मोनटाग का सपना (कहानी) : डॉ. शोभा घोष
Montaag Ka Sapna (Hindi Story) : Shobha Ghosh
गाडी स्टार्ट करते हुए क्लाउस ने इरिका का मुंह देखा तो सहम गया, ‘इरिका तुम्हें क्या हो गया? हँसते कमल को मुरझाया हुआ देखकर मेरा दिल रो रहा है बोलो मेरे लिए, (प्यारी) इरिके, तुम्हें क्या हो गया है? सब कुछ बर्दाश्त कर सकता हूँ पर तुम्हारा दुःख नहीं सहन कर सकता। बोलो बोलो तुम्हें क्या हो गया है? अब तो तुम्हें बहुत खुश होना चाहिए। हम लोगों के शादी के दिन भी निश्चित हो गए है, फिर तुम उदास क्यों हो? मुझे कोई फांसी के तख्त पर भी तुम्हारा उदास दुःखी मुँह न दिखाये।
एक बार हंस दो इरिके, तुम्हारा दुःखी मुखड़ा मेरे लिए मौत ही बन जायेगा। तुम्हें नहीं मालूम कि मैं तुम्हें कितना प्यार करता हूँ। आकाश-पाताल-धरती सभी में तू ही तू दिखाई पड़ती है। मेरी अच्छी सी रानी, ईश्वर के लिए एक बार तो हंस दो। इरिका, बोलो क्या हो गया है?’
इरिका रो पड़ी। ‘अरे! यह क्या, तुम रो रही हो? मेरी कसम मेरी प्यारी, बोलो क्या हुआ है?’
‘मुझसे कुछ मत पूछो क्लाउस, न जाने क्यों मेरा दिल धड़क रहा है। मुझे बड़ा डर लग रहा है ।‘
‘पर क्यों? मैं तुम्हारे साथ हूँ, फिर तुम्हें डर कैसा? क्या तुम्हें मुझ पर भरोसा नहीं?’
‘ऐसी बात नहीं है क्लाउस…’
‘फिर क्या?’
‘मैंने आज रात को एक बहुत बुरा सपना देखा। कहा जाता है के मोनटाग (सोमवार) का सपना सच होता है। ‘कह कर इरिका फिर रोने लगी।
अब तक वे लोग गाड़ी से उतर कर एक झील के पास सेब के बगीचे में घास पर बैठ गए थे क्लाउस अधीर हो उठा। इरिका के हाथों को अपने हाथों में लेकर चूमते हुए बड़े ही प्यार भरे शब्दों में कहा - 'इरिका, मैंने कितनी बार कहा है, - मेरे जीतेजी इस संसार में तेरा कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। तुम्हें मैं कैसे इसका यकीन दिलाऊँ?’
‘पर क्लाउस, मैंने एक बहुत बुरा सपना देखा है।‘
‘जरा सपने का सार तो सुना दो।‘
‘मैंने सपने में देखा है - तुम्हें किसी दूसरी लड़की से प्यार हो गया है तुम मुझे हमेशा के लिए भूल गए हो ‘-कह कर वह फिर रोने लगी।
क्लाउस जोर से हंस पड़ा।
‘अच्छा, इसीलिए तुम उदास थी? मुझे ताज़्ज़ुब होता है, सपने में भी यह बात तुम्हारे मन में आयी कैसे? मैं तुम्हारी कसम, ईश्वर की सौगंध खा कर कहता हूँ, ऐसा कभी नहीं हो सकता। मैं तुम्हारा हूँ, तुम मेरी हो, इसके बीच कोई तीसरा व्यक्ति नहीं आ सकता। यानी, मैंने तुम्हारे सिवा न किसी दूसरी लड़की से प्यार किया है, और न करूंगा।'
'खाओ ईश्वर की कसम।'
'ईश्वर की कसम खा कर कहता हूँ के मैं तुम्हें सच्चा प्यारा करता हूँ। तुम्हारे लिए सब कुछ करने को तैयार हूँ।'
'फिर बोलो, मेरे सिवा कभी किसी लड़की की ओर आँख उठाकर भी नहीं देखोगे।'
'कभी नहीं। अच्छा अब ये बातें छोड़ो, पहले पहले शादी की बातें की जाय। परसों हम लोगों की शादी है न?'
'हाँ पर उसके लिए कुछ बातें है मेरी, जो मेरे प्रति तुम्हारे सच्चे प्यार की कसौटी होगी।'
'सुनाओ, कौन-कौन सी शर्तें है तुम्हारी?'
