगाता है, और व्हिस्की पीता है फिर उसे बिलकुल होश नहीं रहता।]
जोन्स
बड़ी अच्छी-अच्छी चीज़ें जमा की हैं,
[ वह ज़मीन पर पड़ी हुई लाल थैली को देखता है। ]
है माल बढ़िया।
[ वह उसे ऊँगली से छूता है, किश्ती में रख देता है और जैक की तरफ ताकता है। ]
है मोटा आसामी। [ वह आईने में अपनी सूरत देखता है। अपने हाथ उठाकर और उंगलियों को फैलाकर वह उसकी तरफ़ झुकता है; तब फिर मुट्ठी बाँधकर जैक की तरफ ताकता है, मानो नींद में उसके मुसकुराते हुए चेहरे पर घूंसा मारना चाहता है। एकाएक वह बाक़ी बची हुई ह्विस्की ग्लास में उँडेलता है और पी जाता है। तब कपटमय हर्ष के साथ वह चाँदी की डिबिया और थैली उठाकर जेब में रख लेता है। ]
बचा मैं तुम्हें चरका दूँगा। इस फेर में न रहना।
[ गुरगुराती हुई हँसी के साथ वह दरवाज़े की ओर लड़खाता हुआ जाता है। उसका कंधा स्विच से टकरा जाता है, रोशनी बुझ जाती है। किसी बन्द होते हुए दरवाज़े की आवाज़ सुनाई देती है। ]
परदा गिरता है।
परदा फिर तुरन्त उठता है।
चाँदी की डिबिया : अंक १ : दृश्य २
[ वार्थिविक का खाने का कमरा। जैक अभी तक सोया हुआ है। सुबह की रौशनी परदों से होकर आ रही हैं। सुबह की रोशनी परदों से होकर आ रही है। समय साढ़े आठ बजे का है। ह्वीलर जो एक फुर्तीली औरत है, कूड़े की टोकरी लिये आती है। और मिसेज़ जोन्स आहिस्ता-आहिस्ता कोयले की टोकरी लिए दाख़िल होती है। ]
ह्वीलर
[ परदा उठाकर ]
जब तुम कल चली गईं, तो वह तुम्हारा निखट्ट शौहर तुम्हारी टोह में चक्कर लगा रहा था। मैं समझती हूँ, शराब के लिए तुमसे रुपया मांँग रहा था। वह 'आधे'">आध घंटे तक यहाँ कोने में पड़ा रहा। जब मैं कल रात को डाक लेने गई तो मैंने उसे होटल के बाहर खड़े देखा। अगर तुम्हारी जगह में होती, तो कभी उसके साथ ने रहती। मैं कभी ऐसे आदमी के साथ न रहती, जो मुझ पर हाथ साफ़ करता। मुझसे यह बरदाश्त ही न होता। तुम लड़कों को लेकर क्यों नहीं उसे छोड़ देती हो? अगर तुम यह बरदाश्त करती रहोगी, तो वह और भी सिर चढ़ जायगा। मेरी समझ में नहीं आता, कि महज़ शादी कर लेने से कोई आदमी क्यों तुम्हें दिक़ करे।
मिसेज़ जोन्स
[ काली आँखें और काले बाल, चेहरा अण्डाकार, आवाज़ चिकनी, नर्म और मीठी। सूरत से सहनशील मालूम होती है। उदासी से बातें करती है। वह नीले रंग का कपड़ा पहिने हुए है और उसके जूते में सूराख़ हैं। ]
वह आधी रात को घर आया और अपने होश में न था। उसने मुझे जगाया और पीटने लगा। उसे सिर पैर की कुछ ख़बर ही नहीं मालूम होती थी। मैं उसे छोड़ना तो चाहती हूँ, मगर डरती हूँ, न मालूम मेरे साथ क्या करे। जब वह नशे में होता है, तो उसके क्रोध का वारापार नहीं रहता।
ह्वीलर
तुम उसे क़ैद क्यों नहीं करा देतीं? जब तक तुम उसे बड़े घर न पहुँचा दोगी, तुम्हें चैन न मिलेगा। अगर मैं तुम्हारी जगह होती, तो कल ही पुलीस में इत्तला कर देती। वह भी समझता कि किसी से पाला पड़ा था।
मिसेज़ जोन्स
हाँ मुझे जाना तो चाहिए, क्योंकि जब वह नशे में होता है तो मेरे साथ बुरी तरह पेश आता है। लेकिन बहिन! बात यह है कि उन्हें आजकल बड़ा कष्ट है।---दो महीने से घर बैठे हुए हैं। और यही फ़िक्र उन्हें सता रही है। जब कहीं मजूरी लग जाती है, तब वह इतना उजडुपन नहीं करते। जब ठाले बैठते हैं तभी उनके सिर भूत सवार होता है।
ह्वीलर
अगर तुम हाथ पैर न हिलाओगी, तो उससे गला न छूटेगा।
मिसेज़ जोन्स
अब यह दुर्गति नहीं सही जाती; मुझे रात-रात भर जागते गुज़र जाती है। और यह भी नहीं है कि कुछ कमाकर लाता हो क्योंकि घर का सारा बोझ मेरे सिर है। ऐसी-ऐसी गालियाँ देता है, क्या कहूँ। कहता है कि तू शुहदों को साथ लिये फिरती है। बिलकुल झूठी बात है, मुझसे कोई आदमी नहीं बोलता, हाँ, वह ख़ुद औरतो के पीछे पड़ा रहता है। उसकी इन्हीं सब बातों से मेरा जी जला करता है। मुझे धमकाता है, कि अगर तुमने मुझे छोड़ा तो सिर काट लूँगा। यह सब शराब और चिंता का फल है। हाँ, यों आदमी वह बुरा नहीं है। कभी-कभी वह मुझसे मीठी-मीठी बातें करता है, लेकिन मैंने उसके हाथों इतने दुःख भोगे हैं कि उसकी मीठी बातें भी बुरी लगती हैं। मैं तो उसकी बातों का जबाब तक नहीं देती। जब नशे में नहीं होता, तो लड़कों से भी प्रेम करता है।
ह्वीलर
तुम्हारा मतलब है, जब वह नशे में होता है?
मिसेज़ जोन्स
हाँ
[उसी स्वर में।]
वह छोटे साहब सोफ़ा पर सोए हुए हैं।
[ दोनों चुपचाप जैक की तरफ़ ताकती हैं।]
मिसेज जोन्स
[ नर्म आवाज़ में। ]
मालूम होता है, नशे में हैं।
ह्वीलर
शुहदा है, शुहदा, मुझे विश्वास है, कि तुम्हारे शौहर की तरह इसने भी रात को पी थी। इसकी बेकारी एक दूसरी ही तरह की है, जिसमें पीने ही की सूझती है। जाकर मारलो से कह आऊँ, यह उसका काम है।
[ वह चली जाती है ]
[ मिसेज़ जोन्स झुककर धीरे-धीरे झाड़ू देने लगती है।]
जैक
[ जाग कर। ]
कौन है? क्या बात है?
मिसेज़ जोन्स
मैं हूँ सरकार, मिसेज़ जोन्स।
जैक
[उठ बैठता है, और चारों तरफ़ ताकता है। ]
मै कहाँ हूं? क्या वक्त है?
मिसेज़ जोन्स
नौ का अमल होगा हुज़ूर। नौ
जैक
नौ! क्यों? क्या?
[ उठकर ज़बान चलाता है और सिर पर हाथ फेरकर मिसेज़ जोन्स की तरफ़ घूरकर देखता है। ]
देखो तुम मिसेज़ जोन्स, यह न कहना कि तुमने मुझे यहाँ सोते पाया।
मिसेज़ जोन्स
न कहूँगी, न कहूँगी सरकार।
जैक
इत्तफ़ाक की बात है! मुझे याद नहीं आता कि मैं यहाँ कैसे सो गया। शायद मैं चारपाई पर जाना भूल गया। अजीब बात है। मारे दर्द के सिर फटा जाता है। देखो मिसेज़ जोन्स, किसी से कुछ कहना मत।
[ बाहर जाता है ड्योढ़ी में मारलो से मुठभेड़ होती है। मारलो जवान और गंभीर है। उसकी डाढ़ी मूँछ साफ़ है, और बाल माथे की तरफ़ से कंघी करके मुरगे की कलगी की तरह ऊपर उठा दिए गए हैं। है तो वह ख़ानसामा, लेकिन अच्छे चाल चलन का आदमी है। वह मिसेज़ जोन्स को देखता है, और ओंठ दबाकर मुसकुराता है। ]
मारलो
पहिली बार नहीं पी है, और न अंतिम बार ही है। ज़रा कुछ बौखलाया हुआ मालूम होता था क्यों मिसेज़ जोन्स?
मिसेज़ जोन्स
अपने होश में न थे, लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया।
मारलो
तुम्हारी तो आदत पड़ी हुई है। तुम्हारे शौहर का क्या हाल है?
मिसेज़ जोन्स
[ नर्म आवाज़ से ]
कल रात को तो उन की हालत अच्छी न थी। कुछ सिर पैर की ख़बर ही न थी। बहुत रात गए आए, और गालियाँ बकते रहे। लेकिन इस वक़्त सो रहे हैं।
मारलो
इसी तरह मज़दूरी ढूंढ़ी जाती है, क्यों?
मिसेज जोन्स
उनकी आदत तो यह है, कि रोज़ सवेरे काम की तलाश में निकल जाते हैं। और कभी-कभी इतने थक जाते हैं कि घर आते ही गिर पड़ते हैं। भला यह कैसे कहूँ कि वह काम नहीं खोजते। ज़रूर खोजते हैं। रोजगार मंदा है।
[ वह टोकरी और झाड़ू सामने रक्खे चुप चाप खड़ी हो जाती है। ज़िन्दगी की अगली पिछली बातें किसी वन्य दृश्य की भाँति उसकी आखों के सामने आने लगती है, और वह उन्हें स्थिर, उदासीन नेत्रों से देखती है। ]
लेकिन मेरे साथ वह बुरी तरह पेश आते हैं। कल रात उन्हों ने मुझे पीटा और ऐसी ऐसी गालियां दीं कि रोंगटे खड़े होते हैं।
मारलो
बैंक की छुट्टी थी, क्यों? उसे होटल का चस्का पड़ गया है। यही बात है। मैं उसे रोज़ बड़ी रात तक कोने में बैठे देखता हूँ। वहीं फिरा करता है।
मिसेज़ जोन्स
काम की खोज में दिन भर दौड़ते-दौड़ते बहुत थक जाते हैं। और कहीं कोई दूसरा रोज़गार भी नहीं मिलता, इसलिए अगर एक घूँट भी पी लेते हैं, तो सीधे दिमाग़ पर चढ़ जाती है। लेकिन जिस तरह वह मेरे साथ पेश आते हैं, उस तरह अपनी बीबी के साथ न पेश आना चाहिए। कभी-कभी तो वह मुझे घर से निकाल देते हैं। और मैं सारी रात मारी-मारी फिरती हूँ। वह मुझे घर में घुसने भी नहीं देते। पीछे से पछताते हैं। और वह मेरे पीछे-पीछे लगे रहते हैं, गलियों में मुझ पर ताक लगाए रहते हैं, उन्हें ऐसा न चाहिए, क्योंकि मैंने कभी उनके साथ दगा नहीं की। और मैं उन से कहती हूँ, कि मिसेज़ बार्थिविक को तुम्हारा आना अच्छा नहीं लगता। लेकिन इस पर उन्हें क्रोध आ जाता है, और वह अमीरों को गालियाँ देने लगते हैं। उनकी नौकरी भी इसी वजह से छूटी, कि वह मुझे बुरी तरह सताते थे। तबसे वह अमीरों के जानी दुशमन हो गये हैं। उन्हें देहात में सईसी की अच्छी जगह मिल गई थी। लेकिन जब मुझे मारने-पीटने लगे, तो बदनाम हो गए।
मारलो
सज़ा हो गई?
मिसेज़ जोन्स
हां; मालिक ने कहा, मैं ऐसे आदमी को नहीं रक्खूँगा, जिसकी लोग इतनी निन्दा करते हैं। उसने यह भी कहा कि इसकी देखादेखी और लोग भी ऐसा ही करेंगे। लेकिन यहाँ का काम छोड़ दूँ तो मेरा निबाह न हो। मेरे तीन बच्चे हैं। और मैं नहीं चाहती कि वह मेरे पीछे-पीछे गलियों में घूमें और शोर ग़ुल मचाएँ।
मारलो
[ खाली बोतल को ऊपर उठाकर ]
एक बूंद भी नहीं! अगर अबको तुम्हें मारे, तो एक गवाह लेकर सीधे कचहरी चली जाना।
मिसेज़ जोन्स
हाँ मैंने ठान लिया है। ज़रूर जाऊँगी।
मारलो
हूँ! सिगरेट की डिबिया कहाँ है ?
[ वह चांदी की डिबिया ढूंढता है । मिसेज़ जोन्स की तरफ देखता है, जो हाथों और घुटनों के बल झाडू दे रही है, वह रुक जाता है, और खड़ा-खड़ा कुछ सोचने लगता है। वह तश्तरी में से दो अधजले सिगरेट उठा लेता है, और उनके नाम पढ़ता है। ]
नेस्टर---डिबिया कहाँ चली गई?
[ वह विचारपूर्ण भाव से फिर मिसेज़ जोन्स को देखता है, और जैक का ओवरकोट लेकर जेबें टटोलता है। ह्वीलर नाश्ते की तश्तरी लिए आती है। ]मारलो
[ ह्वीलर से अलग ]
तुमने सिगरेट की डिबिया देखी है?
ह्वीलर
नहीं।
मारलो
तो वह गा़यब हो गई। मैंने रात उसे तश्तरी में रख दिया था, और उन्होंने सिगरेट पिया भी।
[ सिगरेट के जले हुए टुकड़े दिखाकर ]
इन जेबों में नहीं है। आज ऊपर कब ले गए? जब वह नीचे आयें तो उनके कमरे में खूब तलाश करना। यहाँ कौन-कौन आया था?
ह्वीलर
अकेली मैं और मिसेज़ जोन्स।
मिसेज जोन्स
यह कमरा तो हो गया, क्या बैठक भी साफ़ कर लूँ?
ह्वीलर
[ उसे सन्देह से देखकर ]
तुमने देखा है? पहिले इस छोटी कोठरी को साफ़ कर दो।
[ मिसेज़ जोन्स टोकरी और ब्रुश लिए बाहर चली जाती है, मारलो और ह्वीलर एक दूसरे के मुँह की ओर ताकते हैं ]
मारलो
पता तो चल ही जायगा।
ह्वीलर
[ हिचकिचाकर ]
ऐसा तो नहीं हुआ है कि उसने---
[ द्वार की ओर देखकर सिर हिलाती है। ]
मारलो
[ दृढ़ता से ]
नहीं, मैं किसी पर संदेह नहीं करता।
हीलर
लेकिन मालिक से तो कहना ही पड़ेगा।
मारलो
जरा ठहरो, शायद मिल ही जाय, हमें किसी पर संदेह न करना चाहिए। यह बात मुझे पसन्द नहीं।
परदा गिरता है।
तुरन्त ही फिर परदा उठता है।
चाँदी की डिबिया : चाँदी की डिबिया : अंक १ : दृश्य ३
[ बार्थिविक और मिसेज़ बार्थिविक मेज़ पर बैठे नाश्ता कर रहे हैं, पति की उम्र ५० और ६० के बीच में है। चेहरे से ऐसा मालूम होता है, कि अपने को कुछ समझता है। सिर गंजा है, आँखों पर ऐनक है, और हाथ में टाइम्स पत्र है। स्त्री की उम्र ५० के लगभग होगी। अच्छे कपड़े पहिने हुए हैं। बाल खिचड़ी हो गए हैं। चेहरा सुन्दर है, मुद्रा दृढ़ है। दोनों आमने-सामने बैठे हैं। ]
बार्थिविक
[ पत्र के पीछे से ]
बार्नसाइड के बाई इलेक्शन में मजूर दल का आदमी आ गया प्रिये।
मिसेज़ बार्थिविक
मजूर दल का दूसरा आदमी आ गया! समझ में नहीं आता लोग क्या करने पर तुले हुए हैं।
बार्थिविक
मैंने तो पहिले ही कहा था। मगर इससे होता क्या है।
मिसेज़ बार्थिविक
वाह! तुम इन बातों को इतनी तुच्छ क्यों समझते हो। मेरे लिए तो यह आफ़त से कम नहीं। और तुम और तुम्हारे लिबरल भाई इन आदमियों को और शह देते हैं।
बार्थिविक
[ भौहें चढ़ाकर ]
सब दलों के प्रतिनिधियों का होना उचित सुधार के लिए ज़रूरी है।
मिसेज़ बार्थिविक
तुम्हारे सुधार की बात सुनकर मेरा जी जल उठता है। समाज सुधार की सारी बातें पागलों की सी हैं। हम खूब जानते हैं कि उनका क्या मंशा है। वे सब कुछ अपने लिए चाहते हैं। ये साम्यवादी और मजूर दल के लोग परले सिरे के मतलबी हैं; न उनमें देशभक्ति है। ये सब ऊँचे दरजे के लोग हैं। वे भी वही चाहते हैं, जो हमारे पास मौजूद है।
बार्थिविक
जो हमारे पास है वह चाहते हैं!
[ आकाश की ओर देखता है ]
तुम क्या कहती हो प्रिये?
[ मुँह बनाकर ]
मैं कान के लिये कौवे के पीछे दौड़नेवालों में नहीं हूं।
मिसेज़ बार्थिविक
मलाई दूँ? सबके सब बौखल हैं। देखते जाव थोड़े दिनों में हमारी पूंजी पर टैक्स लगेगा। मुझे तो विश्वास है, कि वह हर एक चीज पर कर लगा देंगे। उन्हें देश का तो कोई ख़याल ही नहीं। तुम लिबरल और कंज़रवेटिव सब एक से हो। तुम्हें नाक के आगे तो कुछ दिखाई ही नहीं देता। तुममें ज़रा भी विचार नहीं है। तुम्हें चाहिए कि आपस में मिल जाव, और इस अँखुए को ही उखाड़ दो।
बार्थिविक
बिलकुल वाहियात बक रही हो। यह कैसे हो सकता है कि लिबरल और कंजरवेटिव मिल जाँय। इससे मालूम होता है कि औरतों के लिए यह कितनी---लिबरलों का सिद्धांत ही यह है, कि जनता पर विश्वास किया जाय।
मिसेज़ बार्थिविक
चुपके से नाश्ता करो जॉन, मानो तुममें और कंज़रवेटिवों में बड़ा भारी फर्क है। सभी बड़े आदमियों के एक ही सिद्धांत और एकही स्वार्थ होते हैं।
(शांत होकर)
उफ़! तुम ज्वालामुखी पर बैठे हो जॉन ।
बार्थिविक
क्या!
मिसेज़ बार्थिविक
मैं ने कल पत्र में एक चिट्ठी पढ़ी थी, उस आदमी का नाम भूलती हूँ, लेकिन उसने सारी बातें खोलकर रख दी थीं। तुम लोग किसी बात की असलियत नहीं समझते।
बार्थिविक
हूँ! ठीक।
[ भारी स्वर से ]
मैं लिबरल हूँ, इस विषय को छोड़ो।
मिसेज़ बार्थिविक
टोस्ट दूँ? मैं इस आदमी के विचारों से सहमत हूँ! शिक्षा, नीची श्रेणी के आदमियों को चौपट कर रही है। इस से उनका सिर फिर जाता है, और यह सभी के लिये हानिकर है। मैं नौकरों के रंग ढंग में अब वह बात ही नहीं पाती।
बार्थिविक
[ कुछ संदेह के साथ ]
अगर तबदीली से कोई अच्छी बात पैदा हो जाय, तो मैं उसका स्वागत करने को तैयार हूँ।
[ एक ख़त खोलता है ]
अच्छा, मास्टर जैक का कोई नया मामला है, "हाई स्ट्रीट आक्सफ़ोर्ड। महाशय, हमारे पास मि०। जान बार्थिविक की ४० पौंड की हुन्डी आयी है।" अच्छा यह ख़त उसके नाम है! "हम अब इस चेक को भेजते हैं, जो आपने हमारे यहां भुनाया था, पर जैसा मैं अपने पहले पत्र में लिख चुका हूँ, जब वह आपके बैंक में भेजा गया तो उन लोगों ने उसे नहीं सकारा। भवदीय मास एंड सन्स, टेलर्स।" ख़ूब!
[ चेक को ध्यान से देखकर ]
है मज़ेदार बात! इस लौंडे पर तो मुक़दमा चल सकता है।
मिसेज़ बार्थिविक
जाने भी दो जान, जैक की नीयत बुरी न थी। उसने यही समझा होगा कि मैं कुछ रुपए ऊपर ले रहा हूँ। मेरा अब भी यही ख़याल है कि बैंक को वह चेक भुना देना चाहिए था। उन लोगों को मालूम होगा कि तुम्हारी कितनी साख है।
बार्थिविक
[ पत्र और चेक को फिर लिफ़ाफ़े में रखकर ]
अदालत में लाला की आँखें खुल जातीं।
[ जैक आ जाता है। उसे देखते ही वह चुप हो जाता है, वास्केट के बटन बंद कर लेता है। ठुड्डी पर अस्तुरा लग गया है। उसे दबा लेता है।]
जैक
[ उन दोनों के बीच में बैठकर और प्रसन्न मुख बनने की इच्छा करके ]
खेद है मुझे देर हो गई
[ प्यालों को अरुचि से देखकर ]
अम्मा, मुझे तो चाय दीजिए। मेरे नाम का कोई ख़त है?
