लालची कुत्ता : ईसप की कहानी

Lalachi Kutta : Aesop's Fable

एक कुत्ते ने कसाई की दुकान से मांस का एक टुकड़ा चुराया और इधर-उधर भाग कर कोई ऐसा स्थान खोजने लगा जहाँ शान्ति से बैठ कर वह उस मांस के टुकड़े का मजा ले सके। तभी उसे एक नदी के ऊपर बना हुआ पुल पार करना पड़ा। जब वह पुल पार कर रहा था तो उसकी नजर पानी में अपने प्रतिबिम्ब पर पड़ी। यह देखकर वह चौंक गया कि पानी में दिखाई देने वाले कुत्ते के मुंह में भी वैसा ही मांस का टुकड़ा था। वह सोचने लगा कि क्यों न दूसरे कुत्ते की बोटी भी झपट कर खा लूं।

मन में यह लालच आते ही वह दांत निकाल कर गुर्राया और पानी में छलांग लगा दी। परन्तु उस मूर्ख कुत्ते ने जैसे ही दूसरे कुत्ते के मुंह से मांस का टुकड़ा छीनना चाहा, उसके मुंह में दबा मांस का टुकड़ा भी पानी में गिर गया और साथ ही पानी में पड़ने वाला उसका प्रतिबिम्ब भी ओझल हो गया। उसके मुंह में दबा मांस पानी में गिरकर नदी के तल में चला गया। मूर्खता के कारण उसका अपना भोजन भी नदी में डूब गया और उसे उस दिन भूखा ही रहना पड़ा।
निष्कर्ष: जो कुछ अपने पास है, उसी में संतोष करना चाहिए। लालच करने से जो कुछ पास है, उससे भी हाथ धोना पड़ता है।


(ईसप की कहानियाँ - अनिल कुमार)

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