एक वकील और एक शैतान : आयरिश लोक-कथा

The Lawyer and the Devil : Irish Folktale

एक आदमी था जिसके तीन बेटे थे। वह उनको ज़िन्दगी में कुछ बनाना चाहता था पर उसके पास पैसे नहीं थे। सो उसने अपने आपको एक शैतान को सात साल के लिये बेच दिया ताकि वह अपने तीनों बेटों को स्कूल भेज सके। एक को वह पादरी बनाना चाहता था दूसरे को डाक्टर और तीसरे को वकील।

सात साल के बाद शैतान बूढ़े को नरक ले जाने के लिये आया। जब वह शैतान उस बूढ़े को ले जाने के लिये आया उस समय उसका एक बेटा भी वहीं खड़ा हुआ था। यह उसका पादरी बेटा था।

यह देख कर उसने प्रार्थना करनी शुरू की और शैतान से विनती की कि वह उसके पिता को न ले जाये। अन्त में शैतान ने उसको वहीं छोड़ दिया और इस तरह उसके पिता को जीने के लिये कुछ दिन और मिल गये।

समय खत्म होने पर शैतान फिर बूढ़े को नरक ले जाने के लिये फिर से आया। अबकी बार उसके पास उसका डाक्टर बेटा बैठा हुआ था। उसने भी शैतान से उसको छोड़ देने की बहुत पा्रर्थना की तो शैतान उसको कुछ समय और जीने की मोहलत दे कर चला गया और इस तरह से उसको जीने के लिये फिर से कुछ और समय मिल गया।

समय समाप्त होने पर शैतान फिर बूढ़े को लेने के लिये आया। अबकी बार उसका तीसरा बेटा जो वकील था वह वहाँ बैठा हुआ था।

वकील बोला — “आपने मेरे पिता को दो बार तो छोड़ दिया इसलिये मैं अब आपसे यह तो उम्मीद तो नहीं करता कि आप उसे फिर से छोड़ देंगे। पर क्या आप उनको इतनी छूट दे सकते हैं कि वह तब तक ज़िन्दा रहें जब तक यह मोमबत्ती जलती है।”

यह कह कर उसने एक मोमबत्ती की तरफ इशारा किया जो वहीं एक मेज पर जल रही थी।

शैतान बोला “ठीक है।”

अब यह मोमबत्ती केवल पीछे से एक टुकड़ा ही रह गयी थी सो वह तो बहुत समय तक जली नहीं रह सकती थी। वकील ने कहा कि शैतान उस मोमबत्ती को न तो छुएगा और न उसमें फूँक मारेगा। इस पर वकील ने मोमबत्ती का पिछला हिस्सा लिया उसको फूँक मार बुझाया और जेब में रख लिया। और बस। वकील ने मोमबत्ती का वह टुकड़ा अपने पास रख लिया तो शैतान को अपना वायदा निभाना पड़ा और वह बिना बूढ़े को लिये हुए ही वहाँ से चला गया।

(साभार सुषमा गुप्ता जी, जिन्होंने लोक-कथाओं पर उल्लेखनीय काम किया है.)

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