[ बार्थिविक उसे ख़त दे देता है ]
यह क्या बात है, इसे खोल किसने डाला? मैं आप से कह चुका मेरे ख़तो
बार्थिविक
[ लिफ़ाफ़े को छूकर ]
मेरा ख़याल है कि यह मेरा ही नाम है।
जैक
[ खिन्न होकर ]
आप ही का नाम तो मेरा भी नाम है। इसे मैं क्या करूँ।
[ ख़त पढ़ता है और बड़बड़ाता है ]
बदमाश!
वार्थिविक
[ उसे देखकर ]
तुम इतने सस्ते छूटने के लायक़ नहीं हो।
जैक
क्या अभी आप मुझे काफ़ी नहीं कोस चुके!
मिसेज़ बार्थिविक
क्यों उसे दिक़ करते हो जॉन? कुछ नाश्ता कर लेने दो।
बार्थिविक
अगर मैं न होता तो जानते हो तुम्हारी क्या दशा होती? यह संयोग की बात है----मान लो तुम किसी ग़रीब आदमी या क्लर्क के बेटे होते। ऐसा चेक भुनाना जिसे तुम जानते हो कि चल न सकेगा, क्या कोई मामूली बात है! तुम्हारी सारी ज़िंदगी बिगड़ जाती। अगर तुम्हारे यही ढंग हैं, तो ईश्वर ही मालिक है। मैं तो ऐसी बातों से हमेशा दूर रहा।
जैक
आपके हाथ में हमेशा रुपए रहते होंगे। अगर आपके पास रुपए का ढेर हो तो फिर इसकी ज़रूरत --
जॉन
मेरी हालत ठीक इसकी उलटी थी। मेरा बाप कभी मुझे काफ़ी रुपए न देता था।
जैक
आपको कितना मिलता था?
जॉन
इसमें कोई सार नहीं। सवाल है, क्या तुम अनुभव करते हो कि तुमने कितना बड़ा अपराध किया है।
जैक
यह सब मैं कुछ नहीं जानता। हाँ अगर आपका खयाल है कि मैंने बेजा किया तो मुझे दुःख है। मैं तो यह पहले ही कह चुका। अगर मैं पैसे पैसे को मुहताज न होता तो कभी ऐसा काम न करता।
बार्थिविक
चालीस पौंड में से अब कितने बच रहे?
जैक
[हिचकता हुआ]
ठीक याद नहीं, मगर ज़्यादा नहीं है।
बार्थिविक
आख़िर कितना?
जैक
[उद्दंडता से]
एक पैसा भी नहीं बचा।
बार्थिविक
क्या?
जैक
मारे दर्द के सिर फटा जाता है
[अपने हाथ पर सिर झुका लेता है]
मिसेज बार्थिविक
सिर में दर्द कब से होने लगा बेटा? कुछ नाश्ता तो कर लो।
जैक
[सांस खींचकर]
बड़ा दर्द हो रहा है!
मिसेज बार्थिविक
क्या उपाय करूँ? मेरे साथ आओ बेटा! मैं तुम्हें ऐसी चीज़ खिला दूंगी कि सारा दर्द तुरन्त जाता रहेगा।
[दोनों कमरे से चले जाते हैं; और बार्थिविक ख़त को फाड़कर अँगेठी में डाल देता है। इतने में मारलो आ जाता है और चारों ओर आँखें दौड़ा कर जाना चाहता है।]
बार्थिविक
क्या है मारलो? क्या खोज रहे हो?
मारलो
मि० जॉन को देख रहा था।
बार्थिविक
मि० जॉन से क्या काम है?
मारलो
मैंने समझा शायद यहां हों।
बार्थिविक
[सन्देह के भाव से ]
हाँ, लेकिन उनसे तुम्हें काम क्या है?
मारलो
[ लापरवाई से ]
एक औरत आई है। कहती है उनसे कुछ कहना चाहती हूँ।
बार्थिविक
औरत! इतने सवेरे! कैसी औरत है?
मारलो
[ स्वर से बिना कोई भाव प्रकट किए हुए ]
कह नहीं सकता हज़ूर। कोई खास बात नहीं। मुमकिन है कुछ मांगने आई हो। मेरा ख़याल है कोई ख़ैरात मांगनेवाली है।
बार्थिविक
क्या उन औरतों के से कपड़े पहने है?
मारलो
जी नहीं, मामूली कपड़े पहने है।
बार्थिविक
कुछ मांगना चाहती है?
मारलो
जी नहीं।
वार्थिविक
तुम उसे कहाँ छोड़ आए हो?
मारलो
बड़े कमरे में हुजूर!
बार्थिविक
बड़े कमरे में! तुम कैसे जानते हो कि वह चोरनी नहीं है? घर की कुछ टोह लेने आई हो?
मारलो
मुझे ऐसी तो नहीं मालूम होती।
वार्थिविक
ख़ैर, यहां लाओ। मैं खुद उससे मिलूँगा।
[मारलो चुपके से सिर हिलाकर भय प्रकट करता चला जाता है। ज़रा देर में एक पीले मुख की युवती को साथ लिए लौटता है। उसकी आँखें काली हैं, चेहरा सुन्दर, कपड़े तरहदार हैं, और काले रंग के। लेकिन कुछ फूहड़ है। सिर पर एक काली टोपी है जिस पर सुफेद किनारी है। उस पर परमा के बैंजनी फूलों का एक गुच्छा बेढंगेपन से लगा हुआ है। मि० बार्थिविक को देखकर वह हक्काबक्का हो जाती है। मारलो चला जाता है। ]
अपरिचित स्त्री
अरे! क्षमा कीजिएगा। कुछ भूल हो गई है।
[ वह जाने के लिए घूमती है ]
बार्थिविक
आप किससे मिलना चाहती हैं श्री मती जी?
अपरिचित
[ रुककर और पीछे की ओर देखकर ]
मैं मि० जान बार्थिविक से मिलना चाहती थी।
बार्थिविक
जान बार्थिविक तो मेरा ही नाम है श्रीमती जी। मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ?
अपरिचित
जी---मैं यह नहीं---
[ आँखें झुका लेती है बार्थिविक उसे ध्यान से देखता है और ओठों को सिकोड़ता है। ]
बार्थिविक
शायद आप मेरे बेटे से मिलना चाहती हैं?
अपरिचित
[ जल्दी से]
हाँ हाँ, यही बात है।
बार्थिविक
पूछ सकता हूँ कि मुझे किससे बातें करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है?
अपरिचित
[ उसके मुख पर विनय और आग्रह का भाव दिखाई देता है ]
मेरा नाम है---मगर ज़रूरत ही क्या है। मैं झमेला नहीं करना चाहती। मैं ज़रा एक मिनट के लिये आपके बेटे से मिलना चाहती हूँ।
[ साहस से ]
सच तो यह है कि मेरा उनसे मिलना बहुत ज़रूरी है।
बार्थिविक
[ अपनी बेचैनी को दबाकर ]
मेरे बेटे की तो आज तबीयत कुछ ख़राब है। अगर ज़रूरत हो तो मैं आपका काम कर सकता हूँ। आप अपनी ज़रूरत बयान करें।
अपरिचित
जी---लेकिन मेरा उनसे मिलना ज़रूरी है। मैं इसी इरादे से आई हूँ। मैं कोई झमेला नहीं करना चाहती, लेकिन बात यह है---रात को---आपके बेटे ने उड़ादी---उन्होंने मेरी---
[ रुक जाती है ]
बार्थिविक
[ कठोर स्वर में ]
हाँ हाँ कहिए, क्या?
अपरिचित
वह मेरा---बटुआ उठा ले गए।
बार्थिविक
आपका बटु.....
अपरिचित
मुझे बटुए की चिन्ता नहीं है। उसकी मुझे ज़रूरत नहीं। मैं सच कहती हूँ मेरा इरादा बिलकुल नहीं है कि कोई झमेला हो।
[ उसका चेहरा काँपने लगता है ]
लेकिन---लेकिन---मेरे सब रुपए उसी बटुए में थे।
बार्थिविक
किस चीज़ में---किस चीज़ में?
अपरिचित
मेरे बटुए में एक छोटी सी थैली में रखे हुए थे। लाल रंग की रेशमी थैली थी। सच कहती हूँ, मैं न आती---मैं कोई झमेला नहीं करना चाहती। लेकिन मुझे रुपए मिलने चाहिए, कि नहीं?
बार्थिविक
क्या आपका यह मतलब है कि मेरे बेटे ने---?
अपरिचित
जी समझ लीजिए, वह अपने........मेरा यह मतलब कि वह-
बार्थिविक
मैं आपका मतलब नहीं समझा।
अपरिचित
[ अपने पैर पटककर मोहक भाव से मुसकुराती है ]
ओह! आप समझते नहीं---वह पिए हुए थे। मुझसे तकरार हो गई।
बार्थिविक
[ इसे बेशर्मी की बात समझकर ]
कैसे? कहाँ?
अपरिचित
[ निःशंक भाव से ]
मेरे घर पर। वहां एक दावत थी, और आपके सुपुत्र---
बार्थिविक
[ घंटी बजाकर ]
मैं पूछ सकता हूँ कि आपको यह घर कैसे मालूम हुआ? क्या उसने अपना नाम और पता बतला दिया था?
अपरिचित
[ नज़र फेरकर ]
मैंने उनके ओवर कोट से निकाल लिया।
बार्थिविक
[ ताने की मुसकुराहट के साथ ]
अच्छा! आपने उसके ओवरकोट से निकाल लिया। वह इस वक्त इस प्रकाश में आपको पहचान जायगा?
अपरिचित
पहचान जायगा? क्या इसमें भी कोई शक है।
[ मारलो आता है। ]
बार्थिविक
मि० जॉन से कहो नीचे आवें।
[ मारलो चला जाता है और बार्थिविक बेचैन होकर कमरे में टहलने लगता है ]
आपकी और उसकी जान पहचान कितने दिन से है?
अपरिचित
केवल---केवल गुडफ्रा़इडे से।
बार्थिविक
मेरी समझ में नहीं आता, मैं फिर कहता हूँ, मेरी समझ में नहीं आता----
[ वह अपरिचित स्त्री को कनखियों से देखता है, जो आँखें नीची किए खड़ी हाथ मल रही है। इतने में जैक आ जाता है। उसे देखकर वह ठिठक जाता है और अपरिचित स्त्री सनकियों की भांति खिलखिला पड़ती है। सन्नाटा छा जाता है ]
बार्थिविक
[ गंभीरता से ]
यह युवती--–महिला कहती हैं कि गई रात को---क्यों श्रीमती जी, गई रात को ही न---तुमने इनकी कोई चीज़ उठाली---
अपरिचित
[ आतुरता से ]
मेरा बटुआ ओर मेरे सब रुपए उसी लाल रेशमी थैली में थे।
जैक
बटुआ?
[ इधर उधर ताकता है कि निकल भागने का मौक़ा कहीं है ]
मैं बटुआ क्या जानूँ।
बार्थिविक
[ तेज़ आवाज़ में ]
घबड़ाओ मत। तुम्हें गई रात को इन श्रीमती जी से मिलने से इनकार है?
जैक
इनकार! इनकार क्यों होने लगा?
[ स्त्री से धीमे स्वर में ]
तुमने मेरा नाम क्यों बतला दिया? तुम्हारे यहाँ आने की क्या ज़रूरत थी?
अपरिचित
[ आँखों में आँसू भर लाकर ]
मैं सच कहती हूँ मैं नहीं चाहती थी---तुमने उसे मेरे हाथ से छीन लिया था। तुम्हें ख़ूब याद होगा---और उस थैली में मेरे सब रुपए थे। मैं रात ही तुम्हारे पीछे पाती, लेकिन मैं भम्भड़ नहीं मचाना चाहती थी, और देर भी बहुत हो गई थी---फिर तुम बिलकुल---
बार्थिविक
जाते कहाँ हो, बतलाओ क्या माजरा है?
जैक
[ चिढ़कर ]
मुझे कुछ याद नहीं।
[ स्त्री से धीमी आवाज़ में ]
तुमने ख़त क्यों न लिख दिया?
अपरिचित
[ नाराज़ होकर ]
मुझे रुपयों की अभी इस वक्त ज़रूरत है---मुझे आज मकान का किराया देना है।
[ बार्थिविक की तरफ़ देखती है ]
ग़रीबों पर सभी दाँत लगाए रहते हैं।
जैक
सचमुच मुझे तो कुछ याद नहीं। रात की कोई बात मुझे याद नहीं है।
[ सिर पर हाथ रखता है ]
बादल-सा छा गया है। और सिर में दर्द भी ज़ोर का हो रहा है।
अपरिचित
लेकिन आपने रुपये तो लिये थे। यह आप नहीं भूल सकते। आपने कहा भी था कि कैसा चरका दिया।
जैक
खै़र तो यहाँ होगा। हाँ अब मुझे कुछ-कुछ याद आ रहा है। मगर मैंने उसे लिया ही क्यों था?
बार्थिविक
हाँ तुमने लिया ही क्यों, यही तो मैं पूछता हूँ?
[ वह तेज़ी से खिड़की की तरफ घूम जाता है ]
अपरिचित
[ मुसकुरा कर ]
तुम अपने होश में न थे, ठीक है न?
जैक
[ शर्म से मुसकुराकर ]
मुझे बहुत खेद है। लेकिन अब मैं क्या कर सकता हूँ?
बार्थिविक
हाँ कर सकते हो, तुम उसका रुपया लौटा सकते हो।
जैक
मैं जाकर तलाश करता हूँ, लेकिन सचमुच मेरे पास रुपए हैं नहीं।
[ वह जल्दी से चला जाता है, और बार्थिविक एक कुर्सी रखकर उस स्त्री को बैठने का इशारा करता है। तब ओठ सिकोड़े हुए वह खड़ा हो जाता है और उसे ध्यान से देखता है। वह बैठ जाती है और उसकी तरफ़ दबी हुई आँख से देखती है। तब वह घूम जाती है और नक़ाब खींचकर चोरी से अपनी आँखें पोंछती है। इतने में जैक आ जाता है। ]
जैक
[ ख़ाली बटुए को दिखाता हुश्रा खिन्न भाव से ]
यही है न? मैंने चारों तरफ़ छान डाला थैली कहीं नहीं मिलती। तुम्हें ठीक याद है, वह इस बटुए में थी?
अपरिचित
[ आँखों में आँसू भर कर ]
याद? हाँ ख़ूब याद है। लाल रंग की रेशमी थैली थी। मेरे पास जो कुछ था सब उसी में था।
जैक
मुझ सच मुच बड़ा दुःख है। सिर में बड़ा दर्द हो रहा है। मैंने ख़िदमतगार से पूछा, लेकिन वह कहता है मैंने नहीं पाया।
अपरिचित
मेरे रुपए आपको देने पड़ेंगे।
जैक
ओह! सब तय हो जायगा, मैं सब ठीक कर दूंँगा। कितने रुपए थे?
अपरिचित
[ खिन्न होकर ]
सात पौंड थे और १२ शिलिंग। वही मेरी कुल संपत्ति थी।
जैक
सब ठीक हो जायगा। मैं तुम्हें एक चेक भेज दूँगा।
अपरिचित
[ उत्सुकता से ]
नहीं साहब, मुझे अभी दे दीजिए, जो कुछ मेरी थैली में था, वह सब दे दीजिए। मुझे आज किराया देना है, वे सब एक दिन के लिए भी न मानेंगे। मैं पहिले ही पन्द्रह दिन पिछड़ गई हूँ।
जैक
मुझे बहुत दुःख है, मैं सच कहता हूँ मेरे जेब में एक कौड़ी भी नहीं है।
[ वह दबी आँखों से बार्थिविक को देखता है ]
अपरिचित
[ उत्तेजित होकर ]
चलिए चलिए, मैं न मानूँगी ये मेरे रुपये हैं और आपने ले लिए हैं। मैं बगैर रुपया लिए घर न जाऊँगी। सब मुझे निकाल देंगे ।
जैक
[ सिर पकड़कर ]
लेकिन जब मेरे पास कुछ है ही नहीं तो दूँ क्या? मैं कह नहीं रहा हूँ कि मेरे पास एक कौड़ी भी नहीं है?
अपरिचित
[ अपना रूमाल नोचकर ]
देखिए मुझे टालिए नहीं।
[ विनय से दोनों हाथ जोड़ लेती है, तब एकाएक सरोष होकर कहती है ]
अगर तुम न दोगे, तो मैं दावा कर दूंँगी, यह साफ़ चोरी है----चोरी।
बार्थिविक
[ बेचैनी से]
ज़रा ठहर जाइए। न्याय तो यही है कि आपके रुपए दिए जाँय और मैं इस मामले को तय किए देता हूँ।
[ रुपए निकालकर ]
यह आठ पौंड हैं, फ़ाज़िल पैसे थैली की क़ीमत और गाड़ी का किराया समझ लीजिए। मुझे और कुछ कहने की ज़रूरत नहीं। धन्यवाद देने की भी कोई ज़रूरत नहीं।
[ घंटी बजाकर वह चुपचाप दरवाज़ा खोल देता है, अपरिचित स्त्री रुपए को बटुए में रख लेती है और जैक की तरफ़ से बार्थिविक को देखती है। उसका मुख पुलकित हो उठता है, वह मुंह अपने हाथ से छिपा लेती है और चुपके से चली जाती है। बार्थिविक दरवाज़ा बन्द कर देता है ]
बार्थिविक
[ गम्भीर भाव से ]
क्यो, कैसी दिल्लगी रही!
जैक
[ विरक्त भाव से ]
संयोग की बात।
बार्थिविक
इस तरह वह चालीस पौंड उड़ गए! पहिले एक बात फिर दूसरी बात। मैं एक बार फिर पूछता हूँ कि अगर मैं न होता, तो तुम्हारी क्या दशा होती? मालूम होता है, तुमने ईमान को ताक़ पर रख दिया। तुम उन लोगों में हो जो समाज के लिए कलंक हैं। तुम जो कुछ न कर गुज़रो वह थोड़ा है। नहीं मालूम तुम्हारी माँ क्या कहेंगी। जहाँ तक---मैं समझता हूँ तुम्हारे इस चलन के लिए कोई उज्र नहीं हो सकता। यह चित्त की दुर्बलता है। अगर किसी ग़रीब आदमी ने यह काम किया होता तो क्या तुम समझते हो, उसके साथ लेशमात्र भी दया की जाती? तुम्हें इसका सबक़ मिलना चाहिए। तुम और तुम्हारी तरह के और आदमी समाज के लिए विष फैलानेवाले हैं।
[ क्रोध से ]
अब फिर कभी मेरे पास मदद के लिए मत आना। तुम इस योग्य नहीं हो कि तुम्हारी मदद की जाय।
जैक
[ अपने पिता की ओर क्रोध से देखता है, उसके मुंह पर लज्जा या पश्चात्ताप का कोई भाव नहीं है। ]
अच्छी बात है, न आऊँगा। देखूँ आप इसे कहाँ तक पसन्द करते हैं। इस वक्त भी आप ने मेरी मदद न की होती, अगर आपके प्राण इस भय से न सूख जाते कि यह बात पत्रों में छप जायगी। सिगरेट कहाँ है।
बार्थिविक
[ बेचैनी से उसे देखकर ]
ख़ैर, अब मैं इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहता।
[ घंटी बजाता है ]
इस बार मैं और छोड़े देता हूँ।
[ मारलो आता है ]
जाओ।
[ टाइम्स के पीछे अपना मुंह छिपा लेता है। ]
जैक
[ प्रसन्न होकर ]
सिगरेट कहाँ है, मारलो?
मारलो
मैंने रात ह्विस्की के साथ सिगरेट का बक्स भी रख दिया था। फिर इस वक्त उसका कहीं पता नहीं।
जैक
मेरे कमरे में देखा?
मारलो
जी हाँ मैं ने सारा घर छान डाला, मैंने नेस्टर सिगरेट के दो टुकड़े तश्तरी में पाए। इससे मालूम होता है, कि आपने रात को पिया होगा।
[ हिचकता हुआ ]
मेरा तो ख़याल है, कि कोई डिबिया को उड़ा ले गया।
जैक
[ बैचैनी से ]
चुरा ले गया?
बार्थिविक
क्या चीज़ है। सिगरेट की डिबिया? और तो कोई चीज़ नहीं ग़ायब हुई?
मारलो
जी नहीं, मैंने प्लेट देख लिया।
बार्थिविक
आज सवेरे घर में तो कुछ गड़बड़ न थी, कोई खिड़की खुली तो न थी।
मारलो
जी नहीं----
[ जैक से आहिस्ता ]
रात आप अपनी कुंजी दरवाज़े में छोड़ गए थे।
[ बार्थिविक की नज़र बचाकर कुंजी दे देता है ]
जैक
ठीक है।
बार्थिविक
आज सुबह कौन कौन कमरे में आया था?
