मेरा परिवार : महादेवी वर्मा
Mera Parivar : Mahadevi Verma
‘मेरा परिवार’ संस्मरण महादेवी वर्मा द्वारा रचित है जिसमें मानवेत्तर प्राणियों की कथा को आधार बनाया गया है। मानवेत्तर प्राणियों के साथ करुणा, प्रेम और आत्मीयता से भरा हुआ यह संस्मरण कई बार पाठकों को अचम्भित कर साहस प्रदान करता है। इस संस्मरण में वर्मा जी ने जीव-जन्तुओं व पशु-पक्षियों के इतने सुंदर पलों को उभारा है उनसे पाठक शुरू से अंत तक जुडाव महसूस करता है। इस संस्मरण में महादेवी वर्मा ने उन सभी जीव-जन्तुओं व् पशु-पक्षियों की यादों को उभारा है जिन्होंने वर्मा जी के जीवन में एक गति प्रदान की, उनके जीवन के साथी बने।
इस संस्मरण में संग्रहीत पशु-पक्षी इस प्रकार है- 1. नीलकंठ (मोर), 2. गिल्लू (गिलहरी), 3. सोना (हिरणी), 4. दुर्मुख (खरगोश), 5. गौरा (गाय), 6. नीलू (कुत्ते) और 7. निक्की (नेवले), 8. रोजी (कुतिया) तथा 9. रानी (घोड़ी) । इस कृति में प्रत्येक संस्मरण का अपना अलग महत्व है। प्रत्येक मानवेत्तर प्राणी की अपनी अलग विशेषता, रंगों और लक्षणों का वर्णन किया गया है जिसने प्रत्येक पाठ को अद्भुत बना दिया है। “इस प्रकार सब पशु-पक्षियों के संख्या, रंग, विशेष लक्षण, नाम आदि लिखे गये। उस समय ज्ञात नहीं था कि भविष्य में ऐसे स्मत्यंकन की परम्परा अटूट हो जाऐगी। परन्तु बालक-पन की इसी गद्यात्मक अभिव्यक्ति के बाजू पर मेरे सारे संस्मरण अंकुरित, पल्लवित और पुष्पित हुए है।”- डॉ. चित्रा