लघु कथाएँ (मणिपुरी) : इबोहल सिंह काङ्जम

Laghu Kathayen (Manipuri Minni Stories) : Ibohal Singh Kangjam

नव वर्ष

आधी रात बीतने को है। उस घर में कोई सो ही नहीं रहा।बच्चे- बड़े सब आनंदमग्न है।कुछ टेलिविजन देखने में लगे हैं। कुछ पटाखें फुलझड़ियाँ छोड़ने में लगे हैं।कोई नाच रहा है कोई गा रहा है। वा-वा या-या सब हंगामा करने में लगे हैं। आस-पास के घरों की भी यही हालत है।

इन खुशियों के बीच उस घर का एक वृद्ध अपने बिस्तर पर चुपचाप बैठा आँखों में आसूँ लिए अपने बेटों-बहुओं और नाती-पोतों को देख रहे हैं। इसे देख एक बहू बोली-“बाजी, नए साल के आगमन की खुशी के अवसर पर आपकी आँखों में आँसू क्यों है ?”

“बेटों- बहुओं, तुम सब नए साल के आने की खुशी मना रहे हो। बीते वर्ष के साथ हमारे जीने का एक वर्ष और चला गया है इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। कितने ही काम निबटाने को पड़े हुए हैं सामने।”

उस वृद्ध की बातों पर किसी ने ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी। सभी हो-हल्ला करते चिल्ला रहे हैं- या-या, वा-वा – “वेल्कम टू हेप्पी न्यू इयर।”

चुनाव खत्म

बहुत समय से जिस सड़क पर मरम्मत न किए जाने से धूल का बवंडर उठा करता था, उस पर ककड़-पत्थर बिखेर कर सड़क बनने लगी तो आस-पास के सब लोग प्रसन्न हो गए।सोच रहे थे, इस बार पक्की सड़क पर चलने को मिल जाएगा। जिस गति से काम शुरू हुआ था, उसे देख लग रहा था एक-दो दिन में ही सड़क बनकर तैयार हो जाएगी।

पर सड़क बनाने का काम अचानक रुक गया। जो कंकड़-पत्थर बिखेरे गए थे, वे भी अब कम ही नजर आ रहे हैं। उस इलाके के कुछ प्रतिनिधि वार्क्स मंत्री जो इलाके का एम. एल. ए भी थे, उसके पास सड़क की शिकायत करने गए।

मंत्री ने कहा- चुनाव नजदीक था इसलिए काम शुरू करवाया था। अब तो चुनाव भी खत्म हो गया है और सड़क बनाने की कोई बात फिलहाल तो नहीं है।

निर्विवाद निर्णय

विधान-सभा की कार्यवाई जारी है। सरकार अपनी ओर से बहुत सारी मुद्दों पर निर्णय लेने के प्रयास में है।विवाद होते है परन्तु बहुमत वाली सरकार विवादों को आसानी से काट देती है। कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने के मुद्दे पर सरकार की पार्टी ने फण्ड का अभाव बताकर अगली बैठक के लिए टाल दिया।

चीखना-चिल्लाना, उठ-उठ जाना, हो-हल्ला मचाना विधान-सभा की उस बैठक का अनिवार्य रूप हो जैसे। एक महीने का सत्र एक-दूसरे से विवाद और चिल्लाहट के साथ पूरा होने जा रहा था। अंतिम दिन विधान-सभा के सदस्यों और मंत्रियों के लिए संशोधित वेतन और एलाउवेंसस के बारे में निर्णय लेने के लिए सभा में रखी गई। रूलिंग और ऑपोजिशन दोनों ने ही एक मत से हाँ-हाँ कहते हुए प्रसन्नता से मेज पीटा।

मुद्दा बिना किसी विवाद के पास हो गया।

-लेखक द्वारा अनूदित

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