मारलो
मैं, ह्वीलर और मिसेज़ जोन्स, बस। और तो कोई नहीं आया।
बार्थिविक
तुम ने मिसेज़ बार्थिविक से पूछा?
[ जैक से ]
जाकर अपनी माँ से पूछो उनके पास तो नहीं है। यह भी कह दो कि ख़ूब देख लें, कोई और चीज़ तो गुम नहीं हुई।
[ जैक अपनी मां के पास जाता है ]
ऐसी बातों से ख़ाहम ख़ाह चिन्ता हो जाती है।
मारलो
जी हाँ हुज़ूर।
बार्थिविक
तुम्हारा किसी पर संदेह है?
मारलो
जी नहीं।
बार्थिविक
यह मिसेज़ जोन्स? वह यहाँ कितने दिनों से काम कर रही है?
मारलो
इसी महीने से तो आई है।
बार्थिविक
कैसी औरत है?
मारलो
मुझे उस से अधिक परिचय नहीं। देखने में तो सीधी सादी शरीफ़ औरत मालूम होती है।
बार्थिविक
कमरे में आज झाड़ू किसने लगाई?
मारलो
ह्वीलर और मिसेज़ जोन्स ने।
बार्थिविक
[ अपनी पहली उँगली उठाकर ]
अच्छा मिसेज़ जोन्स किसी वक्त कमरे में अकेली भी आई थी?
मारलो
[ उसका चेहरा मद्धिम पड़ जाता है ]
जी हाँ।
बार्थिविक
तुम्हें कैसे मालूम?"
मारलो
[ अनिच्छा के भाव से ]
मैंने उसे यहाँ देखा।
बार्थिविक
ह्वीलर भी अकेली इस कमरे में आई थी?
मारलो
जी नहीं। लेकिन जहाँ तक मैं समझता हूँ मिसेज़ जोन्स बहुत ईमानदार---
बार्थिविक
[ हाथ उठाकर ]
मैं यह जानना चाहता हूँ कि मिसेज़ जोन्स दोपहर तक यहाँ रही?
मारलो
जी हाँ---नहीं नहीं,वह बावर्ची को तलाश करने तरकारी-वाले की दुकान पर गई थी।
बार्थिविक
ठीक! वह इस समय घर में है?
मारलो
जी हाँ है।
बार्थिविक
बहुत अच्छा। मैं इस मामले को साफ़ करके ही दम लूँगा। सिद्धान्त के विचार से यह ज़रूरी है कि असली चोर का पता लगाया जाय। यह तो समाज सङ्गठन की जड़ को हिलानेवाली बात है?
मारलो
जी हाँ।
बार्थिविक
इस मिसेज़ जोन्स की दशा कैसी है? इसका शौहर कहीं काम करता है?
मारलो
काम तो शायद कहीं नहीं करता।
बार्थिविक
बहुत अच्छी बात है। इस विषय में किसी से कुछ मत कहना ह्वीलर से कहो ज़बान न खोले और मिसेज़ जोन्स को यहाँ भेजो।
मारलो
बहुत अच्छा।
[ मारलो चला जाता है। उसका चेहरा बहुत चिंतित है। बार्थिविक वहीं रहता है। उसका चेहरा न्यायगंभीर और कुछ प्रसन्न है, जैसा जाँच करने वाले मनुष्यों का हो जाता है। मिसेज़ बार्थिविक और जैक आते हैं ]
बार्थिविक
क्यों प्रिये, तुमने तो डिबिया नहीं देखी?
मिसेज़ बार्थिविक
ना! लेकिन कैसी विचित्र बात है जान! मारलो की तो कोई बात ही नहीं। ख़िदमतगारिनों में भी मुझे विश्वास है कोई नहीं---हाँ बावर्ची।
बार्थिविक
अच्छा बावर्ची?
मिसेज़ बार्थिविक
हाँ! मुझे किसी पर संदेह करने से घृणा है।
बार्थिविक
इस समय मनोभावों का प्रश्न नहीं, न्याय का प्रश्न है। नीति की रक्षा......
मिसेज़ बार्थिविक
अगर मज़दूरिनी इसके विषय में कुछ जानती हो,तो मुझे आश्चर्य न होगा। लोरा ने उसकी सिफ़ारिश की थी।
बार्थिविक
[ न्याय के भाव से ]
मैंने मिसेज़ जोन्स को बुलाया है। यह मुझ पर छोड़ दो, और याद रक्खो जब तक अपराध साबित न हो जाय कोई अपराधी नहीं है। मैं इसका ख़याल रक्खूँगा। मैं उसे डराना नहीं चाहता, मैं उसके साथ हर तरह की रिआयत करूँगा। मैंने सुना है बहुत बहुत फ़टेहालों रहती हैं। अगर हम गरीबों के साथ और कुछ न कर सकें तो उनके साथ जहाँ तक हो सके हमदर्दी तो करनी ही चाहिए।
[ मिसेज़ जोन्स आती है प्रसन्न मुख होकर ]
ओ, गुडमार्निग मिसेज़ जोन्स।
मिसेज़ जोन्स
[ धीमी और रूखी आवाज में ]
गुडमार्निंग सर, गुडमार्निङ्ग मैडेम।
बार्थिविक
मैंने सुना है तुम्हारे पति आजकल खाली बैठे हुए हैं?
मिसेज़ जोन्स
हाँ हुज़ूर, आजकल उनके पास कोई काम नहीं है।
बार्थिविक
तब तो मेरे ख़याल में वह कुछ कमाते ही न होंगे।
मिसेज़ जोन्स
हाँ हुजूर, आजकल वह कुछ नहीं कमाते
बार्थिविक
और तुम्हारे कितने बच्चे हैं?
मिसेज़ जोन्स
तीन बच्चे हैं हुज़ूर, लेकिन बच्चे बहुत नहीं खाते।
बार्थिविक
सबसे बड़े की क्या उम्र?
मिसेज़ जोन्स
नौ साल की हुज़ूर।
बार्थिविक
स्कूल जाते हैं?
मिसेज़ जोन्स
हाँ हुज़ूर, तीनों बिला नागा मदरसे जाते हैं।
बार्थिविक
[ कठोरता से ]
तो जब तुम दोनों मिया बीवी काम पर चले जाते हो तो बच्चे खाते क्या हैं?
मिसेज़ जोन्स
हुज़ूर, मैं उन्हें खाना देकर भेजती हूँ। लेकिन रोज़ कहाँ खाना मयस्सर होता है हुज़ूर, कभी-कभी बेचारों को बिना कुछ भोजन दिए ही भेज देती हूँ। हाँ जब मेरा मियाँ कहीं काम से लगा रहता है, तो बच्चों पर बड़ा प्रेम करता है। लेकिन जब ख़ाली होता है तो उसकी मति ही बदल जाती है।
बार्थिविक
शायद पीता भी है?
मिसेज़ जोन्स
जी हाँ हुजूर। जब पीता है तो कैसे कहदूँ कि नहीं पीता।
बार्थिविक
तब तो शायद तुम्हारे सब रुपए पीने ही में उड़ा देता होगा?
मिसेज़ जोन्स
जी नहीं, वह मेरे रुपए पैसे नहीं छूते। हाँ जब अपने होश म नहीं रहते तब उनका मन बदल जाता है। तब वह मुझे बुरी तरह पीटते हैं।
बार्थिविक
वह है क्या? कौन पेशा करता है?
मिसेज़ जोन्स
पेशा! साईस है हुज़ूर।
बार्थिविक
साईस! उनकी नौकरी छूट कब से गई?
मिसेज़ जोन्स
उनकी नौकरी छूटे कई महीने होगए हुज़ूर! तब से कोई टिकाऊ काम नहीं मिला हुज़ूर अब तो मोटरों का ज़माना है। उन्हें कौन पूछता है।
बार्थिविक
तुम्हारी शादी उनसे कब हुई थी मिसेज़ जोन्स?
मिसेज़ जोन्स
आठ साल हुए हुज़ूर---वही साल-
मिसेज बार्थिविक
[ तीव्र स्वर से ]
आठ! तुमने तो बड़े लड़के की उम्र नौ साल बतलाई थी।
मिसेज़ जोन्स
हाँ हुज़ूर, इसीलिये तो उनकी नौकरी छूटी। मेरे साथ हरमजदगी की और मालिक ने कहा ऐसे आदमी को रखने से दूसरे आदमी भी बिगड़ेंगे। निकाल दिया।
बार्थिविक
तुम्हारा मतलब...........कुछ ठीक.........
मिसेज़ जोन्स
हाँ हुज़ूर, जब नौकरी छूट गई तो मुझसे शादी करली।
मिसेज़ बार्थिविक
तो शादी के पहिले ही तुम---'
बार्थिविक
जाने भी दो प्रिये।
मिसेज़ बार्थिविक
[ क्रोध से ]
कितनी बेहयाई की बात है!
बार्थिविक
[ जल्दी से ]
तुम आज कल कहां रहती हो मिसेज़ जोन्स?
मिसेज़ जोन्स
हमारे घर नहीं है हुज़ूर। हमें अपनी बहुत सी चीज़ अलग कर देनी पड़ीं हुज़ूर।
बार्थिविक
अलग कर देनी पड़ीं! क्या मतलब? क्या गिरवी रखदीं?
मिसेज जोन्स
हां हुज़ूर, अलग कर दीं। आजकल मरथर स्ट्रीट में रहते हैं हुज़ूर, यहां से बिलकुल पास है। नं० ३४, बस एक कोठरी है।
बार्थिविक
किराया क्या है ?
मिसेज जोन्स
सजे हुए कमरे के ६ शिलिङ्ग हफ़ते के पड़ते हैं हुजूर।
बार्थिविक
तो तुम्हारे ज़िम्मे केराया बाक़ी भी पड़ा होगा?
मिसेज, जोन्स
जी हाँ, कुछ बाक़ी है हुज़ूर।
बार्थिविक
लेकिन तुम्हें तो अच्छी मज़दूरी मिलती है। क्यों?
मिसेज जोन्स
बीफे को एक दिन स्टैमफोर्ड प्लेस में काम करती हूँ। सोम, बुद्ध, और सुक्कर को यहाँ आती हूँ। आज तो आधी छुट्टी है हुज़ूर, कल बैकं बन्द न था।
बार्थिविक
समझ गया। हफ्त़े में चार दिन। आधा क्राउन रोज़ पाती हो न? क्यों?
मिसेज जोन्स
हाँ हुज़ूर और मेरा खाना भी मिलता है। लेकिन जिस दिन आधी छुट्टी होती है उस दिन अठारह पेंस ही मिलते हैं।
बार्थिविक
और तुम्हारा शौहर तो जो कुछ पाता होगा, पीने में उड़ा देता होगा।
मिसेज़ जोन्स
हाँ साहब, कभी कभी उड़ा देते हैं, कभी कभी मुझे दे देते हैं। अगर उन्हें काम मिले तो करने को तैयार हैं हुज़ूर, लेकिन मालूम होता है बहुत से आदमी खाली बैठे हुए हैं।
बार्थिविक
उँह! इन बातों में पड़ने से क्या फ़ायदा
[ सहानुभूति दिखाकर ]
यहाँ तुम्हारा काम बहुत कड़ा तो नहीं है? क्यों?
मिसेज़ जोन्स
नहीं हुज़ूर, ऐसा कुछ कड़ा तो नहीं है, हां जब रात को सोने नहीं पाती तब कुछ अखरता है।
बार्थिविक
हूँ! और तुम सब कमरों में झाड़ू लगवाती हो! कभी कभी बार्वची को बुलाने भी जाना पड़ता है? क्यों न?
मिसेज़ जोन्स
हाँ हुज़ूर!
बार्थिविक
आज भी तुम्हें जाना पड़ा था?
मिसेज़ जोन्स
हां हुज़ूर भाजी वाले की दूकान तक गई थी।
बार्थिविक
ठीक! तो तुम्हारा शौहर कुछ कमाता नहीं और बदमाश है?
मिसेज़ जोन्स
जी नहीं, बदमाश नहीं है। मैं समझती हूँ वह बहुत अच्छा आदमी है, हां कभी कभी मुझे पीटता है। मैं उसे छोड़ना नहीं चाहती हालांकि मेरे मन में आता है कि उसके पास से चली जाऊं क्योंकि मेरी समझ में ही नहीं आता उसके साथ रहूँ कैसे। वह आए दिन मुझे मारा करता है। थोड़े दिन हुए, उसने मुझे यहाँ एक घूसा मारा था
[ अपनी छाती को छूती है ]
अभी तक दर्द हो रहा है। मैं तो समझती हूं उसे छोड़ दूं, आप क्या कहते हैं हुज़ूर?
बार्थिविक
वाह! मैं इस बारे में क्या कह सकता हूँ? अपने शौहर को छोड़ देना बुरी बात है, बहुत बुरी बात।
मिसेज़ जोन्स
जी हां! मुझे यही डर लगता है कि उसे छोड़ दूँ तो न जाने मेरी क्या गति करे। बड़ा गुस्सैल है, हुजूर।
बार्थिविक
इस मामले में मैं कुछ नहीं कह सकता। मैं तो नीति की बात कहता हूँ।
मिसेज़ जोन्स
हाँ हुजूर; मैं जानती हूँ इन मामलों में कोई मेरी मदद न करेगा। मुझे आपही कोई सह निकालनी पड़ेगी। उन्हें भी तो ठोकरें खानी पड़ती हैं। लड़कों को बहुत चाहते हैं हुजूर, और उन्हें भूखे मदरसे जाते देखकर उनके दिल पर चोट लगती है।
बार्थिविक
[ जल्दी से]
खैर-धन्यवाद। मेरे जी में पाया कुछ तुम्हारा हाल चाल पूँछू। अब मैं तुम्हें और न रोकूंगा।
मिसेज़ जोन्स
आप को धन्यवाद देती हूं, हुजूर।
बार्थिविक
अच्छा गुडमार्निङ्ग!
मिसेज़ जोन्स
गुडमार्निङ्ग हुजूर, गुडमार्निङ्ग बीबी।
बार्थिविक
[ अपनी पत्नी से आंखें मिलाकर ]
जरा सुन लो मिसेज़ जोन्स, मैं समझता हूँ तुमको बतला देना
उचित है, एक चाँदी की सिगरेट की डिबिया ग़ायब हो गई है।
मिसेज़ जोन्स
[ कभी इसका मुंह देखती है, कभी उसका ]
मुझे यह सुनकर बहुत दुख हुआ, हुजूर।
बार्थिविक
तुमने तो शायद उसे नहीं देखा। क्यों?
मिसेज़ जोन्स
[ समझ जाती है कि मेरे ऊपर संदेह किया जा रहा है; घबड़ा कर ]
कहाँ थी हुज़ूर? बतला दीजिए।
बार्थिविक
[ बात बनाकर ]
मारलो कहां कहता था? इस कमरे में? हाँ इसी कमरे में!
मिसेज जोन्स
जी नहीं, मैंने नहीं देखी। अगर मैं देखती तो कह देती।
बार्थिविक
[ उसे उड़ती हुई निगाह से देखकर ]
भूल तो नहीं रही हो? खूब याद कर लो।
मिसेज़ जोन्स
[अविचलित होकर ]
खूब याद कर लिया।
[ धीरे से सिर हिलाकर ]
मैंने नहीं देखा और न जानती हूँ कि कहां है।
[ चुप चाप चली जाती है ]
[ बार्थिविक, उसका बेटा, और पत्नी एक दूसरे की ओर कनखियों से देखते हैं ]
परदा गिरता है
चाँदी की डिबिया : अंक २-दृश्य १
[ जोन्स का घर ]
मरथर स्ट्रीट। समय २॥ ०बजे। कमरे में कोई सामान नहीं है, फटे हुए चिकट कपड़े हैं, और रंगी हुई दीवारें। साफ़ सुथरी दरिद्रता झलक रही है। जोन्स आधे कपड़े पहिने चारपाई पर लेटा हुआ है। उसका कोट उसके पैरों पर पड़ा हुआ है और कीचड़ से भरे हुए बूट पास ही ज़मीन पर रक्खे हैं। वह सो रहा है। दरवाज़ा खुलता है, और मिसेज़ जोन्स आती है। वह फटा हुआ काला जाकिट पहिने हुए है। सिर पर काली मल्लाहों की सी टोपी है। वह टाइम्स पत्र में लिपटा हुआ एक पारसल लिए हुए हैं। पारसल नीचे रख देती है, और उसमें से एक एपरन (वह कपड़ा जो काम करने वाली स्त्रियां गाउन के ऊपर लपेट लेती हैं), आधी रोटी, दो प्याज़, तीन आलू, और मांस का एक छोटा सा टुकड़ा निकालती है। ताक पर से एक चायदान उतार कर उसको धोती है, और एक चाय की पुड़िया में से थोड़ी सी बारीक चाय डालती है। उसे अंगीठी पर रखती है, और पास ही एक लकड़ी की कुर्सी पर बैठ कर रोने लगती है।
जोन्स
[ जागकर जमुहाई लेता हुआ ]
ओह तुम हो! क्या वक्त है?
मिसेज़ जोन्स
[ आँखें पोछकर और मामूली आवाज में ]
ढाई बजे हैं।
जोन्स
तुम इतनी जल्द क्यों लौट आई?
मिसेज़ जोन्स
आज आधे दिन काम था, जेम।
जोन्स
[ चित्त लेटा हुआ और नींद भरी आवाज़ में ]
कुछ खाने के लिये है?
मिसेज़ जोन्स
मिसेज बार्थिविक के वावर्ची ने मुझे थोड़ा सा मांस दिया है। मैं उसको उबालने जा रही हूँ।
[ पकाने की तैयारी करती है ]
किराये के १४ शिलिंग बाकी हैं जेम, और मेरे पास कुल २ शिलिंग और चार पेन्स रह गए हैं। आजही मांगने आते होंगे।
जोन्स
[ उसकी तरफ़ फिर कर, कुहनियों के बल लेटा हुआ ]
आएँ और थैली उठा ले जायें! काम खोजते खोजते तो मैं तंग आ गया हूँ। मैं क्यों काम के लिए चक्कर लगाता हूँ? जैसे गिलहरी पिंजरे में नाचती है! "हुज़ूर मुझे काम दीजिये"--- "हुज़ूर एक आदमी रखलें"---"मेरी बीबी और तीन बच्चे हैं," इन बातों से मेरा जी ऊब गया। इससे तो अच्छा यही है, कि यहीं पड़े पड़े मर जाऊँ। लोग मुझसे कहते हैं "जोन्स, कल जुलूस में शरीक हो जाव, एक झंडा उठा लो, और लालमुंह वाले नेताओं की बातें सुनो। फिर अपना सा मुंह लिए घर लौट जाव"। कुछ लोगों को यह पसंद होगा। जब मैं काम की टोह में जाता हूँ और उन बदमाशों को अपनी ओर सिर से पैर तक ताकते देखता हूँ, तो जान पड़ता है मेरे हजारों साँप काट रहे हैं। मैं किसी से कोई रियायत नहीं चाहता। एक आदमी पसीने की कमाई खाना चाहता है, पर उसे काम नहीं मिलता। कैसी दिल्लगी है! एक आदमी छाती फाड़ कर काम करना चाहता है, कि किसी तरह प्राण बचें ओर उसे कोई नहीं पूछता! यह न्याय है!---यह स्वाधीनता है! और न जाने क्या-क्या है।
[ दीवार की तरफ़ मुँह फेर लेता है। ]
तुम इतनी सीधी सादी हो, तुम नहीं जानतीं कि मेरे भीतर कितनी हलचल मची हुई है। मैं इन बच्चों के खेल से तंग आ गया हूँ। अगर कोई उन्हें चाहता है, तो मेरे पास आए,
[ मिसेज़ जोन्स पकाना बद कर देती है, और मेज़ के पास चुपचाप खड़ी हो जाती है। ]
मैं सब कुछ करके हार गया। जो कुछ होनेवाला है, उससे नहीं डरता। मेरी बातों को गिरह बांध लो। अगर तुम समझती हो, कि मैं उनके पैरों पर गिरूंगा, तो तुम्हारी भूल है। मैं किसी से काम न मागूंगा चाहे जान ही क्यों न जाती रहे। तुम इस तरह क्यों खड़ी हो जैसी कोई दुखियारी, असहाय मूरत हो? इसी से मैं तुम्हें छोड़ता नहीं। अब तुम्हें काम करने का ढंग आ गया। लेकिन इतना सीधापन भी किस काम का। तुम्हारे मुंह में तो जैसे जीभ ही नहीं है।
मिसेज़ जोन्स
[ धीरे से ]
जब तुम अपने होश में रहते हो, तो ऐसी पटाँग बातें करते हो, जैसी नशे में नहीं करते। अगर तुन्हें काम न मिला हमारी गुजर कैसे होगी? मालिक मकान यहां रहने न देगा। वह तो आज रुपए के लिए आता होगा।
जोन्स
तुम्हारे इस बार्थिविक को देखता हूँ, रोज़ की बंसी बजाता हुआ पार्लिमेंट में जाता और वहां गला फाड़ फाड़ कर चिल्लाता और उसके छोकरे को भी देखता हूं, जो से इधर-उधर ऐंठता फिरता है। उन्होंने कौन सा काम किया है, कि वे यों गुत उड़ायें। अपनी ज़िन्दगी में कभी एक दिन भी उन्होंने काम नहीं किया। मैं उन्हें हर रोज देखता हूं ।
मिसेज़ जोन्स
मैं यह चाहती हूँ, कि तुम इस तरह मेरे पीछे पीछे न लगे रहा करो। न जाने तुम क्यों मेरे पीछे लगे रहते हो। तुम्हारा वहां घूमना उन्हें अच्छा नहीं लगता। उन लोगों को भी शक होता है।
जोन्स
मेरा जहां जी चाहेगा, वहां जाऊँगा। आखिर कहां जाऊँ। उस दिन एजुवेयर रोड पर एक जगह गया। मैनेजर से बोला----"हुजूर मुझे रख लीजिये; मुझे दो महीने से कोई काम नहीं मिला; बिना काम किए अब रहा नहीं जाता। मैं काम करनेवाला आदमी हूं। आप जो काम चाहें मुझे दें। मैं किसी काम से नहीं डरता।" उसने कहा, "भले आदमी, सुबह से इस वक्त तक ३० आदमी आ चुके हैं। मैंने पहले दो आदमी ले लिये। इससे ज़्यादा की मुझे ज़रूरत नहीं।" मैं बोला---"आपको धन्यवाद देता हूँ साहब, संसार में आग ही लग जाय तो अच्छा।" उसने कहा--- "यों गाली बकने से काम नहीं मिलेगा, अब चल दो।"
[ हँसता है ]
चाहे तुम भूखों मर रहे हो, पर तुम्हें मुँह खोलने का हुक्म नहीं। इसका ख़याल भी मत करो। चुप चाप सहते जाव। यही समझदार आदमियों का दस्तूर है। ज़रा दूर और आगे चला, तो एक लेडी ने मुझसे कहा---
[ आवाज़ नीची करके ]
क्यों जी कुछ काम करके दो चार पैसे कमाना चाहते हो?" और मुझे कुत्ता दिया कि उसे दुकान के बाहर पकड़े खड़ा रहूं। खानसामे की तरह मोटा था। --- मनों मांस खा गया होगा। उसको पालने में ढ़ेरों मांस लग गया होगा। वह यह समझ कर दिल में खुश हो रही थी, कि मैंने एक ग़रीब आदमी का उपकार किया। लेकिन मैं देख रहा था कि यह तांबे के ज़ीने पर खड़ी मुझे ताक रही थी, कि मैं उसका मोटा ताज़ा कुत्ता लेकर कहीं रफू चक्कर न हो जाऊँ।
[ वह चार पाई की पट्टी पर बैठ जाता है, और बूट पहिनता है। तब ऊपर ताक कर ]
तुम सोच क्या रही हो?