'पहली बात तो यह कि शादी के बाद भी मेरी माँ हम लोगों के साथ ही रहेगी।'
'ठीक है, वह कौन सी बड़ी बात है? उन्हें हमलोग अपने ही पास रख लेंगे।'
'वह जैसा कहेगी तुम्हें वैसा ही करना पड़ेगा।'
'वह तो है ही। वह माँ जो ठहरी। उनकी बात कैसे टाली जा सकती है? शादी के बाद मैं नौकरी नहीं करूंगी।'
'यह तो तुमने मेरे मन की बात कह दी। अपनी रानी से भला मैं नौकरी करवाऊंगा? तुम केवल अपने प्यारे मुन्ने की देखभाल करना, बाकि सारा....।'
'ऐं! क्या कहा? मुन्ना? मुन्ना मुझे बिलकुल नहीं चाहिए। बच्चे हो जाने पर कितना बंधन हो जाता है, कितनी दिक्कतें! तुम शादी करके मुझे बंधन में बांधना चाहते हो? रहे तुम, रही शादी मैं .....'
'अरे भाई, बच्चे पैदा करना तो हम लोगों पर निर्भर है। तुम अकेली रहोगी इसलिए मैं कह रहा था।'
'अकेली क्यों? मेरे जितने बॉयफ्रैंड्स है, मेरा समय अच्छे से कट जायेगा।'
'बॉयफ्रैंड्स के साथ?'
'हाँ, क्यों तुम्हें कोई ऐतराज़ है क्या?'
'नहीं, मैं कह रहा था ...।'
'यही कि शादी के बाद तुम केवल मेरी ही होकर रहोगी। किसी दूसरे के साथ तुम्हारा सम्बन्ध नहीं रहेगा। यही न? पर देखो, मैं साफ़-साफ़ बता देती हूँ, पीटर, एंड्रेअस, ओलाफ, मिखाइल, गुणमत, हरमन, शॉट्स, आदि मेरे दोस्त मुझे बेहद प्यार करते है। तुमसे शादी करके उन लोगोंसे इतने दिनों का पुराना सम्बन्ध तोड़ नहीं सकती। मुझे जब मन करेगा मैं उन लोगों के साथ रहूंगी। तुम मना नहीं करोगे, कुछ नहीं करोगे।‘
'अच्छा कुछ नहीं करूँगा।'
'हाँ, सबसे बड़ी बात तो मैं भूल ही गयी थी। रुपये सारे के सारे लाकर मुझे दे दोगे। उसका आधा पैसा मेरे नाम से मेरे अकाउंट में जमा हो जाया करेगा। बाकि से सारा खर्च चलेगा।'
‘वह कौनसी बड़ी बात है? वैसा तो मैं करता ही। तुम्हारे नाम से रहे चाहे मेरे नाम से, क्या फर्क पड़ता है? तुम्हारे अकाउंट में भी जमा हो सकता है, हम दोनों के जॉइंट अकाउंट में भी जमा हो सकता है। तुम जब चाहो उसमें से रुपये निकाल सकती हो।’
'अब समझी.... तुम्हें मुझ पर विश्वास नहीं। तभी तो जॉइंट अकाउंट खोलना चाहते हो। एंड्रेअस होता तो ऐसा कभी नहीं सोचता। उसने एक बार कहा था - मेरी प्यारी इरिका, मैं और मेरी सारी सम्पति तुम्हारी है। मैं जीते जी सारे का सारा धन तुम्हारे नाम लिख दूंगा।'
'तुम मुझे गलत समझ रही हो इरिका, मेरे कहने का मतलब वह नहीं था जो तुम समझ रही हो। मुझे गलत मत समझो प्यारी। मैं तुम्हारी ख़ुशी के लिए प्राण तक न्योछावर करने को तैयार हूँ। मेरी बातों पर यकीन करो। मैं तुम्हारी हर इच्छा का दिल से स्वागत करूँगा। समय ही इसकी गवाही देगा।‘
अच्छा एक और बात है, शादी के बाद तुम किसी दूसरी लड़की की ओर आँख उठाकर भी नहीं देखोगे।'
'नहीं देखूंगा, नहीं देखूंगा।'
'मैं जैसा कहूंगी तुम्हे वैसा ही करना पड़ेगा। मेरी इच्छा के विपरीत तुम कुछ नहीं करोगे।'
'नहीं करूँगा।'
'हाँ देखो, शादी के बाद ऐसा नहीं होगा कि घर का सारा काम मैं ही करूंगी। खाना बनाना, बर्तन साफ़ करना, और घर कि सफाई का काम तुम्हें ही करना पड़ेगा।'
'यह शर्त भी मंजूर है।'
'देखो, मैं अपने दोस्तों के साथ नाईट क्लब तथा पिकनिक आदि में जब जब जाया करूंगी, तुम मुझे मना नहीं करोगे।'
'एक ही बार कह दिया न, कि तुम जैसा चाहोगी वैसा ही होगा। फिर क्यों एक के बाद एक शर्तों का अम्बार लगा रही हो?'
'फिर आख़री इच्छा मेरी यही है कि मैं तुम्हारे जैसे प्रेमी से शादी नहीं करना चाहती।'