[ मिन्नत करके ]
क्या तुम्हारे मुंह में ज़बान नहीं है?
[ कुण्डी खटकती है, और घर की मालकिन मिसेज़ सेडन आती है। वह एक चिंतित, फूहड़ और जल्दबाज औरत है। मज़दूरों के से कपड़े पहिने हुए। ]
मिसेज़ जोन्स, जब तुम आई तब हमें तुम्हारी आहट मिल गई थी। मैंने अपने शौहर से कहा लेकिन वह कहते हैं कि मैं एक दिन के लिए भी नहीं मान सकता।
जोन्स
[ त्योरियां चढ़ाकर मसख़रेपन से ]
शौहर को बकने दो, तुम स्वाधीन स्त्रियों की तरह अपनी मरज़ी पर चलो। यह लो जेनी, यह उन्हें दे दो।
[ अपने पाजामे की जेब से एक सावरेन निकाल कर वह अपनी स्त्री की ओर फेंकता है। स्त्री हाँपकर उसे अपने एपरन में ले लेती है। जोन्स फिर जूते का फीता बांधने लगता है। ]
मिसेज़ जोन्स
[ सावरेन को छिपाकर मलती हुई ]
मुझे खेद है कि अबकी इतनी देर हो गई। तुम्हारे चौदह शिलिग आते हैं। यह सावरेन लो। मुझे ६ शिलिंग लौटा दो।
[ मिसेज़ सेडन सावरेन ले लेती है और इधर उधर घुमाती है। ]
जोन्स
[ जूते की तरफ़ आँखे किये हुए ]
तुम्हें अचरज हो रहा होगा, क्यों?
मिसेज़ सेडन
तुमको बहुत बहुत धन्यवाद! तुमने मेरे ऊपर बड़ी कृपा की।
[ वह सचमुच विस्मित हो जाती है ]
मैं रेज़गी लाए देती हूँ।
जोन्स
[ मुंह बनाकर ]
इसकी क्या जरूरत है? मिसेज़ सेडन, तुमको बहुत बहुत धन्यवाद! तुमने मेरे ऊपर बड़ी कृपा की।
[चली जाती है]
[मिसेज़ जोन्स, जोन्स की ओर ताकती है जो अभी तक फीते बाँध रहा है]
जोन्स
आज ज़रा तकदीर खुल गई।
[लाल थैली और कुछ फुटकल रेज़गियाँ निकाल कर]
एक थैली पड़ी मिल गई। सात पौंड से कुछ ज्यादा हैं।
मिसेज़ जोन्स
यह क्या किया, जेम्स?
जोन्स
यह क्या किया, जेम्स? किया क्या। पड़ी मिली उठा ली। खोई हुई चीज़ है। और क्या!
मिसेज़ जोन्स
लेकिन उस पर किसी का नाम तो होगा! या कुछ और!
जोन्स
नाम? नहीं किसी का नाम नहीं है। यह उन लोगों की नहीं है जो मुलाकाती कार्ड लेकर चलते हैं। यह किसी पक्की लेडी का है। ज़रा सूंघो तो।
[वह थैली को उसकी तरफ फेंकता है। वह उसे धीरे से नाक के पास ले जाती है।]
अब तुम्हीं बतलाओ मुझे क्या करना चाहिये था। तुम्हीं बतलाओ।
मिसेज़ जोन्स
[थैली को रखकर]
यह तो मैं नहीं बता सकती, जेम्स, कि तुम्हें क्या करना चाहिये था। लेकिन रुपए तुम्हारे न थे। तुमने किसी दूसरे के रुपए ले लिए।
जोन्स
जिसने पाया उसका हो गया। मैं इसे उन दिनों की मजूरी समझूंगा जब मैं गलियों में उस चीज के लिये ठोकर खाता फिरा जो मेरा हक़ है। मैं इसे पिछली मजूरी समझ कर ले रहा हूँ।
[विचित्र गर्व से]
रुपए मेरी जेब में हैं, जानी।
[मिसेज जोन्स फिर भोजन बनाने की तैयारी करने लगती है। जोन्स उसकी ओर कनखियों से देख रहा हैं]
हाँ, मेरी जेब में रुपए हैं। और अबकी मैं इसे उड़ाऊँगा नहीं, इसीसे कैनाडा चला जाऊँगा। तुम्हें भी एक पौंड दे दूँगा।
[चुप]
तुम मुझे छोड़ने की कई बार धमकी दे चुकी हो, तुमने बारहा मुझसे कहा है कि मैं तुम्हारे ऊपर बड़ी सख्ती करता हूं। मैं यहाँ से चला जाऊंगा तब तो तुम चैन से रहोगी।
मिसेज़ जोन्स
[ शिथिलतासे ]
सख़्ती तो तुमने मेरे साथ की है, जोन्स, और मैं तुम्हें जाने से रोक भी नहीं सकती। लेकिन तुम्हारे जाने की मुझे खुशी होगी या नहीं, यह मैं नहीं जानती।
जोन्स
इससे मेरी तकदीर पलट जायगी। जब से तुम्हारे साथ ब्याह हुआ तब से कभी भले दिन न देखे।
[ कुछ नर्मी से ]
और न तुम्हें कभी पिकनिक ही मिला।
मिसेज़ जोन्स
अगर हमारी तुम्हारी मुलाकात न हुई होती तो बहुत अच्छा होता। हम लोग एक दूसरे के लिये बनाए ही नहीं गए। लेकिन तुम हाथ धोकर मेरे पीछे पड़ गए, और अब तक पड़े हुए हो। और तुम मेरे साथ कितनी बुरी तरह पेश आते हो। जेम्स---उस छोकरी रायस के फेरे में पड़े रहते हो? तुम्हें शायद इन लड़कों का कभी ख़याल भी नहीं आता जिन्हें हमने पैदा किया है। तुम नहीं समझते कि उनके पालने में मुझे कितनी कठिनाई पड़ती है, और तुम्हारे चले जाने पर उन पर क्या पड़ेगी।
जोन्स
[ खिन्न मन से कमरे में टहलता हुआ ]
अगर तुम समझ रही हो कि मैं लड़कों को छोड़ दूंगा तो तुम भूल कर रही हो।
मिसेज़ जोन्स
यह तो मैं जानती है कि तुम उन्हें प्यार करते हो।
जोन्स
[ थैली को उंगलियों पर फिराता हुआ, कुछ क्रोध से ]
अभी तो यों ही चलने दो। में न रहूंगा तो छोकरे तुम्हारे साथ बड़े मज़े में रहेंगे। अगर मैं जानता कि यह हाल होगा तो मैं एक को भी न पैदा करता। क्या फायदा है इससे कि लड़कों को पैदा करके इस विपत्ति में डाल दिया जाय?यह पाप है, और कुछ नहीं। लेकिन हमारी आखं बहुत देर में खुलती हैं। संसार का यही ढंग है।
[ थैली को फिर जेब में रख लेता है।
मिसेज़ जोन्स
हाँ, यह इन बेचारों के हक़ में बहुत अच्छा होता। लेकिन हैं तो यह तुम्हारे ही लड़के, और मुझे तुम्हारे मुंह से ऐसी बातें सुनकर अचरज होता है। अगर मेरे पास यह न रहें तो मेरा तो ज़रा भी जी न लगे।
जोन्स
[ घुन्नाया हुआ ]
यही सब का हाल है। अगर मैं वहाँ कुछ कमा सका---
[ उसे अपना कोट हिलाते देखकर, कठोर स्वर में ]
कोट मत छुओ।
[ चांदी की डिबिया जेब से गिर पड़ती है और सिगरेट चारपाई पर बिखर जाते हैं। डिबिया को वह उड़ा लेती है और उसे ध्यान से देखती है। वह झपटकर उसके हाथ से डिबिया छीन लेता है। ]
मिसेज़ जोन्स
[ चारपाई को टेककर झुकी हुई ]
ओ जेम! ओ जेम!
जोन्स
[ डिबिया को मेज़ पर पटक कर ]
फिजूल बक मत करो। जब मैं यहाँ से चलूंगा तो इस डिबिया को उसी थैली के साथ पानी में डाल दूंगा। मैंने इसे उस वक्त उठा लिया जब मैं नशे में था; और नशे में जो काम किए जाते हैं उनका ज़िम्मेदार कोई नहीं होता, ब्रह्मवाक्य है। मुझे इसकी क्या ज़रूरत है, मैं इसे लेकर करूंगा क्या? मैंने जलकर दम्भ इसे निकाल लिया था। मैं तुमसे कह चुका मैं चोर नहीं हूँ, और अगर तुमने मुझे चोर कहा तो बुरा होगा।
मिसेज़ जोन्स
[ एपरन की डोरी को ऐंठती हुई ]
यह मिसेज बार्थिविक की है। तुमने मेरे नाम में बट्टा लगा दिया। अरे जेम, तुम्हें यह सूझी क्या?
जोन्स
क्या मतलब?
मिसेज़ जोन्स
वहाँ इसकी तलाश हो रही है लोगों का मुझ पर शुभा है। तुम्हें यह सूझी क्या, जेम?
जोन्स
मैं तुमसे कह चुका मैं नशे में था। मुझे इसकी चाह नहीं है। यह मेरे किस काम की है। अगर मैं इसे गिरो रखने जाऊ तो पकड़ जाऊं मैं चोर नहीं हूं। अगर मैं चोर हूँ तो लौंडा बार्थिविक मुझसे कहीं बड़ा चोर है। यह थैली जो मैंने पड़ी पाई, वही एक लेडी के घर से उठा लाया था। लेडी से कुछ झगड़ा हो गया बस उसने उस बेचारी की थैली उड़ा ली। बराबर कहता रहा कैसा चरका दिया। उसने लेडी को चरका दिया। मैंने लौंडे को चरका दिया। पल्ले सिरे का मक्खीचूस है। और देख लेना उसका बाल भी बांका न होगा।
मिसेज़ जोन्स
[ मानो आपही आप बातें कर रही हो ]
ओ जेम! हमारी लगी लगाई रोजी चली जायगी!
जोन्स
अगर ऐसा हुआ तो मैं भी उनकी ख़बर लूंगा।
न थैली कहीं गई है, न लौडा बार्थिविक कहीं गया है।
[ मिसेज़ जोन्स मेज़ के पास आती है और डिबिया को उठा लेना चाहती है, जोन्स उसका हाथ पकड़ लेता है। ]
तुम्हें उससे क्या मतलब है? मैं कहता हूं सीधे से रखदो।
मिसेज़ जोन्स
मैं इसे लौटा दूंगी और जो जो हुआ है सब साफ़ साफ़ कह दू़ंगी।
[ वह उसके हाथ से डिबिया छीन लेना चाहती है ]
जोन्स
न मानोगी तुम?
[ वह डिबिया को छोड़ देता है और गुर्राकर उस पर झपटता है वह चारपाई के उस पार चली जाती हैं। वह उसके पीछे लपकता है। एक कुरसी उलट जाती है। दरवाजा खुलता है और स्नो अन्दर आता है। वह खुफ़िया पुलीस का आदमी है इस वक्त सादे कपड़े पहने हुए है। उसकी मूछें कतरी हुई हैं। जोन्स हाथ गिरा देता है मिसेज़ जोन्स हाँकती हुई खिड़की के पास खड़ी हो जाती है। स्नो तेजी से मेज़ की तरफ जाता है और डिबिया उठा लेता है। ]
स्नो
अच्छा यहाँ तो चुहल हो रही है। जिस चीज़ को तलाश में था वही मिल गई । जे० बी० ठीक वही है।
[ वह दरवाजे के पास जाता है और डिबिया के अक्षरों को गौर से देखता है मिसेज़ जोन्स से]
मैं पुलीस का अफसर हूँ। तुम्हीं मिसेज़ जोन्स हो?
मिसेज़ जोन्स
जी हां।
स्नो
मुझे हुक्म है कि तुम्हें जे० बार्थिविक, मेम्बर पार्लेमेण्ट नं० ६ राकिंघम गेट की यह डिबिया चुरा लेने के अपराध में पकड़ लूं। तुम्हारा बयान ठीक न हुआ तो तुम फंस जावगी क्या कहती हो?
मिसेज़ जोन्स
[ धीमे स्वर में। वह अभी तक हांफ रही है और छाती पर हाथ रखे हुये है ]
मैं सच कहती हूँ, साहब, मैंने इसे नहीं लिया।
मैं पराई चीज कभी छूती ही नहीं मैं इसके बारे में कुछ नहीं जानती।
स्नो
'तुम आज सवेरे वहाँ गई थीं, जिस कमरे में यह डिबिया थी उसमें तुमने झाड़ू लगाई, तुम कमरे में अकेली थीं। डिबिया यहां तुम्हारे घर में रखी हुई है। फिर भी तुम कहती हो मैंने नहीं लिया?
मिसेज़ जोन्स
जी हाँ। जो चीज़ नहीं ली, उसे कैसे कह दूँ कि ली है।
स्नो
तब वह डिबिया यहाँ कैसे आ गई?
मिसेज़ जोन्स
मैं इस विषय में कुछ न कहना ही उचित समझती हूँ।
स्नो
यह तुम्हारे पति हैं?
मिसेज़ जोन्स
जी हाँ, यह मेरे पति हैं।
स्नो
मैं इन्हें गिरफ़तार करने जा रहा हूँ। तुम्हें कुछ कहना तो नहीं है?
[ जोन्स सिर झुकाए मौन बैठा रहता है ]
तो ठीक है। चलो मिसेज़ जोन्स। मैं तुमको इतना ही कष्ट दूँगा कि चुप चाप मेरे साथ चली आओ।
मिसेज़ जोन्स
[ हाथ मलते हुए ]
अगर मैंने लिया होता तो मैं यह कभी न कहती कि मैंने नहीं लिया---मैंने नहीं लिया, आप से सच कहती हूँ। यह मैं जानती है कि देखने में मैं ही अपराधिन है, लेकिन असली तबा मैं नहीं बता सकती। मेरे बच्चे मदरसे गए हैं, थोड़ी देर में आते होंगे। मुझ न पावेंगे तो उन बेचारों का न जाने क्या हाल होगा।
स्नो
तुम्हारा पति उनकी देख भाल कर लेगा, घबराने की कोई बात नहीं।
[ वह उसका हाथ आहिस्ता से पकड़ता है ]
जोन्स
तुम उसका हाथ छोड़ दो वह ठीक कहती हैं। डिबिया मैंने ली।
स्नो
[ उसकी तरफ आँखें उठाकर ]
शाबाश! शाबाश! बहादुर आदमी हो। चलो मिसेज जोन्स।
जोन्स
[ क्रोध से ]
उसे छोड़ दे, सुअर। वह मेरी बीबी है। वह शरीफ़ औरत है। अगर उसे पकड़ा तो तुम जानोगे।
स्नो
ज़रा होश में आओ। इन बातों से क्या फ़ायदा ज़बान सँभाल कर बात करो----खैरियत इसी में है।
[ वह मुंह में सीटी लगाता है और स्त्री को द्वार की ओर खींचता है ]
जोन्स
[ झपट कर ]
उसे छोड़ दो और हाथ हटालो, नहीं हड्डी तोड़ दूंगा उसे क्यों नहीं छोड़ता। मैं तो कह रहा हूँ कि मैंने ली है।
स्नो
[ सीटी बजाकर ]
हाथ हटालो, नहीं मैं तुम्हें भी पकड़ लूँगा। अच्छा न मानोगे? [ जोन्स उससे लिपट जाता है और उसे एक घूंसा मारता है। एक पुलिसमैन वर्दी पहने हुए आता है। ज़रा देर हाथापाई होती है, और जोन्स पकड़ लिया जाता है। मिसेज़ जोन्स अपने हाथ उठाती है और उनके ऊपर सिर झुका देती है। ]
पर्दा गिरता है।
चाँदी की डिबिया : अंक २-दृश्य २
[ बार्थिविक का भोजनालय, वही शाम है। बार्थिविक-परिवार फल और मिठाइयाँ खा रहा है। ]
मिसेज़ बार्थिविक
जाँन।
[ अख़रोटों के छिलकों के टूटने की आवाज़ आती है ]
बार्थिविक
तुम इन अखरोटों का हाल उनसे क्यों नहीं कहती खाए नहीं जाते।
[ एक गरी मुंह में रख लेता है ]
मिसेज़ बार्थिविक
यह इस चीज़ का मौसिम नहीं है। मैंने होली-रूड से कहा था।
[ बार्थिविक अपना गिलास पोर्ट से भरता है ]
जैक
दादा, ज़रा सरौता बढ़ाइएगा।
[ बार्थिविक सरौता बढ़ा देता है। वह किसी विचार में डूबा हुआ मालूम होता है ]
मिसेज़ बार्थिविक
लेडी होलीरूड बहुत मोटी हो गई हैं। मैं यह बहुत दिनों से देख रही हूँ।
बार्थिविक
[ अनमने भाव से ]
मोटी?
[ वह सरौता उठा लेता है---चेहरे पर लापर्वाही झलकने लगती है ]
होलीरूड परिवार का नौकरों से कुछ झगड़ा हो गया था, क्यों?
जैक
दादा, ज़रा सरौता।
बार्थिविक
[ सरौता बढ़ाते हुए ]
समाचार पत्रों में निकला था। रसोइयादारिन थी न?
मिसेज़ बार्थिविक
नहीं, खिदमतगारिन थी। मैंने लेडी होलीरूड से बातचीत की थी। वह लड़की अपने प्रेमी को मिलने के लिए बुलाया करती थी।
बार्थिविक
[ बेचैनी से ]
मेरी समझ में उन्हें---
मिसेज़ बार्थिविक
तुम क्या कहते हो जॉन, और दूसरा रास्ता ही क्या था? सोचो, दूसरे नौकरों पर क्या असर पड़ता।
बार्थिविक
हाँ बात तो ठीक थी---लेकिन मैं यह नहीं सोच रहा था।
जैक
[ छेड़ने के लिए ]
दादा, सरौता।
[ बार्थिविक सरौता बढ़ा देता है ]
मिसेज़ बार्थिविक
लेडी होलीरूड ने मुझसे कहा---"मैंने उसे बुलाया और उससे कहा, फ़ौरन मेरे घर से निकल जा। मैं तुम्हारे चालचलन को निंदनीय समझती हूँ। मैं कह नहीं सकती। मैं नहीं जानती, और न में जानना चाहती है कि तुम क्या कर रही थीं। मैं सिद्धांत की रक्षा के लिए तुम्हें अलग कर रही हूं। मेरे पास सिफ़ारिश के लिए मत आना।" इस पर उस लड़की ने कहा-अगर आप मुझे नोटिस नहीं देंगी तो मुझे एक महीने की तनख़्वाह दे दीजिए। मैंने अपनी इज्ज़त में दाग़ नहीं लगाया। मैंने कुछ नहीं किया।"---कुछ नहीं किया!
बार्थिविक
अच्छा।
मिसेज़ बार्थिविक
नौकर अब बहुत सिर चढ़ गए हैं, वह सब इस बुरी तरह मिले रहते हैं, कि कुछ मालूम ही नहीं होता कि उनके मन में क्या है। ऐसा जान पड़ता है कि तुम्हें न मालूम हो इस लिए सबों ने गुट कर लिया हो। यहां तक कि मार्लो का भी यही हाल है। ऐसा मालूम होता है, कि वह अपने मन की असली बात किसी पर खुलने ही नहीं देता। मुझे इस छिपा चोरी से चिढ़ है। इससे फिर किसी पर भरोसा नहीं रहता। कभी कभी मेरा ऐसा जी चाहता है, कि उसका कान पकड़ कर हिलाऊं।
जेक
मार्लो बहुत भलामानुस है। यह कोई अच्छी बात नहीं है, कि हमारी बातें हर एक आदमी जान ले।
बार्थिविक
इसकी तो चरचा न करना ही अच्छा है।
मिसेज़ बार्थिविक
सब नीच जातों का यही हाल है, तुम यह नहीं बतला सकते कि वह कब सच बोल रहे हैं। आज जब मैं होलीरूड के घर से चलने के बाद बाज़ार गई, तो इन बेकार आदमियों में से एक आकर मुझसे बात करने लगा। मैं समझती हूँ मुझमें और गाड़ी में केवल बीस गज़ का अंतर था। लेकिन ऐसा मालूम हुआ कि वह
सड़क फाड़कर निकल आया।
बार्थिविक
अच्छा! आज कल किसी से बातचीत करने में बहुत होशियार रहना चाहिए। न जाने कैसा आदमी हो।
मिसेज़ बार्थिविक
मैंने उसे कुछ जवाब थोड़े ही दिया, लेकिन मुझे तुरंत मालूम हो गया, कि वह झूठ बोल रहा है।
बार्थिविक
[ एक अख़रोट तोड़कर ]
यह बड़ा अच्छा नियम है। उनकी आंखों को देखना चाहिए।
जेक
दादा, ज़रा सरौता।
बार्थिविक
[ सरौता बढाकर ]
अगर उनकी निगाह सीधी होती हैं तो कभी कभी मैं छः पैंस दे देता है। यह मेरे नियम के विरुद्ध है, लेकिन इनकार करते तो नहीं बनता। अगर तुम्हें यह दिखाई दे कि वे सुस्त, काहिल, और कामचोर हैं; तो समझ लो कि शराबी या कुछ ऐसे ही हैं।
मिसेज़ बार्थिविक
इस आदमी की आंखें बड़ी डरावनी थीं वह ऐसे ताकता था, मानो किसी की ख़ून कर डालेगा। उसने कहा---मेरे पास आज खाने को कुछ नहीं है। ठीक इसी तरह।
बार्थिविक
विलियम क्या कर रहा था? उसे वहां खड़ा रहना चाहिए था।
जेक
[ अपनी गिलास नाक के पास लेजाकर ]
क्यों दादा! क्या यही सन् ६३ की है?
[ बार्थिविक गिलास को आंखों के पास किए हुए है। वह उसे नीचे करके नाक के पास ले जाता है। ]
मिसेज़ बार्थिविक
मुझे उन लोगों से घृणा है जो सच नहीं बोलते।
[ बाप और बेटे ग्लास के पीछे से आंखें मिलाते हैं ]
सच बोलने में लगता ही क्या है, मुझे तो यह बड़ा आसान मालूम पड़ता है। असली बात क्या है, इसका पता ही नहीं चलता। ऐसा मालूम होता है, जैसे कोई हमें बना रहा हो।
बार्थिविक
[ मानो फ़ैसला सुना रहा हो ]
नीची ज़ातें अपने पैरों में आप कुल्हाड़ी मारती हैं, अगर हमारे ऊपर भरोसा रक्खें तो उनकी दशा इतनी बुरी न हो।
मिसेज़ बार्थिविक
लेकिन उस पर भी उन्हें संभालना मुश्किल है। आज मिसेज़ जोन्स ही को देखो।
बार्थिविक
इस विषय में मैं वही करूंगा जो न्याय संगत है। अभी तीसरे पहर मैं रोपर से मिला था। मैंने यह माजरा उससे कहा, वह आ रहा होगा, यह सब खुफ़िया पुलीस के बयान पर है। मुझे तो बहुत संदेह है। मैंने इस पर बहुत विचार किया है।
मिसेज़ बार्थिविक
वह औरत मेरी आंखों में ज़रा भी नहीं जँची उसे किसी बात की शर्म ही नहीं मालूम होती थी। देखो वही मामला जिस की वह चर्चा कर रही थी। जब वह और उसका मर्द जवान थे। कैसी बेहयाई की बात थी और वह भी तुम्हारे और जैक के सामने। मेरा जी चाहता था कि उसे कमरे से निकाल दूं।
बार्थिविक
ओह! वह तो जैसे हैं----सब जानते हैं पर ऐसी बातों पर ग़ौर करते समय हमें तो सोच लेना चाहिये-
मिसेज़ बार्थिविक
शायद तुम कहोगे कि उस आदमी के मालिक ने उसे निकाल देने में ग़लती की?
बार्थिविक
बिलकुल नहीं। इस विषय में मुझे कोई संदेह नहीं है। मैं अपने दिल से यह पूछता हूं----
जैक
दादा, थोड़ी सी पोर्ट!
बार्थिविक
[ सूर्य के उदय और अस्त की ठीक ठीक नक़ल में बोतल को घुमाते हुए ]
मैं अपने दिल से यह पूछता हूं कि हम किसी को नौकर रखने के पहिले उसके बारे में काफ़ी तौर से जाँच भी कर लिया करते हैं करते हैं या नहीं, ख़ासकर उसके चालचलन के बारे में।
जैक
अम्मा, शराब को ज़रा इधर दे दो।
मिसेज़ बार्थिविक
[ बोतल बढ़ाकर ]
क्यों बेटे, तुम बहुत ज़्यादा तो नहीं पी रहे हो?
[ जैक अपना गिलास भरता है ]
मार्लो
[ कमरे में आकर ]
जासूस स्नो आपसे मिलना चाहता है।
बार्थिविक
[ बेचैनी से ]
अच्छा, कहो अभी एक मिनट में आता हूँ।
मिसेज़ बार्थिविक
[ बग़ैर सिर घुमाए हुए ]
उसे यहीं बुला लो, मर्लो।
[ स्नो ओवर कोट पहिने अपनी बोलर हैट हाथ में लिए आता है ]
बार्थिविक
[ कुछ उठकर ]
आइये, बन्दगी।
स्नो
बन्दगी साहब! बन्दगी मेम साहब! मैं यह बतलाने आया हूं कि उस मामले में मैंने क्या किया। मुझे डर है, कि मुझे कुछ देर हो गई है मैं एक दूसरे मुक़दमे में चला गया था।
[ चाँदी की डिबिया जेब से निकालता है। बार्थिविक परिवार में सनसनी फैल जाती है ]
मैं समझता हूं यह ठीक वही चीज़ है।
बार्थिविक
ठीक वही, ठीक वही।
स्नो
निशान और अंक वैसे ही हैं, जैसे आपने बतलाए थे। मुझे तो इस मामले में ज़रा भी हिचिक नहीं हुई।
बार्थिविक
शाबाश। आप भी एक गिलास पीजिये---
[ पोर्ट की बोतल को देखकर ]
शेरी की।
[ शेरी उंडेलता है,]
जैक, यह मिस्टर स्नो को दे दो।
[ जैक उठकर गिलास स्नो को दे देता है, तब अपनी कुर्सी पर पड़कर उसे आलस्य से देखता है। ]
स्नो
[ शराब पीकर और गिलास को नीचे रखकर ]
आपसे मिलने के बाद मैं उस औरत के डेरे पर गया। नीचों की बस्ती है। और मैंने सोचा कि ड्यौढ़ी के नीचे ही कानिस्टेबुल खड़ा कर दूं। शायद ज़रूरत पड़े और मेरा विचार बिलकुल ठीक निकला।
बार्थिविक
सच?
स्नो
जी हां। कुछ झमेला करना पड़ा। मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे घर में यह चीज़ कैसे आई। वह मुझे कुछ जवाब न दे सकी। हां बराबर चोरी से इनकार करती रही। इस लिये मैंने उसे गिरफ़्तार कर लिया। तब उसका शौहर मुझसे उलझ पड़ा। आख़िर मैंने हमला करने के अपराध में उसे भी गिरफ़्तार कर लिया। घर से पुलीस स्टेशन तक जाने में वह बहुत गर्म होता रहा---बिल्कुल जामे से बाहर---बार बार आप को और आपके लड़के को धमकी देता था कि समझ लूँगा। सच पूछिये तो बड़ा फ़ितना निकला।
मिसेज़ बार्थिविक
बड़ा भारी बदमाश है।
स्नो
हां, मेम साहब, बड़ा ही उजड्ड असामी!
जैक
[ शराब की चुस्की लेता हुआ, मज़े में आकर ]
पाजी का सिर तोड़ दे।
स्नो
मैंने पता लगाया, पक्का शराबी है।
मिसेज़ बार्थिविक
मैं तो चाहती हूँ, बचा को कड़ी सज़ा मिले।
स्नो
दिल्लगी तो यह कि वह अभी तक यही कहे जाता है कि डिबिया मैंने ख़ुद चुराई।
बार्थिविक
डिबिया उसने चुराई।
[ मुसकराता है ]
इसमें उसने क्या फ़ायदा सोचा है?
स्नो
वह कहता है कि छोटे साहब पिछली रात को नशे में थे।
[ जैक अखरोट तोड़ना बन्द करदेता है और स्नो की ओर ताकने लगता है। बार्थिविक की मुसकिराहट ग़ायब हो जाती है, गिलास रख देता है। सन्नाटा छा जाता है---स्नो बारी बारी से हरेक का चेहरा देखता है, और कहता है ]
वह मुझे अपने घर लाए और ख़ूब ह्विस्की पिलाई, मैंने कुछ खाया न था, नशा ज़ोर कर गया और उसी नशे में मैंने डिबिया उठा ली।
मिसेज़ बार्थिविक
गुस्ताख़, पाजी कहीं का!
बार्थिविक
आप का ख़्याल है कि वह कल अपने बयान में भी यही कहेगा।
स्नो
यही उसको सफ़ाई होगी। कह नहीं सकता बीबी को बचाने के लिए ऐसा कह रहा है, या
[ जैक की तरफ़ देखकर ]
इसमें कुछ तत्व भी है। इसका फ़ैसला तो मैजिस्ट्रेट के हाथ में है।
मिसेज़ बार्थिविक
[ गर्व से ]
तत्व भी है? किसमें क्या? आपका मतलब समझ में नहीं आता। आप समझते हैं मेरा लड़का ऐसे आदमी को कभी अपने घर नहीं लायेगा!
बार्थिविक
[ अंगीठी के पास से, शांत रहने की चेष्टा करके ]
मेरा लड़का अपनी सफ़ाई कर लेगा। अच्छा जैक, तुम क्या कहते हो?
मिसेज़ बार्थिविक
[ तीव्र स्वर में ]
वह क्या कहेगा? यही और क्या है कि सब मनगढ़ंत है।
जैक
[ दबसट में पड़ कर ]
बात यह है, बात यह है, कि मुझे इसके बारे में कुछ भी मालूम नहीं
मिसेज़ बार्थिविक
वह तो मैं पहिले ही कहती थी।
[ स्नो से ]
वह आदमी दीदा दिलेर बदमाश है।
बार्थिविक
[ अपने मन को दबाते हुए ]
लेकिन जब मेरा लड़का कह रहा है कि इस मामले में कोई तत्त्व नहीं है तो क्या ऐसी दशा में उस आदमी पर मुकदमा चलाना ज़रूरी है।
स्नो
पर तो हमले का जुर्म लगाना होगा। मिस्टर जैक बार्थिविक भी पुलीस कचहरी चले आयें तो बड़ा अच्छा हो। बचा जेल जायँगे, यह तो मानी हुई बात है। विचित्र बात यह है कि उसके पास कुछ रुपये भी निकले और एक लाल रेशमी थैली भी थी।
[ बार्थिविक चौंक पड़ता है; जैक उठता है, फिर बैठ जाता है। ]
मेम साहब की थैली तो नहीं ग़ायब हो गई?
बार्थिविक
[ जल्दी से ]
नहीं, नहीं, उनकी थैली नहीं खोई।
जैक
नहीं, थैली तो नहीं गई।
मिसेज़ बार्थिविक
[ मानो स्वप्न देखते हुए ]
नहीं!
[ स्नो से ]
मैं नौकरों से पता लगा रही थी। यह आदमी घर के आस पास चक्कर लगाया करता है। अगर लंबी सज़ा मिल जाय तो खटका निकल जाय। ऐसे बदमाशों से हमारी रक्षा तो होनी ही चाहिये।
बार्थिविक
हां, हां, ज़रूर। यह तो सिद्धान्त की बात है। लेकिन इस मामले में हमें कई बातों पर विचार करना है।
[ स्नो से ]
इस आदमी पर तो मुक़दमा चलाना ही चाहिये, क्यों, आप भी तो यही कहते हैं?
स्नो
अवश्य, इसमें क्या सोचना है।
बार्थिविक
[ जैक की ओर उदास भाव से ताकते हुए ]
मेरी इच्छा नहीं होती कि यह मुक़दमा चलाया जाय। ग़रीबों पर मुझे बड़ी दया आती है। अपने पद का विचार करते हुए यह मानना मेरा कर्तव्य है कि ग़रीबों की हालत बहुत ख़राब है। इनकी दशा में बहुत कुछ सुधार की ज़रूरत है। आप मेरा मतलब समझ रहे होंगे। अगर कोई ऐसी राह निकल आती कि मुक़दमा न चलाना पड़ता तो बड़ी अच्छी बात होती।
मिसेज़ बार्थिविक
[ तीव्र स्वर में]
यह क्या कहते हो जाँन? तुम दूसरों के साथ अन्याय कर रहे हो। इसका आशय तो यह है कि हम जायदाद को लोगों की दया पर छोड़ दें। जिसका जी चाहे ले ले।
बार्थिविक
[ उसे इशारा करने की चेष्टा करके ]
मैं यह नहीं कहता कि उसने अपराध नहीं किया। मैं इसके सब पहलुओं पर सोच रहा हूँ।
मिसेज़ बार्थिविक
यह सब फजूल, हर काम का वक्त होता है।
स्नो
[ छकु बनावटी आवाज़ में ]
मैं यह बता देना चाहता हूँ जनाब, कि चोरी का इलज़ाम उठा लेने से कोई फ़ायदा न होगा, क्योंकि हमले के मुक़दमें में सभी बातें खुल ही जायँगी।
[ जैक की ओर मार्मिक दृष्टि से देखता है ]
और जैक, मैं पहले अर्ज़ कर चुका हूं, वह मुक़दमा ज़रूर चलाया जायगा।
बार्थिविक
[ जल्दी से ]
हाँ, हाँ, यह तो होगा ही। उस स्त्री के विचार से मैं कह रहा हूं, यह तो मेरा अपना ख्याल है।
स्नो
अगर मैं आप की जगह होता तो इस मामले में ज़रा भी दखल न देता। इस में कोई बाधा पड़ने का भय नहीं है। ऐसे मामले में चट पट तय हो जाते हैं।
बार्थिविक
[ संदेह के भाव से ]
अच्छा, यह बात? अच्छा, यह बात है?
जैक
[ सचेत होकर ]
अच्छा! मुझे अपने बयान में क्या कहना पड़ेगा?
स्नो
यह तो आप ख़ुद जान सकते हैं।
[ दरवाजे तक जाकर ]
शायद कोई नई बात खड़ी हो जाय। अच्छा यह है कि आप एक वकील कर लीजिये। हम ख़ानसामा को यह साबित करने के लिए तलब करेंगे कि चीज़ वास्तव में चोरी गई। अब मुझे आज्ञा दीजिये, मुझे आज बहुत काम है। ग्यारह बजे के बाद किसी समय मुक़दमा पेश होगा। बंदगी हुजूर, बंदगी मेम साहब! मुझे कल यह डिबिया अदालत में पेश करनी पड़ेगी, इस लिए यदि आपको कोई आपत्ति न हो तो मैं इसे अपने साथ लेता जाऊं।
[ वह डिबिया उठा लेता और सलाम करले चला जाता। बार्थिविक उसके साथ जाने के लिए उठता है, और अपने हाथों को कोट के पीछे रखकर निराश होकर बोलता है ]
मैं चाहता हूँ कि तुम इन बातों में दखल न दिया करो। मगर तुम्हारी ऐसी आदत है कि समझो या न समझो दख़ल हरेक बात में दोगी। मारा--सब मामला चौपट कर दिया।
मिसेज़ बार्थिविक
[ रुखाई से ]
मेरी समझ में नहीं आता तुमहारा मतलब क्या है। अगर तुम अपने हक़ के लिए नहीं खड़े हो सकते, तो मैं तो खड़ी हो सकती हूँ। मुझे तुम्हारे सिद्धान्त ज़रा भी नहीं भाते। उन्हें लेकर तुम चाटा करो।
बार्थिविक
सिद्धान्त! तुम हो किस फेर में। सिद्धान्तों की यहाँ चर्चा ही क्या? क्या तुम्हें मालूम नहीं कि पिछली रात को जैक नशे में चूर था?
जैक
अब्बा जान!
मिसेज़ बार्थिविक
[ भयभीत होकर खड़ी हो जाती है ]
जैक, यह क्या बात है?
जैक
कोई बात नहीं है, अम्मा। मैंने केवल भोजन किया था। सभी खाते हैं। मेरा मतलब है, यानी मेरा मतलब है---आप मेरा मतलब समझ गई होंगी। इसे नशे में चूर होना नहीं कहते। आक्सफ़ोर्ड में तो सभी मुँह का मज़ा बदल लिया करते हैं।
मिसेज़ बार्थिविक
यह बड़ी बेहूदा बात है। अगर तुम लोग आक्सफ़ोर्ड में यही सब किया करते हो---
जैक
[ क्रोध से ]
तो फिर आप लोगों ने मुझे वहाँ भेजा क्यों? जैसे और सब रहते हैं वैसेही तो मुझे भी रहना पड़ेगा। इतनी सी बात को नशे में चूर कहना हिमाकत। हाँ, मुझे खेद अवश्य है। आज दिन भर सिर में बड़ा दर्द रहा।
बार्थिविक
छी! अगर तुम्हें मामूली सी तमीज़ भी होती और तुम्हें इतना सा भी याद होता कि जब तुम यहाँ आए तो क्या क्या बातें हुईं तो हमें मालूम हो जाता कि इस बदमाश की बातों में कितना सच है। मगर अब तो कुछ समझ में ही नहीं आता। गोरख धंधा सा होकर रह गया!
जैक
[ घूरता हुआ मानो अधूरी बातें याद आ रही हैं ]
कुछ कुछ याद आता है---फिर सब भूल जाता हूँ।
मिसेज़ बार्थिविक
क्या कहते हो जैक? क्या तुम्हें इतना नशा था कि तुम्हें इतना भी याद नहीं?
जैक
यह बात नहीं है, अम्मा। मुझे यहा आने की ख़ूब याद है---मैं ज़रूर आया हूंगा---
बार्थिविक
[ गुरसे से बेक़ाबू होकर, इधर से उधर तक टहलता हुआ ]
ख़ूब!और वह मनहूस थैली कहां से आगई! खुदा खैर करे! ज़रा सोचो तो जैक! यह सारी बातें पत्रों में निकल जायँगी। किसी को मालूम था कि मामला यहां तक पहुँचेगा। इससे तो यह कहीं अच्छा होता कि एक दर्जन डिबिये खो जातीं और हम लोग ज़बान न खोलते!
[ पत्नी से ]
यह सब तुम्हारी करतूत है। मैंने तुमसे पहले ही कह दिया था। अच्छा हो कहीं रोपर आ जाता।
मिसेज़ बार्थिविक
( तीव्र स्वर से )
मेरी समझ में नहीं आता तुम क्या बक रहे हो, जाँन।
बार्थिविक
[ उसकी तरफ़ मुड़ कर ]
नहीं तुम! अजी---तुम---तुम कुछ जानती नहीं।
[ तेज़ आवाज़ से ]
आखिर! वह रोपर कहां मर गया! अगर वह इस दलदल से निकलने की कोई राह निकाल दे, तो मैं जानूँ कि वह किसी काम का आदमी है! मैं बदकर कहता हूँ कि इससे निकलने का अब कोई रास्ता नहीं है। मुझे तो कुछ सूझता नहीं।
जैक
इधर सुनिये, अब्बाजान को क्यों दिक करती हो? मैं केवल इतना ही कह सकता हूँ कि मैं थक कर बेदम हो गया था, और मुझे इसके सिवा कुछ याद नहीं है कि मैं घर आया।
[ बहुत मंद स्वर में ]
और रोज़ की तरह पलंग पर जाकर सो रहा।
बार्थिविक
पलंग पर चले गये? कौन जानता है तुम कहां चले गये मुझे तुम्हारे ऊपर अब विश्वास नहीं रहा। मुझे क्या पता कि तुम ज़मीन पर पड़ रहे होगे।
जैक
[ बिगड़ कर ]
ज़मीन पर नहीं, मैं----
बार्थिविक
[ सोफ़ा पर बैठ कर ]
इसकी किसे परवाह है कि तुम कहां सोये थे? उस वक्त क्या होगा जब वह कह देगा......डूब मरने की बात होगी!
मिसेज़ बार्थिविक
क्या?
[ सन्नाटा ]
बात क्या हुई, बोलते क्यों नहीं?
जैक
कुछ नहीं----
मिसेज़ बार्थिविक
कुछ नहीं। कुछ नहीं इससे तुम्हारा क्या मतलब है, जैक? तुम्हारे दादा इसके लिए आसमान सिर पर उठा रहे हैं---
जैक
वह थैली मेरी है।
मिसेज़ बार्थिविक
तुम्हारी थैली? तुम्हारे पास थैली कब थी? तुम ख़ूब जानते हो तुम्हारे पास थैली न थी।
जैक
ख़ैर, दूसरे ही की सही---मगर यह केवल दिल्लगी थी। मुझे उस सड़ी सी थैली को लेकर क्या करना था?
तुम्हारा मतलब है कि क्या किसी दूसरे की थेली थी और उसे इस बदमाश ने उड़ा ली?
बार्थिविक
जी हां! थैली उसने उड़ा ली। जोन्स वह आदमी नहीं है कि इस बात पर परदा डाल दे। वह इसे ख़ूब नमक मिर्च लगाकर बयान करेगा। समाचारपत्रों में इसकी चर्चा होगी।
मिसेज़ बार्थिविक
मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा है। किस बात का यह सब क़िस्सा है?
[ जैक के ऊपर झुककर प्यार से ]
जैक, बेटा, बताओ तो क्या बात है। डरो मत। साफ़ साफ़ बतादो, बात क्या है?
जैक
अम्मा, ऐसी बातें न करो!
मिसेज़ बार्थिविक
कैसी बात, बेटा?
जैक
कुछ नहीं, यों ही। मुझे कुछ याद नहीं कि वह चीज़ मेरे पास कैसे आगई। मुझसे और उससे एक पकड़ हो गई---मुझे कुछ ख़बर न थी कि मैं क्या कर रहा हूँ---मैंने-मैंने---शायद मैंने---तुम समझ गई होगी---शायद मैंने थैली उसके हाथ से छीन ली।
मिसेज़ बार्थिविक
उसके हाथ से? किसके हाथ से? कैसी थैली? किसकी थैली?
जैक
अजी, मुझे कुछ याद नहीं----
[ निराश और ऊंची आवाज़ में ]
किसी औरत की थैली थी।
मिसेज़ बार्थिविक
किसी औरत की? नहीं! नहीं! जैक! ऐसा न कहो।
जैक
[ उछल कर ]
तुम मानती ही नहीं थी तो मैं क्या करता। मैं तो नहीं बताना चाहता था। मेरा क्या क़सूर है?
[ द्वार खुलता है और मारलो एक आदमी को अंदर लाता है अधेड़, कुछ मोटा आदमी है। शाम के कपड़े पहने हुए है। मूछें लाल और पतली हैं, आंखें काली और तेज़। उसकी भवें चीनियों की सी हैं। ]
मारलो
रोपर साहब आये हैं हुज़ूर!
[ वह कमरे से चला जाता है ]
रोपर
[ तेज़ आँखों से चारों ओर देख कर ]
कैसे मिज़ाज हैं?
[ जैक और मिसेज़ बार्थिविक दोनों चुप बैठे रहते हैं ]
बार्थिविक
[ जल्दी से आकर ]
शुक्र है आप आ तो गए! आप को याद है मैंने आज शाम को आप से क्या कहा था; जासूस अभी यहां आया था।
रोपर
डिबिया मिल गई?
बार्थिविक
हाँ, डिबिया तो मिल गई, पर एक बात है। यह मज़दूरनी का काम न था। उसके शराबी और ठलुये शौहर ने वे चीज़ें चुराई थीं। वह कहता है कि यही रात को उसे घर में लाया था
[ वह जैक की तरफ़ हाथ उठाता है, जो ऐसा दबक जाता है मानों वार बचाता हो ]
आप को कभी इसका विश्वास होगा।
[ रोपर हंसता है और उत्तेजित हो कर शब्दों पर ज़ोर देता हुआ ]
यह हँसी की बात नहीं है मैंने जैक का क़िस्सा भी आप से कहा था। आप समझ गए होंगे---बदमाश दोनों चीजें उठा ले गया---वह सत्यानासी थैली भी लेगया। अखबारों में इसकी चर्चा होगी।
रोपर
[ भवें चढ़ाकर ]
हूँ! थैली! बड़े लोगों की दशा? आपके साहबज़ादे क्या कहते हैं?
बार्थिविक
उसे कुछ याद नहीं। ऐसा अंधेर कभी देखा था? पत्रों तक यह बात पहुँचेंगी।
मिसेज़ बार्थिविक
[ हाथों से आंखों को छिपाकर ]
नहीं! नहीं! यह बात तो नहीं हैं---
[ बार्थिविक और रोपर घूम कर उसकी ओर देखने हैं ]
बार्थिविक
उस औरत पर कह रही हैं। वह बात अभी अभी इनके कानों में पड़ी है।
[ रोपर सिर हिलाता है और मिसेज़ बार्थिविक अपने होंठों को दबाकर मन्द दृष्टि से जैक को देखती है और मेज़ के सामने बैठ जाती है ]
आखिर, क्या करना चाहिए रोपर? वह लुच्चा जोन्स इस थैली वाले मामले को खूब बढ़ावेगा, बात का बतंगड़ बनादेगा।
मिसेज़ बार्थिविक
मुझे विश्वास नहीं आता कि जैक ने थेली ली।
बार्थिविक
क्या अब भी कोई संदेह है? वह औरत आज सवेरे अपनी थैली माँगने आई थी।
मिसेज़ बार्थिविक
यहां? इतनी बेहया है। मुझे क्यों नहीं बताया?
[ वह एक दूसरे के चेहरे की तरफ़ ताकती है, कोई उसे जवाब नहीं देता। सन्नाटा हो जाता है। ]
बार्थिविक
[ चौंककर ]
क्या करना होगा, रोपर?
रोपर
[ धीरे से जैक से ]
तुमने कुंजी तो दरवाज़े में नहीं छोड़ दी थी?
जैक
[ रुखाई से ]
हां, छोड़ तो दी थी।
बार्थिविक
या ईश्वर! अभी और आगे न जाने क्या क्या होगा?
मिसेज़ बार्थिविक
मुझे विश्वास है कि तुम उसे घर में नहीं लाए,थे। जैक। यह सरासर झूठी बात है मैं जानती हूँ इसमें सचाई की गंध तक नहीं है, मिस्टर रोपर।
रोपर
( यकायक )
तुम रात कहां सोए थे?
जैक
( तुरन्त )
सोफ़ा पर---वहां--
( कुछ हिचिक कर )
यानी---मैं---
बार्थिविक
सोफ़ा पर! क्या तुम्हारा मतलब यह है कि चारपाई पर गए ही नहीं।
जैक
( मुँह लटका कर )
नहीं।
बार्थिविक
अगर तुम्हें कुछ भी याद नहीं है तो यह इतना कैसे याद रहा?
जैक
क्यों कि आज सुबह मेरी आँख खुली तो मैंने अपने को वहीं पाया।
मिसेज़ बार्थिविक
क्या कहा?
बार्थिविक
या खुदा!
जैक
और मिसेज़ जोन्स ने मुझे देखा! मैं चाहता हूँ कि आप लोग मुझे यों दिक़ न करें।
रोपर
आपको याद है कि आपने किसी को शराब पिलाई थी?
जैक
हाँ, मैं क़सम खाकर कहता हूँ कि मुझे एक आदमी की याद आ रही है---उस आदमी के---
[ रोपर की तरफ़ देखता है ]
क्या आप मुझसे चाहते हैं कि---
रोपर
[ बिजली की तेज़ी से ]
जिसका चेहरा गंदा है!
जैक
[ प्रसन्न होकर ]
हाँ, वही वही! मुझे साफ़ याद आ रहा है---
[ बार्थिविक अचानक खिसक जाता है ]
मिसेज़ बार्थिविक क्रोध से रोपर की तरफ़ देखती है और अपने बेटे की बाँह छूती है।
मिसेज़ बार्थिविक
तुमको बिलकुल याद नहीं ह! यह कितनी हँसी की बात है। मुझे उस आदमी के यहाँ आने का बिलकुल विश्वास नहीं है।
बार्थिविक
तुम्हें सच बोलना चाहिए। चाहे यही सच क्यों न हो? लेकिन अगर तुम्हें याद आता है कि तुमने ऐसी बेहूदगी की तो तुम फिर मुझसे कोई आशा न रक्खो।
जैक
[ उनकी तरफ़ घूर कर ]
आख़िर आप लोग मुझसे चाहते क्या हैं?
मिसेज़ बार्थिविक
जैक!
जैक
जी हाँ, मेरी समझ में बिलकुल नहीं आता कि आप लोगों की इच्छा क्या है।
मिसेज़ बार्थिविक
हम लोग यही चाहते हैं कि तुम सच बोलो और कह दो कि तुमने उस नीच को घर में नहीं बुलाया।
बार्थिविक
बेशक, अगर तुम ख़याल करते हो, कि तुमने इस बेशरमी से उसे ह्विस्की मिलाई और अपनी करतूत उसे दिखाई और तुम्हारी दशा इतनी ख़राब थी कि तुम्हें वें बातें बिलकुल याद नहीं, तो---
रोपर
[ जल्दी से ]
मुझे ख़ुद कोई बात याद नहीं रहती। याददाश्त इतनी कमज़ोर है।
बार्थिविक
[ निराशा भाव से ]
तो मैं नहीं जानता कि तुम्हें क्या कहना पड़ेगा!
रोपर
[ जैक से ]
तुम्हें कुछ कहने की ज़रूरत नहीं। अपने को इस झमेले में मत डालो। औरत ने चीज़ें चुराई या मर्द ने चीज़ें चुराईं आपको इससे कुछ मतलब नहीं। आप तो सोफ़ा पर सो रहे थे।
मिसेज़ बार्थिविक
तुमने दरवाज़े में कुंजी लगी हुई छोड़ दो, यही क्या कम है? अब और कुछ कहने की ज़रूरत नहीं।
[ उसके माथे को प्यार से छुकर ]
तुम्हारा सिर आज कितना गर्म है?
जैक
लेकिन मुझे यह तो बतलाइए कि मुझे करना क्या होगा?
[ क्रोध से ]
मैं नहीं चाहता, कि इस तरह चारों ओर से मुझे दिक़ करें।
[ मिसेज़ बार्थिविक उसके पास से हट जाती है। ]
रोपर
[ जल्दी से ]
आप यह सब कुछ भूल जायँ। आप तो सोये थे।
जैक
क्या कल मेरा कचहरी जाना जरूरी है?
रोपर
[ सिर हिला कर ]
नहीं।
बार्थिविक
[ ज़रा शान्तचित्त होकर ]
सचमुच!
रोपर
जी हाँ!
बार्थिविक
लेकिन आप तो जायँगे?
रोपर
जी हाँ!
जैक
[ बनावटी प्रसन्नता से ]
बड़ी इनायत है! में यही चाहता हूँ कि मुझे वहाँ जाना न पड़े।
[ सिर पर हाथ रखकर ]
मुझे क्षमा कीजिएगा। आज सिर में ज़ोरों का दर्द है।
[ बाप की तरफ़ से माँ की तरफ़ देखता है ]
मिसेज़ बार्थिविक
[ जल्दी से घूम कर ]
अच्छा, जाओ बेटा!
जैक
अच्छा, अम्माँ!
[ वह चला जाता है। मिसेज़ बार्थिविक लम्बी सांस खींचती है। सन्नाटा हो जाता है। ]
बार्थिविक
यह बहुत सस्ते छूट गए! अगर मैंने उस औरत को रुपए न दिए होते, तो उसने ज़रूर दावा किया होता।
रोपर
अब आपको मालूम हुआ कि धन कितना उपयोगी है।
बार्थिविक
मुझे अब भी सन्देह है कि हमें सच को छिपा देना चाहिए या नहीं।
रोपर
चालान होगा।
बार्थिविक
क्या? आपका मनशा है कि इन्हें अदालत में जाना पड़ेगा?
रोपर
हाँ?
बार्थिविक
अच्छा! मैंने समझा था कि आप---देखिए मिस्टर रोपर! उस थैली का ज़िक्र मिस्टर काग़ज़ों में न आने दीजिएगा।
[ रोपर अपनी छोटी आँखें उसके चेहरे पर जमा देता है और सिर हिलाता है। ]
मिसेज़ बार्थिविक
मिस्टर रोपर, क्या आपके ख़याल में यह मुनासिब नहीं है कि जोन्स परिवार का हाल मैजिस्ट्रेट से कह दिया जाय। मेरा मतलब यह है कि शादी के पहले उनका आपस में कितना अनुचित सम्बन्ध था। शायद जॉन ने आप से नहीं कहा।
रोपर
यह तो कोई मार्के की बात नहीं।
मिसेज़ बार्थिविक
मार्के की बात नहीं।
रोपर
निजी बात है। शायद मैजिस्ट्रेट पर भी यही बीत चुकी हो।
बार्थिविक
[ पहलू बदल कर, मानो बोझ खिसका रहा है ]
तो अब आप इस मामले को अपने हाथ में रखेंगे?
रोपर
अगर ईश्वर की कृपा हुई!
[ हाथ बढ़ाता है ]
बार्थिविक
[ विरक्त भाव से हाथ हिलाकर ]
ईश्वर की इच्छा? क्या? आप चले?
रोपर
जी हाँ! ऐसा ही मेरे पास एक दूसरा मुक़दमा भी है।
[ मिसेज़ बार्थिविक का झुककर सलाम करता है और चला जाता है। बार्थिविक उसके पीछे-पीछे अन्त तक बातें करता जाता है। मिसेज़ बार्थिविक मेज़ पर बैठी हुई सिसक-सिसक कर रोने लगती है; बार्थिविक लौटता है। ]
बार्थिविक
[ आप ही आप ]
बदनामी होगी।
मिसेज़ बार्थिविक
[ तुरत अपने रंज को छिपाकर ]
मेरी समझ में यह बात नहीं आती कि रोपर ने ऐसी बात को हँसी में क्यों उड़ा दिया?
बार्थिविक
[ विचित्रभाव से ताक कर ]
तुम---तुम्हारी समझ में कोई बात नहीं आती। तुम्हें रत्ती भर भी समझ नहीं है।
मिसेज़ बार्थिविक
[ क्रोध से ]
तुम मुझसे कहते हो कि मुझ में समझ नहीं है?
बार्थिविक
[ घबड़ा कर ]
मैं---बहुत परेशान हूं। सारी बात आदि से अन्त तक मेरे सिद्धान्त के विरुद्ध हैं।
मिसेज़ बार्थिविक
मत बको। तुम्हारा कोई सिद्धान्त भी है। तुम्हारे लिए दुनिया में डरने के सिवा और कोई सिद्धान्त नहीं है।
बार्थिविक
[ खिड़की के पास जाकर ]
मैं अपनी ज़िन्दगी में कभी न डरा। तुमने सुना है, रोपर क्या कहता था? जिस आदमी के घर में ऐसी वारदात हो गई हो, उसके होश उड़ा देने को इतनी बात काफ़ी है। हम जो कुछ कहते या करते हैं, वह हमारे मुँह से निकल ही पड़ता है। भूत-सा सिर पर सवार रहता है। मैं इन बातों का आदी नहीं हूँ।
[ वह खिड़की को खोल देता है मानो उसका दम घुट रहा हो। किसी लड़के के सिसकने की धीमी आवाज़ सुनाई देती है। ]
यह कैसी आवाज़ है?
[ वे सब कान लगा कर सुनते हैं। ]
मिसेज़ बार्थिविक
[ तीव्र स्वर में ]
मुझसे रोना नहीं सुना जाता। मैं मार्लो को भेजती हूँ कि इसे रोक दे। मेरे सारे रोएँ खड़े हो गए।
[ घंटी बजाती है ]
बार्थिविक
मैं खिड़की बन्द किए देता हूँ, फिर तुम्हें कुछ न सुनाई देगा।
[ वह खिड़की बन्द कर देता है और सन्नाटा हो जाता है। ]
मिसेज़ बार्थिविक
[ तीव्र स्वर में ]
इससे कोई फ़ायदा नहीं। मेरा दिल धड़क रहा है। मुझे किसी बात से इतनी घबड़ाहट नहीं होती, जितनी किसी बालक के रोने से।
[ मार्लो आता है ]
यह कैसा रोने का शोर है मार्लो? किसी बच्चे की आवाज़ मालूम होती है।
बार्थिविक
बच्चा है। उस मुँडेर से चिपटा हुआ दिखाई तो पड़ता है।
मार्लो
[ खिड़की खोलकर और बाहर देखकर ]
यह मिसेज़ जोन्स का छोटा लड़का है, हज़ूर! अपनी माँ को खोजता हुआ यहाँ आया है।
मिसेज़ बार्थिविक
[ जल्दी से खिड़की के पास जाकर ]
कैसा गरीब लड़का है! जॉन, हमें यह मुकदमा न चलाना चाहिए।
बार्थिविक
[ एक कुर्सी पर धम से बैठकर ]
लेकिन अब तो बात हमारे हाथ से निकल गई!
[ मिसेज़ बार्थिविक खिड़की की तरफ़ पीठ कर लेती है, उसके चेहरे पर बेचैनी का भाव दिखाई देता है, वह अपने ओंठ दबाए खड़ी होती है। रोना फिर शुरू हो जाता है। बार्थिविक हाथों से अपने कान बन्द कर लेता है। और मार्लो खिड़की बन्द कर देता है। रोना बन्द हो जाता है। ]
पर्दा गिरता है।
चाँदी की डिबिया : अंक ३-दृश्य १
आठ दिन गुज़र गए हैं। लन्दन के पुलिसकोर्ट का दृश्य है। एक बजा है। एक चँदवे के नीचे न्याय का आसन है। इस चँदवे के ऊपर शेर और गैंडे की प्रतिमा बनी हुई है। आँख के सामने एक मुरझाई हुई सूरत का न्यायाधीश अपने कोट के पिछले भाग को गर्म कर रहा है। और दो छोटी छोटी लड़कियों को घूर रहा है। जो नीले और नारंगी चीथड़े पहने हुए हैं। कपड़ों का रंग बिलकुल उड़ गया है। ये लड़कियां कठघरे में लाई जाती हैं। गवाहों के कठघरे के पास एक अफ़सर अोवर कोट पहने खड़ा है। उसकी दाढ़ी छोटी और भूरी है। छोटी लड़कियों के बग़ल में एक गंजा पुलिस कांस्टेबिल खड़ा है। अगली बेंच पर बार्थिविक और रोपर बैठे हुए हैं। जैक उनके पीछे बैठा है। जंगलेदार कटघरे में कुछ फटेहाल मर्द और औरतें पीछे खड़ी हैं। कई मोटे ताज़े कांस्टेबिल इधर उधर खड़े या बैठे हैं।
मैजिस्ट्रेट
[ पिता-भाव दिखाता हुआ कठोर स्वर में ]
अब हमें इन लड़कियों का झगड़ा तय कर देना चाहिए।
अहलमद
थेरसा लिवेंस! माड लिवेंस!
[ गंजा कांस्टेबिल छोटी लड़कियों को दिखाता है जो चुप-चाप, स्थिति को समझती हुई विरक्त भाव से खड़ी हैं। ]
दारोग़ा!
[ दारोग़ा गवाहों के कठघरे में आता है। ]
तुम अदालत के सामने जो बयान दोगे, वह बिलकुल सच, पूरा पूरा सच और सच के सिवा और कुछ न होगा। ईश्वर तुम्हारी मदद करे! इस किताब को चूमो।
[ दारोग़ा किताब चूमता है ]
दारोग़ा
[ एक ही आवाज़ में, हर एक अवाज़ के अन्त में रुकता हुआ ताकि उसका बयान लिखा जा सके। ]
आज सबेरे क़रीब दस बजे मैंने इन दोनों लड़कियों को ब्ल्यूस्ष्ट्रीट में एक सराय के बाहर रोते हुए पाया। जब मैंने पूछा कि तुम्हारा घर कहां है तो उन्होंने कहा कि हमारा घर नहीं है। माँ कहीं चली गई है। बाप के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उसके पास कोई काम नहीं है। जब पूछा कि तुम लोग रात कहां साईं थीं, तो उन्होंने अपनी फूफू का नाम लिया। हज़ूर, मैंने तहक़ीक़ात की है। औरत घर से निकल गई है और मारी मारी फिरती है। बाप बेकार है और मामूली सराय में रहता है। उसकी बहन के अपने ही आठ लड़के हैं वह कहती है कि मैं इन लड़कियों का अब पालन नहीं कर सकती।मैजिस्ट्रेट
[ चंदवे के नीचे अपनी जगह पर आकर ]
तुम कहते हो कि माँ मारी मारी फिरती है। तुम्हारे पास क्या सबूत है?
दारोग़ा
हज़ूर, उसका शौहर यहां मौजूद है।
मैजिस्ट्रेट
अच्छी बात है। उसे पेश करो।
[ लिवेंस का नाम पुकारा जाता है। मैजिस्ट्रेट आगे झुक जाता है और कठोर दया से लड़कियों की ओर देखता है। लिवेंस अंदर आता है। उसके बाल खिचड़ी हो गए हैं। कालर की जगह गुलूबन्द लगाए हुए है। वह गवाहों के कठघरे के पास खड़ा होजाता है। ]
अच्छा, तुम इनके बाप हो? तो तुम इन लड़कियों को घर में क्यों नहीं रखते? यह क्या बात है कि तुम इनको इस तरह सड़कों पर फिरने के लिए छोड़ देते हो?
लिवेंस
हज़ूर, मेरे कोई घर नहीं है। मेरे खाने का तो ठिकाना नहीं है। मैं बिलकुल बेकार हूं और न मेरे पास कुछ है जिससे इनका पालन कर सकूँ।
मैजिस्ट्रेट
यह कैसे?
लिवेंस
[ शर्मा कर ]
मेरी बीबी निकल गई और सारी चीज़ें गिरों रखदीं।
मैजिस्ट्रेट
लेकिन तुमने उसे ऐसा करने क्यों दिया?
लिवेंस
मैं उसे रोक नहीं सका। उधर में काम की तलाश में गया, इधर यह निकल भागी।
मैजिस्ट्रेट
क्या तुम उसे मारते पीटते थे?
लिवेंस
[ ज़ोर देकर ]
हज़ूर, मैंने कभी उसे तिनके से भी न मारा?
मैजिस्ट्रेट
तब क्या बात थी, क्या वह शराब पीती थी?
लिवेंस
[ धीमी अवाज़ में ]
हाँ, हज़ूर!
मैजिस्ट्रेट
उसका चाल चलन अच्छा न था?
लिवेंस
[ धीमी आवाज़ में ]
हाँ, हज़ूर!
मैजिस्ट्रेट
अब कहां है?
लिवेंस
नहीं मालूम, हज़ूर! वह एक आदमी के साथ निकल गई और तब मैं---
मैजिस्ट्रेट
हां, हां, ठीक है! यहां कोई उसे जानता थोड़े ही है?
[ गंजे कांस्टेबिल से]
क्या यहां कोई जानता है उसे?
दारोग़ा
इस इलाके में तो कोई नहीं जानता, हज़ूर! लेकिन मैंने पता लगाया है कि----
मैजिस्ट्रेट
हां, हां, ठीक है! इतना ही काफ़ी है।
[ बाप से ]
तुम कहते हो कि वह घर से निकल गई और इन लड़कियों को छोड़ गई। तुम इनके लिए क्या इन्तजाम कर सकते हो? तुम देखने में तो हट्टे-कट्टे आदमी हो!
लिवेंस
हाँ, हज़ूर, हट्टा-कट्टा तो हूं, और काम भी करना चाहता हूँ, लेकिन अपना कोई बस नहीं। कहीं मज़दूरी मिले तब तो?
मैजिस्ट्रेट
लेकिन तुमने कोशिश की थी?
लिवेंस
हज़ूर, सब कुछ करके हार गया! कोशिश करने में कोई कसर नहीं उठा रखी।
मैजिस्ट्रेट
अच्छा--
दारोग़ा
[ सन्नाटा हो जाता है ]
अगर हज़ूर का ख़याल हो कि ये बच्चे अनाथ हैं तो हम उनको लेने को तैयार हैं।
मैजिस्ट्रेट
हां, हां, मैं जानता हूँ! लेकिन मेरे पास कोई ऐसी शहादत नहीं है कि यह आदमी अपने बच्चों की ठीक तौर से देख रेख नहीं कर सकता।
[ वह उठता है और आग के आग चला जाता है। ]
दारोग़ा
हज़ूर, इनकी माँ इनके पास आती जाती है।
मैजिस्ट्रेट
हां, हां! माँ इस योग्य नहीं है कि बच्चे उसे दिए जायँ।
[ बाप से ]
तुम क्या कहते हो?
लिवेंस
हज़ूर, मैं इतना ही कहता हूँ कि अगर मुझे काम मिल जाय तो मैं बड़ी ख़ुशी से उनकी परवरिश करूँगा। लेकिन मैं क्या करूँ हज़ूर, मेरे तो भोजन का ठिकाना नहीं। सराय में पड़ा रहता हूँ। मैं मज़बूत आदमी हूँ, काम करना चाहता हूँ। दूसरों से दूनी हिम्मत रखता हूं लेकिन हज़ूर देखते हैं कि मेरे बाल पक गए हैं ब़ुखार के सबब से।
[ अपने बाल छूता है ]
इस लिए मैं जँचता नहीं। शायद इसी लिए मुझे कोई नौकर नहीं रखता।
मैजिस्ट्रेट
[ आहिस्ता से ]
हाँ, हाँ! मैं समझता हूँ कि यह एक मामला है।
[ लड़कियों की तरफ़ कड़ी आँखों से देख कर ]
तुम चाहते हो कि ये लड़कियाँ अनाथालय में भेज दी जायँ!
लिवेंस
हाँ हज़ूर, मेरी तो यही इच्छा है।
मैजिस्ट्रेट
मैं एक हफ़्ते की मुहलत देता हूँ। आज ही के दिन फिर लाना। अगर उसवक्त उचित हुआ तो मैं हुक्म दे दूँगा।
दारोग़ा
आज के दिन हज़ूर!
[ गंजा कांस्टेबिल लड़कियों का कंधा पकड़े ले जाता है। बाप उनके पीछे पीछे जाता है। मैजिस्ट्रेट अपनी जगह पर लौट आता है और झुक कर क्लर्क से सायँ सायँ बातें करता हैं। ]
बार्थिविक
[ हाथ की आड़ से ]
बड़ा करुण दृश्य है रोपर मुझे तो उनपर बड़ी दया आ रही है।
रोपर
पुलिस कोर्ट में ऐसे सैकड़ों आया करते हैं।
बार्थिविक
बड़ी दिल दुखानेवाली बात है। लोगों की दशा जितना ही देखता हूं, उतना ही मेरे दिल पर असर होता है। मैं पार्लमेंट में उनका पक्ष लेकर अवश्य खड़ा होऊँगा। मैं एक प्रस्ताव----
[ मैजिस्ट्रेट क्लार्क से बोलना बन्द कर देता है। ]
क्लार्क
हिरासतवालो!
[ बार्थिविक एकाएक रुक जाता है। कुछ हलचल होती है और मिसेज़ जोन्स सदर दरवाज़े से अन्दर आती है। जोन्स पुलिस वालों के साथ कैदियों के दरवाज़े से आता है। वे कठघरे के अन्दर एक कतार में खड़े होते हैं। ]
क्लार्क
जेम्स जोन्स! जेन जोन्स!
अर्दली
जेन जोन्स?
बार्थिविक
[ धीरे से ]
देखो रोपर, उस थैली का ज़िक्र न आने पाए। चाहे जो कुछ हो तुम उसे समाचार पत्रों में न आने देना।
[ रोपर सिर हिलाता है। ]
गंजा कांस्टेबिल
चुप रहो।
[ मिसेज़ जोन्स काले पतले फटे हुए कपड़े पहने हुए है। उसकी टोपी काली है। वह कठघरे के सामने की दीवार पर हाथ रक्खे चुप चाप खड़ी हो जाती है। जोन्स कठघरे की पिछली दीवार टेक कर खड़ा हो जाता है। और इधर उधर साहस भरी दृष्टि से ताकता है। उसका चेहरा उतरा हुआ है और बाल बढ़े हुए हैं। ]
क्लार्क
[ अपने काग़ज़ देखकर ]
हज़ूर, यह वही मुक़दमा है जो पिछले बुधवार को ज़ेर तजवीज़ था। एक चाँदी की सिगरेट की डिबिया की चोरी और पुलिस पर हमला---दोनों मुलज़िमों का साथ साथ विचार हो रहा था। जेम्स जोन्स जेन जोन्स।
मैजिस्ट्रेट
[ घूरकर ]
हाँ, हाँ, मुझे याद है।
क्लार्क
जेन जोन्स!
मिसेज़ जोन्स
हाँ, हज़ूर।
क्लार्क
क्या तुम स्वीकार करती हो कि तुमने एक चांदी की सिग्रेट की डिबिया जिसकी क़ीमत ५ पौं० १० शिलिंग है, जान बार्थिविक मेंबर पार्लमेंट के मकान से, इस्टर मंडे के दिन ग्यारह बजे रात और ईस्टर ट्यूसडे आठ बजे दिन के बीच में चुराई थी। बोलो हाँ या नहीं?
मिसेज़ जोन्स
[ धीमे स्वर में ]
नहीं हज़ूर, मैने नहीं---
क्लार्क
जेम्स जोन्स, क्या तुम स्वीकार करते हो, कि तुमने एक चाँदी की सिग्रेट की डिबिया जिसकी क़ीमत ५ पौं० १० शिलिंग है, जान बार्थिविक मेंबर पार्लमेंट के मकान से इस्टर मंडे को ११ बजे रात और ईस्टर ट्यूसडे के ८ बजे दिन के बीच में चुराई? और जब पुलीस ईस्टर टयूसडे को तीन बजे शाम के वक्त अपना काम करना चाहती थी, तो तुमने उसपर हमला किया? बोलो हाँ या नहीं।
जोन्स
[ रुखाई से ]
हाँ, लेकिन इसके बारे में मुझे बहुत सी बातें कहनी हैं।
मैजिस्ट्रेट
[ क्लार्क से ]
हाँ, हाँ! लेकिन यह क्या बात है कि इन दोनों पर एक ही जुर्म लगाया गया है? क्या वे मियां बीबी हैं?
क्लार्क
हाँ हज़ूर! आपको याद है; कि आपने मुजरिम को हिरासत में रक्खा था कि शौहर के बयान पर और भी शहादत ली जा सके।
मैजिस्ट्रेट
क्या तभी से ये दोनों हवालात में हैं?
क्लार्क
आपने औरत को उसीकी ज़मानत पर छोड़ दिया था।
मैजिस्ट्रेट
हाँ, हाँ! यह चाँदी की डिबियावाला मामला है। मुझे अब याद आया। अच्छा।
क्लार्क
टामस मार्लो?
[ टामस मार्लो की पुकार होती है। मार्लो अन्दर आता है और गवाहों के कठघरे में जाता है। वहां उसे हलफ़ दी जाती है। चाँदी की डिबिया पेश की जाती है और कठघरे की दीवार पर रखी जाती है। ]
क्लार्क
[ मिसिल पढ़ता हआ ]
तुम्हारा नाम टामस मार्लो है? तुम जान बार्थिविक न० ६ राकिंघम गेट के यहां खानसामा हो?
मार्लो
जी हाँ!
क्लार्क
क्या तुमने पिछले ईस्टरडे को रात को चांदी की एक डिबिया नं० ६ राकिंघम गेट के खाने के कमरे में एक तश्तरी में रक्खी! क्या यही वह डिबिया है?
मार्लो
जी हाँ!
क्लार्क
और जब तुम सुबह को पौने नौ बजे तश्तरी को उठाने गए तो तुम्हें डिबिया नहीं मिली?
मार्लो
हाँ, हज़ूर!
क्लार्क
तुम इस मुजरिम औरत को जानते हो?
[ मार्लो सिर हिलाता है ]
क्या वह नं० ६ राकिंघम गेट में मज़दूरी का कार्य करती है?
[ मार्लो फिर सिर हिलाता है ]
जब तुमने डिबिया पाई तो उस वक्त मिसेज़ जोन्स उस कमरे में थी?
मार्लो
जी हाँ!
क्लार्क
फिर तुमने इस चोरी का हाल जाकर अपने मालिक से कहा और उसने तुम्हें थाने भेजा?
मार्लो
जी हाँ!
क्लार्क
[ मिसेज़ जोन्स से ]
तुम्हें इनसे कुछ पूछना है?
मिसेज़ जोन्स
नहीं हज़ूर! कुछ नहीं।
क्लार्क
[ जोन्स से ]
जेम्स जोन्स क्या तुम्हें इस गवाह से कुछ पूछना है?
जोन्स
मैं तो उसे जानता भी नहीं।
मैजिस्ट्रेट
क्या तुमको ठीक याद है कि तुमने उसी वक्त डिबिया रक्खी थी जिस वक्त की तुम कह रहे हो?
मार्लो
हां, हज़ूर!
मैजिस्ट्रेट
अच्छी बात है। अब अफसर ( ख़ुफ़िया पुलीस) को बुलाओ।
[ मार्लो चला जाता है और स्नो कठघरे में आता है ]
अर्दली
तुम अदालत के सामने जो बयान दोगे वह सच होगा, बिलकुल सच होगा। और सच के सिवा कुछ न होगा, ईश्वर तुम्हारी मदद करे।
[ स्नो किताब चूमता है ]
क्लार्क
[ मिसिल चूमते हुये ]
तुम्हारा नाम राबर्ट स्नो है? तुम मिट्रा पुलीटन पुलीस दल के नं० १० बी० विभाग के जासूस हो? आज्ञानुसार ईस्टर ट्यूसडे को तुम क़ैदी के मकान नं० ३४ मरथर स्ट्रीट में गए थे? और क्या तुमने अंदर, जाने पर इस डिबिया को मेज़ पर पड़ी पाया?
स्नो
जी हाँ!
क्लार्क
क्या यही डिबिया है?
स्नो
[ डिबिया को उँगली से छूकर ]
जी हाँ!
क्लार्क
तब क्या तुमने डिबिया को अपने क़ब्जे में कर लिया और इस क़ैदी औरत पर उस डिबिया के चोरी का इलज़ाम लगाया? और क्या उसने चोरी से इनकार किया?
स्नो
जी हाँ!
क्लार्क
क्या तुमने उसे हिरासत में ले लिया?
स्नो
जी हाँ!
मैजिस्ट्रेट
उसका बर्ताव कैसा था?
स्नो
उसने ज़रा भी हुज्जत न की। हाँ, बराबर इनकार करती रही।
मैजिस्ट्रेट
तुम उसे जानते हो?
स्नो
नहीं हज़ूर!
मैजिस्ट्रेट
यहां और कोई उसे जानता है?
गंजा कांस्टेबिल
नहीं हज़ूर! दो में से एक को भी कोई नहीं जानता? हमारे पास उनके ख़िलाफ़ कोई शिकायत नहीं है।
क्लार्क
[ मिसेज़ जोन्स से ]
तुम्हें इस अफ़सर से कुछ पूछना है?
मिसेज़ जोन्स
नहीं हज़ूर, मुझे कुछ नहीं पूछना है।
मैजिस्ट्रेट
अच्छी बात है, आगे चलो।
क्लार्क
[ मिसिल पढ़ता हुआ ]
और जब तुम इस औरत को गिरफ़्तार कर रहे थे, क्या मर्द क़ैदी ने मुदाख़लत की और तुम्हें अपना काम करने से रोका? और क्या तुमको एक घूँसा मारा?
स्नो
जी हाँ।
क्लार्क
क्या उसने कहा इसे छोड़ दो, डिबिया मैंने ली है।
स्नो
जी हाँ!
क्लार्क
और तब तुमने सीटी बजाई और दूसरे कांस्टेबिल की मदद से उसे हिरासत में ले लिया?
स्नो
जी हाँ।
क्लार्क
क्या थाने पर जाते हुए वह बहुत ग़ुस्से में था और तुम्हें गालियाँ दीं? और बार बार कहता रहा कि डिबिया मैंने ली है?
[ स्नो सिर हिलाता है ]
क्या इसपर तुमने उससे पूछा कि डिबिया तुमने कैसे चुराई? और क्या उसने कहा कि मैं छोटे मिस्टर बार्थिविक के बुलाने पर मकान में गया?
[ बार्थिविक अपनी जगह पर घूमकर रोपर की तरफ़ कड़ी दृष्टि से देखता है ]
क्या उस दिन इस्टर मंडे की आधी रात थी? और मैंने ह्विस्की पी और उसीके नशे में डिबिया उठाली?
स्नो
जी हाँ।
क्लार्क
क्या वह बराबर इसी तरह झल्लाता रहा?
स्नो
जी हाँ!
जोन्स
[ बीच में बोलकर ]
ज़रूर झल्लाता रहा। जब मैं तुमसे कह रहा था कि डिबिया मैंने ली है तो तुमने मेरी बीबी पर क्यों हाथ डाला?
मैजिस्ट्रेट
[ गर्दन बढ़ाकर हिश करके डाटता हुआ ]
तुम जो कुछ कहना चाहोगे, उसे कहने का मौक़ा तुझे अभी मिलेगा। इस अफ़सर से तुम्हें कुछ पूछना है।
जोन्स
[ चिढ़कर ]
नहीं।
मैजिस्ट्रेट
अच्छी बात है। हम पहले मुजरिम औरत का बयान लेंगे।
मिसेज़ जोन्स
हज़ूर, मैं तो अब भी वही कहती हूं जो अब तक बराबर कहती आ रही हूँ कि मैंने डिबिया नहीं चुराई।
मैजिस्ट्रेट
ठीक है, लेकिन क्या तुमको मालूम था कि किसी ने उसे चुराया?
मिसेज़ जोन्स
नहीं हज़ूर, और मेरे शौहर ने जो कुछ कहा है उसके बारे में मैं कुछ नहीं जानती। हाँ इतना ज़रूर जानती हूँ कि वह सोमवार को बहुत रात गए घर आये। उस वक्त एक बज चुका था। और वह अपने आपे में न थे।
मैजिस्ट्रेट
क्या वह शराब पीये था?
मिसेज़ जोन्स
हाँ हज़ूर!
मैजिस्ट्रेट
और वह नशे में था?
मिसेज़ जोन्स
हाँ हज़ूर, बिलकुल बे ख़बर था।
मैजिस्ट्रेट
और उसने तुमसे कुछ कहा?
मिसेज़ जोन्स
नहीं हज़ूर, खाली मुझे गालियाँ देता रहा। और सुबह को जब मैं उठी और काम करने चली गई तो वह सोता रहा। फिर मैं इसके बारे में कुछ नहीं जानती। हाँ, मिस्टर बार्थिविक ने जो मेरे मालिक हैं, मुझसे कहा कि डिबिया ग़ायब हो गई है।
मैजिस्ट्रेट
हाँ! हाँ!
मिसेज़ जोन्स
तो जब मैं अपने शौहर का कोट हिलाने लगी तो सिग्रेट की डिबिया उस में से गिर पड़ी। और सारे सिग्रेट चारपाई पर बिखर गए।
मैजिस्ट्रेट
[ स्नो से ]
तुम कहते हो कि सिग्रेट चारपाई पर बिखर गए? तुमने सिग्रेट चारपाई पर बिखरे देखे थे?
स्नो
नहीं हज़ूर, मैंने नहीं देखा।
मैजिस्ट्रेट
यह तो कहते हैं कि मैंने उन्हें बिखरे नहीं देखा!
जोन्स
न देखा हो, लेकिन बिखरे थे।
स्नो
हज़ूर, मैने कमरे की सब चीज़ों के देखने का मौक़ा ही नहीं पाया। इस मर्द ने मेरा काम ही हलका कर दिया।
मैजिस्ट्रेट
[ मिसेज़ जोन्स से ]
अच्छा तुम्हें और क्या कहना है?
मिसेज़ जोन्स
तो हज़ूर, जब डिबिया देखी, तो मेरे होश उड़ गए। और मेरी समझ में न आया कि उन्होंने क्यों ऐसा काम किया। जब जासूस अफ़सर आया तो हम लोगों में इसीके बारे में कहा सुनी हो रही थी। क्योंकि हज़ूर, इसने मुझे तबाह कर दिया। अब मुझे कौन नौकर रक्खेगा। मेरे तीन तीन बच्चे हैं हज़ूर।
मैजिस्ट्रेट
[ गर्दन बढ़ाकर ]
हाँ, हाँ! लेकिन उसने तुमसे कहा क्या?
मिसेज़ जोन्स
मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे ऊपर ऐसी क्या आफ़त आई कि तुमने ऐसा काम कर डाला। उसने कहा कि यह नशे के कारण हुआ। मैंने बहुत शराब पी ली थी और न जाने मुझपर क्या सनक सवार हो गई थी। और बात यह है हज़ूर, कि उन्होंने दिन भर कुछ नहीं खाया था। और जब ख़ाली पेट कोई शराब पीता है, तो चट दिमाग़ पर असर हो जाता है। हज़ूर, न जानते हों लेकिन यह बात सच है। और मैं क़सम खाकर कहती हूँ कि जबसे हमारा ब्याह हुआ, उसने कभी ऐसा काम नहीं किया। हालाँकि हम लोगों को बड़ी बड़ी आफ़तें झेलनी पड़ी।
[ कुछ ज़ोर देकर बात करती हुई ]
मुझे विश्वास है कि अगर वह अपने आप में होते तो ऐसा काम कभी न करते।
मैजिस्ट्रेट
हाँ, हाँ! लेकिन क्या तुम नहीं जानती कि यह कोई उज्र नहीं है?
मिसेज़ जोन्स
हाँ जानती हूँ, हज़ूर।
[ मैजिस्ट्रेट आगे झुक जाता है और क्लार्क से बातें करता है। ]
जैक
[ पीछे की जगह से आगे को झुककर ]
दादा, मैं कहता हूँ।
बार्थिविक
चुप रहो।
[ रोपर से बातें करते हुए मुंह छिपाकर ]
रोपर, अच्छा हो कि तुम अब खड़े हो जाओ और कह दो कि और सब बातों और क़ैदियों की ग़रीबी का ख़याल करके हम इस मुक़दमे को और आगे नहीं बढ़ाना चाहते। और अगर मैजिस्ट्रेट साहब इसे उस आदमी का फ़िसाद समझ कर काररवाई करें---
गंजा कांस्टेबिल
खामोश!
[ रोपर सिर हिलाता है ]
मैजिस्ट्रेट
अच्छा, अब अगर यह मान लिया जाय कि जो कुछ तुम कहती हो वह सच है और जो कुछ तुम्हारा शौहर कहता है वह भी सच है तो मुझे यह विचार करना पड़ेगा कि वह कैसे घर के अन्दर पहुँचा। और क्या तुमने अन्दर पहुँचने में उसकी कुछ मदद की? तुम उस मकान में मज़दूरनी का काम करती हो न?
मिसेज़ जोन्स
जी हाँ, हज़ूर, लेकिन अगर मैं उसको मकान के अन्दर घुसने में मदद देती तो मेरे लिए यह बहुत बुरा काम होता। और मैंने जहाँ जहाँ काम किया कभी ऐसा न किया।
मैजिस्ट्रेट
ख़ैर, यह तो तुम कहती हो। अब देखें तुम्हारा शौहर क्या बयान देता है।
जोन्स
[ जो पीछे के कठघरे में हाथ टेके हुए धीमी रूखी आवाज़ से बोलता है ]
मैं वही कहता हूं जो कुछ मेरी बीबी कहती है। मैं कभी पुलीस कोर्ट में नहीं लाया गया। और मैं साबित कर सकता हूँ कि मैंने यह काम नशे में किया। मैंने अपनी बीबी से कह दिया और वह भी यही कहेगी कि मैं उस चीज़ को पानी में फेंकने जा रहा था। यह इससे कहीं अच्छा था कि मैं उसके पीछे परेशान होता।
मैजिस्ट्रेट
लेकिन तुम मकान के अन्दर घुसे कैसे?
जोन्स
मैं उधर से गुजर रहा था। मैं "गोट और बेल्स" सराय से घर जा रहा था।
मैजिस्ट्रेट
गोट और बेल्स क्या चीज़ है? क्या सराय है?
जोन्स
हाँ, उस कोने पर। उस दिन बैंक की छुट्टी थी और मैंने दो घूँट पी ली थी। मैंने छोटे मिस्टर बार्थिविक को ग़लत जगह दरवाज़े पर कुंजी लगाते हुए देखा।
मैजिस्ट्रेट
अच्छा!
जोन्स
[ आहिस्ता से और कई बार रुककर ]
तो मैंने उन्हें कुंजी का सुराख़ दिखा दिया। वह नवाबों की तरह शराब में चूर था। तब वह चला गया लेकिन थोड़ी देर के बाद लौटकर बोला, मेरे पास तुम्हें देने को कुछ नहीं है। लेकिन अन्दर आकर थोड़ी सी पी लो। तब मैं अन्दर चला गया। आप भी ऐसा ही करते। तब हमने थोड़ी सी ह्विस्की पी। आप भी इसी तरह पीते। तब छोटे मिस्टर बार्थिविक ने मुझसे कहा, थोड़ी सी शराब पी लो। और तम्बाक़ू भी पियो। तुम जो चीज़ चाहो ले लो। यह कह कर वह सोफ़ा पर सो गया। तब मैंने थोड़ी सी और शराब पी। और सिग्रेट भी पिया। फिर मैं आपसे नहीं कह सकता कि इसके बाद क्या हुआ।
मैजिस्ट्रेट
क्या तुम्हारा मतलब है कि तुम नशे में इतने चूर थे कि कुछ भी याद नहीं रहा?
जैक
[ बाप से नरमी के साथ ]
ठीक यही बात है---जो---
बार्थिविक
चुप!
जोन्स
हाँ, मेरा यही मतलब है।
मैजिस्ट्रेट
फिर भी तुम कहते हो कि तुमने डिबिया चुराई?
जोन्स
मैंने डिबिया चुराई! हरगिज़ नहीं। मैंने सिर्फ ले ली थी
मैजिस्ट्रेट
[ गर्दन आगे बढ़ाकर ]
तुमने इसे चुराया नहीं? तुमने इसे सिर्फ़ ले लिया? क्या तुम्हारी थी? यह चोरी नहीं तो और है क्या?
जोन्स
मैंने इसे ले लिया।
मैजिस्ट्रेट
तुमने इसे ले लिया! तुम इसे उनके घर से अपने घर ले गए---
जोन्स
[ ग़ुस्से से बात काट कर ]
मेरे कोई घर नहीं है।
मैजिस्ट्रेट
अच्छी बात है। देखें नवयुवक मिस्टर बार्थिविक तुम्हारे बयान के बारे में क्या कहते हैं?
[ स्नो गवाहों के कठघरे से चला जाता है। गंजा कांस्टेबिल जैक को इशारे से बुलाता है और वह अपनी टोपी लिए गवाहों के कठघरे में आता है। रोपर मेज़ के पास चला पाता है जो वकीलों के लिए अलग की हुई है। ]
हलफ़ देनेवाला क्लार्क
तुम अदालत के सामने जो बयान दोगे उसे सच होना चाहिए बिलकुल सच होना चाहिए और सिवा सच के कुछ न होना चाहिए। ईश्वर तुम्हारी मदद करे। इस किताब को चूमो।
[ जैक किताब चूमता है। ]
रोपर
[ जिरह करते हुए ]
तुम्हारा क्या नाम है?
जैक
[ धीमी आवाज़ में ]
जॉन बार्थिविक जूनियर।
[ क्लार्क इसे लिख लेता है ]
रोपर
कहाँ रहते हो?
जैक
नं० ६ राकिंघम गेट।
[ उसके सब जवाबों को क्लार्क लिखता जाता है ]
रोपर
तुम मालिक के लड़के हो?
जैक
[ बहुत धीमी आवाज़ में ]
हाँ।
रोपर
ज़रा ज़ोर से बोलो। क्या तुम मुजरिम को जानते हो?
जैक
[ जोन्स स्त्री पुरुष की ओर देखकर धीमी आवाज़ में ]
मैं मिसेज़ जोन्स को जानता हूँ। मैं--
[ ऊंची आवाज़ में ]
मर्द को नहीं जानता।
जोन्स
लेकिन मैं तुमको जानता हूँ।
गंजा कांस्टेबिल
चुप रहो।
रोपर
अच्छा क्या तुम ईस्टर-मंडे की रात को बहुत देर में घर आए थे?
जैक
हाँ!
रोपर
क्या तुमने ग़लती से दरवाज़े की कुंजी दरवाज़े में लगी हुई छोड़ दी?
जैक
हाँ।
मैजिस्ट्रेट
अच्छा, तुमने कुंजी दरवाज़े में ही लगी छोड़ दी?
रोपर
और अपने आने के विषय में तुम्हें सिर्फ़ इतना ही याद है?
जैक
[ धीमी आवाज़ में ]
हाँ, इतना ही।
मैजिस्ट्रेट
तुमने इस मर्द मुजरिम का बयान सुना है। उसके बारे में तुम क्या कहते हो?
[ मैजिस्ट्रेट की तरफ़ मुड़ कर दृढ़ता के साथ ]
बात यह है हज़ूर, कि मैं रात को थिएटर देखने चला गया था। वहाँ खाना खाया और बहुत रात गए घर पहुँचा।
मैजिस्ट्रेट
तुम्हें याद है कि जब तुम आए तो यह आदमी बाहर खड़ा था?
जैक
जी नहीं।
[ वह हिचकता है ]
मुझे तो यह याद नहीं।
मैजिस्ट्रेट
[ कुछ गड़बड़ा कर ]
क्या इस आदमी ने तुम्हें दरवाज़ा खोलने में मदद दी? जैसा इसने अभी कहा है। किसी ने दरवाज़ा खोलने में तुम्हें मदद दी?
जैक
जी नहीं! मैं तो ऐसा नहीं समझता। मुझे याद नहीं।
मैजिस्ट्रेट
तुम्हें याद नहीं? लेकिन याद करना पड़ेगा। तुम्हारे लिए यह कोई मामूली बात तो नहीं है कि जब तुम आओ तो दूसरा आदमी दरवाज़ा खोल दे! क्यों?
जैक
[ लज्जा से मुसकिराकर ]
नहीं।
मैजिस्ट्रेट
अच्छा तब?
जैक
[ असमंजस में पड़कर ]
बात यह है कि शायद मैंने उस रात को बहुत ज़्यादा शामपेन पी ली थी।
मैजिस्ट्रेट
[ मुसकिराकर ]
अच्छा, तुमने बहुत ज़्यादा शामपेन पी ली थी?
जोन्स
मैं इन महाशय से एक सवाल पूछ सकता हूँ?
मैजिस्ट्रेट
हाँ, हाँ! तुम जो कुछ पूछना चाहो पूछ सकते हो।
जोन्स
क्या आपको याद नहीं है कि आपने कहा था कि मैं अपने बाप की तरह लिबरल हूँ और मुझ से पूछा था कि तुम क्या हो?
जैक
[ माथे पर हाथ रखकर ]
मुझे कुछ याद आता है----
जोन्स
और मैंने आपसे कहा था कि मैं पक्का कंसर्वेटिव हूँ। तब आपने मुझसे कहा, तुम तो साम्यवादी से मालूम पड़ते हो। जो कुछ चाहो ले लो।
जैक
[ दृढ़ता के साथ ]
नहीं मुझे इस तरह की कोई बात याद नहीं है।
जोन्स
लेकिन मुझे याद है। और मैं उतना ही सच बोलता हूँ जितना आप। मैं इसके पहले कभी पुलीस कोर्ट में नहीं लाया गया। ज़रा इधर देखिए, क्या आपको याद नहीं है कि आपके हाथ में एक नीले रंग की थैली थी? और---
[ बार्थिविक उछल पड़ता है ]
रोपर
मैं हज़ूर से अर्ज़ करना चाहता हूँ कि यह प्रश्न फ़जूल है। क्योंकि क़ैदी ने ख़ुद इक़बाल कर लिया है कि उसे कुछ याद नहीं।
[ मैजिस्ट्रेट के चेहरे पर मुसकराहट दिखाई पड़ती है ]
अन्धा अन्धे को क्या रास्ता दिखा रहा है।
जोन्स
[ बिगड़ कर ]
मैंने इनसे ज़्यादा ख़राब काम नहीं किया है। मैं ग़रीब आदमी हूँ, मेरे पास न रुपए हैं न दोस्त हैं। वह धनी है, वह जो कुछ चाहे कर सकता है।
मैजिस्ट्रेट
बस बस, इन बातों से कोई फ़ायदा नहीं। तुम्हें शान्त रहना चाहिए। तुम कहते हो, यह डिबिया मैंने लेली। तुमने क्यों उसे ले लिया? क्या तुम्हें रुपए की बहुत ज़रूरत थी?
जोन्स
रुपए की तो मुझे हमेशा ज़रूरत रहती है।
मैजिस्ट्रेट
क्या इसी लिए तुमने उसे ले लिया?
जोन्स
नहीं।
मैजिस्ट्रेट
[ स्नो से ]
उसके पास कोई चीज़ बरामद हुई?
स्नो
जी हाँ, हज़ूर। इसके पास ६ पौं० १२ शिलिंग निकले। और यह थैली।
[ लाल रेशमी थैली मैजिस्ट्रेट के हाथ में रख दी जाती है। बार्थिविक अपनी जगह से उचक पड़ता है लेकिन फिर बैठ जाता है। ]
मैजिस्ट्रेट
[ थैली की तरफ़ देख कर ]
हाँ, हाँ! लाओ, इसे देखूँ।
[ सब चुप हो जाते हैं ]
नहीं, थैली के बारे में कोई बयान नहीं है। तुम्हें वे सब रुपए कहाँ मिले?
जोन्स
[ कुछ देर चुप रह कर एकाएक बोल उठता है ]
मैं इस सवाल का जवाब देने से इनकार करता हूं।
मैजिस्ट्रेट
अगर तुम्हारे पास इतने रुपए थे तो तुम ने डिबिया क्यों ली?
जोन्स
मैंने इसे जलन की वजह से ली।
मैजिस्ट्रेट
[ गर्दन बढ़ा कर ]
तुमने इसे जलन की वजह से लिया? ख़ैर, यह एक बात है। लेकिन क्या तुम ख़याल करते हो कि तुम जलन की वजह से दूसरों की चीज़ें लेकर शहर में रह सकते हो?
जोन्स
अगर आपकी हालत मेरी सी होती, अगर आप भी बेकार होते----
मैजिस्ट्रेट
हाँ हाँ, मैं जानता हूं। चूँकि तुम बेकार हो, तुम समझते हो कि चाहे तुम जो कुछ करो, माफ़ हो जायगा।
जोन्स
[ जैक की तरफ़ उँगली दिखला कर ]
आप उनसे पूछिए। उन्हों ने क्यों उसकी थैली----
रोपर
[ आहिस्ता से ]
क्या हज़ूर को अभी इस गवाह को और ज़रूरत है?
मैजिस्ट्रेट
[ व्यंग से ]
नहीं! कोई फायदा नहीं।
[ जैक कठघरे से चला जाता है, और सिर झुकाए हुए अपनी जगह पर बैठ जाता है। ]
जोन्स
आप इनसे पूछिए कि इन्होंने क्यों उस औरत की---
[ लेकिन गंजा कांस्टेबिल उसकी आस्तीन पकड़ लेता है। ]
गंजा कान्स्टेबिल
चुप!
मैजिस्ट्रेट
[ ज़ोर दे कर ]
मेरी बात सुनो! मुझे इससे कोई मतलब नहीं कि इन्होंने क्या लिया और क्या नहीं लिया? तुमने पुलिस के काम में मदाख़िलत क्यों की?
जोन्स
उनका काम यह नहीं था कि मेरी बीबी को गिरफ्तार करते! वह एक शरीफ़ औरत है और उसने कुछ, नहीं किया है।
मैजिस्ट्रेट
नहीं, पुलिस का यही काम था तुमने अफ़सर को घूँसा क्यों मारा?
जोन्स
ऐसी हालत में दूसरा आदमी भी मारता? अगर मेरा बस चलता तो फिर मारता।
मैजिस्ट्रेट
इस प्रकार बिगड़ कर तुम अपने मुक़दमे को कुछ मदद नहीं पहुँचा रहे हो। अगर सभी तुम्हारी तरह करने लगें तो हमारा काम ही न चले।
जोन्स
[ आगे झुककर, चिन्तित स्वर में ]
लेकिन उसकी क्या दशा होगी? इस बदनामी से उसे जो नुक़सान हुआ, वह कोन भरेगा।
मिसेज़ जोन्स
हज़ूर, बच्चों की फ़िक्र इन्हें सता रही है। क्योंकि मेरी नौकरी जाती रही। और इस बदनामी की वजह से मुझे दूसरा मकान लेना पड़ा।
मैजिस्ट्रेट
हां हां, मैं जानता हूं। लेकिन इसने अगर ऐसा काम न किया होता, तो किसी का कुछ न होता।
जोन्स
[ घूम कर जैक की तरफ़ देखते हुए ]
मेरा काम इतना बुरा नहीं है, कि जितना इनका। पूछता हूँ इनका क्या होगा?
[ गंजा काँस्टेबिल फिर कहता है----चुप ]
रोपर
मिस्टर बार्थिविक, यह अर्ज़ कर रहे हैं कि क़ैदी ग़रीबी का ख़याल करके वह डिबिए के मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते। शायद हज़ूर। दंगे कर काररवाई करेंगे।
जोन्स
मैं इसको दबने न दूँगा। मैं चाहता हूं, कि सब कुछ इंसाफ़ के साथ किया जाय--मैं अपना हक़ चाहता हूँ।
मैजिस्ट्रेट
[ डेस्क को पीट कर ]
तुमको जो कुछ कहना था, कह चुके। अब चुप रहो।
[ सन्नाटा हो जाता है। मैजिस्ट्रेट झुक कर क्लार्क से बातें करता है। ]
हां, मेरा ख़याल है कि इस औरत को बरी कर दूं।
वह दया भाव से मिसेज़ जोन्स से कहता है जो अभी तक कठघरे पर हाथ धरे अनिश्चल खड़ी है ]
मेरे लिए यह दुर्भाग्य की बात है कि इस आदमी ने ऐसा काम किया। इसका फल उसको नहीं भोगना पड़ा बलिक तुमको भोगना पड़ा। तुम्हें यहाँ दो बार आना पड़ा, तुम्हारी नौकरी छूट गई।
[ जोन्स की तरफ़ ताकता है ]
और यही हमेशा होता है। तुम अब जाओ। मुझे दुःख है कि तुमको यहां व्यर्थ बुलाना पड़ा।
मिसेज़ जोन्स
[ धीमी आवाज़ से ]
हज़ूर! अनेक धन्यवाद।
[ वह कठघरे से चली जाती है और पीछे फिर कर जोन्स की तरफ़ देखती हुई अपने हाथों को मलती है। और खड़ी हो जाती है। ]
मैजिस्ट्रेट
हाँ हाँ, मेरे बस की बात नहीं। अब जानो, तुम ख़ूब समझदार हो।
[ मिसेज़ जोन्स पीछे खड़ी होती है, मैजिस्ट्रेट अपने हाथ पर झुका लेता है तब सिर उठा कर जोन्स से कहता है। ]
मेरी बात सुनो। क्या तुम चाहते हो कि यह यहीं तय कर दिया जाय या जूरी
[ पंचायत ]
के पास भेज दिया जाय।
जोन्स
[ बड़ बड़ाता हुआ ]
मैं जूरी नहीं चाहता।
मैजिस्ट्रेट
अच्छी बात है। मैं यहीं तय कर दूँगा।
[ ज़रा रुक कर ]
तुमने डिबिया चुराना स्वीकार कर लिया है-
जोन्स
राना नहीं---
गंजा कान्स्टेबिल
मैजिस्ट्रेट
पुलीस पर हमला करना--
जोन्स
कोई भी आदमी ऐसी बेजा---
मैजिस्ट्रेट
यहाँ तुम्हारा व्यवहार बहुत बुरा था। तुम यह सफ़ाई देते हो कि जब तुमने डिबिया चुराई तब तुम नशे में थे। यह कोई सफ़ाई नहीं है। अगर तुम शराब पीकर क़ानून को तोड़ोगे तो तुम्हें उसका फल भोगना पड़ेगा। और मैं तुमसे साफ़ साफ़ कहता हूँ कि तुम जैसे आदमी जो नशे में चूर हो जाते हैं, और जलन या उसे जो कुछ तुम कहना चाहो, उसके फेर में पड़ कर दूसरों की बुराई करते हैं वे समाज के शत्रु हैं।
जैक
[ अपनी जगह पर झुक कर ]
दादा! यही तो आपने मुझसे भी कहा था।
बार्थिविक
चुप!
[ सब चुप हो जाते हैं। मैजिस्ट्रेट क्लार्क से राय लेता है। जो आगे झुका हुआ प्रतीक्षा करता है। ]
मैजिस्ट्रेट
यह तुम्हारा पहला क़सूर है और मैं तुम्हें हल्की से देना चाहता हूँ।
[ तीव्र स्वर में लेकिन बिना कोई भाव प्रकट किए हुए ]
एक महीने की कड़ी क़ैद।
[ वह झुक कर क्लार्क से बातें करता है। गंजा कांस्टेबिल और एक दूसरा सिपाही मिल कर जोन्स को कठघरे से ले जाते हैं ]
जोन्स
[ रुककर और पीछे हट कर ]
तुम इसे न्याय कहते हो? जैक का तो कुछ भी नहीं बिगड़ा? उसने शाराब पी, उसने थैली ली---उसी ने थैली ली लेकिन।
[ ज़बान दबा कर ]
रुपया उसे बचा ले गया। वाह रे इंसाफ!
गठरी में बन्द कर दिया जाता है और स्त्री पुरुषों के मुँह से एक सूखी धीमी आह निकलती है। ]
मैजिस्ट्रेट
अब हम नाशता करने जाते हैं।
[ वह अपनी जगह से उठता है ]
अदालत में हलचल मच जाती है, रोपर उठता है और समाचार के सम्वाददाता से बातें करता है। जैक सिर उठा कर अकड़ता हुआ बरामदे में चला जाता है। बार्थिविक भी उसके पीछे पीछे जाता है। ]
मिसेज़ जोन्स
[ विनीत भाव से उसकी तरफ़ फिर कर ]
हज़ूर!
[बार्थिविक असमंजस में पड़ जाता है। फिर हिम्मत हारकर अत्यंत लज्जित भाव से इंकार का संकेत करता है और जल्दी से कचहरी से चला जाता है। मिसेज़ जोन्स उसकी तरफ देखती खड़ी रह जाती है।]
परदा गिरता है।