ईश्वर की सरकार (व्यंग्य) : हरिशंकर परसाई
Ishwar Ki Sarkar (Hindi Satire) : Harishankar Parsai
हमारे देश की सरकार ने देश की प्रतिष्ठा पूरे विश्व में बढ़ाई है। प्रधानमंत्री ने तो किया ही है, हर मंत्री ने भी इसमें योगदान दिया है। पुलिस भी बदल चुकी है, लाठीचार्ज की घटनाओं में कमी आई है, पर गोलीचालन बढ़ गया है। जनता के पैसे से गोलियां बनाने के कारखाने चलते हैं, लिहाजा ये चीजें भी जनता के ही काम आनी चाहिए।
प्रधानमंत्री और विदेशमंत्री कहते हैं कि दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बहुत बढ़ी है। किसने एकाएक भारत की प्रतिष्ठा बढ़ा दी? क्या भारतीय जनता ने बढ़ाई है? मैं एक भारतीय जन की हैसियत से कह सकता हूं कि हमने पिछले दिनों ऐसा कोई कर्म नहीं किया, जिससे भारत की प्रतिष्ठा बढ़े। ‘आई प्लीड नॉट गिल्टी।’ हमारा कोई कसूर नहीं। हमारे बावजूद भारत की प्रतिष्ठा बढ़ गई हो तो हमारी जिम्मेदारी नहीं। हम रात को सोए हैं और कोई खिड़की से घर में सोना डाल जाए, तो सुबह धनवान हो जाना हमारी जिम्मेदारी नहीं है।
हम तो पहले जैसे ही हैं। वही कर रहे हैं। भूखे मरते हैं और चुप रहते हैं। महंगाई बर्दाश्त करते हैं, बेखटके बच्चे पैदा करते हैं, घटिया फिल्में देखते हैं, कच्ची दारू उतारते हैं और पीकर मरते हैं। दलितों को जिंदा जलाते हैं, कृष्णार्पण करके घूस लेते हैं, सस्पेंड होने पर ग्रह शांति करवाते हैं।
हमने कुछ ऐसा नया नहीं किया, जिससे भारत की प्रतिष्ठा बढ़े। हमने सिर्फ इतना किया कि नकारात्मक वोट देकर जनता सरकार को बन जाने दिया। यह भी हमने इसलिए किया कि इंदिरा सरकार ने हमारे बच्चा पैदा करने के गृह उद्योग पर रोक लगा दी थी।
नहीं, हमने सरकार की प्रतिष्ठा नहीं बढ़ाई। भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है, तो हमारी सरकार ने बढ़ाई है।
इस सरकार ने एक बार फिर विश्व को सिद्ध कर बता दिया है कि ईश्वर न होता तो यह सरकार चल नहीं सकती थी। जहां पार्टी और सरकार में सब एक-दूसरे की टांग के पीछे से पकड़े हैं, फिर भी गोल-गोल चल रहे हैं, यह किसकी लीला है?
क्या मनुष्य के वश की यह बात है? नहीं, यह सर्वशक्तिमान ईश्वर की लीला है। सरकार ने ईश्वर में विश्वास जगाकर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाई है। आखिर सिद्ध हुआ कि भारत विश्व का गुरु है। बिन पग चलै सुन बिन काना-यह सिद्ध कर दिया।
भारत की प्रतिष्ठा कई तरह से बढ़ाई गई है। दुनिया में कोई सरकार ऐसी न हुई है, न होगी, जो लगातार जमानत पर रहे और रोज जिसकी पेशी होती हो। हमारी सरकार को यह गौरव प्राप्त है। यह ऐसी सरकार है जिसका गृहमंत्री, प्रधानमंत्री के बेटे और अपने साथी मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर और सबको बेईमान कहकर अलग हो गया है और फिर उन्हीं बेईमानों में लौट आने को लपलपा रहा है। देश पर वह सरकार राज कर रही है, जिसे उसी के गृहमंत्री ने भ्रष्टाचारी कह दिया है। यह ब्रजलाल वर्मा कहते तो न मानते, क्योंकि उन्हें अभी टेलीफोन और टेलीग्राम का फर्क नहीं मालूम। आरिफ बेग कहते तो भी कोई बात नहीं थी, क्योंकि वे तो सभामंच पर अपने संघी मास्टरों को खुश करने के लिए ‘भारत माता! मेरी भारत माता!’ कहकर रोने लगते हैं। भ्रष्टाचार के आरोप भूतपूर्व लौहपुरुष चरणसिंह ने लगाए हैं। और वही फिर मंत्रिमंडल में जाने के लिए रो रहे हैं। चरणसिंह ने उस शोहदे की तरह काम किया है, जो मुहल्ले की किसी स्त्री को चिट्ठी लिखता है और लोगों से कह भी देता है कि वह औरत बदचलन है। उसके पास लोगों के प्रेमपत्र आते हैं। फिर उस औरत से कहता है- तू तो बदनाम हो ही गई, अब मेरे पास ही आ जा।
इस सरकार को अपनी बदनामी के लिए विरोधी की जरूरत ही नहीं है। यह अपनी बदनामी खुद कर लेती है। आत्मनिर्भर है, इससे भी भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है।
भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाई है प्रधानमंत्री ने जो अपनी सरकार की नीतियों का कम स्वमूत्रपान का अधिक प्रचार करते हैं। प्रधानमंत्री ने दुनिया के सबसे बड़े सर्कस को चलाकर भी बता दिया है। उनकी सरकार और पार्टी सर्कस है, जिसमें गेंडा, बारहसिंघा, सियार, जंगली भैंसा वगैरह हैं। मोरारजी को दुनिया के सबसे बड़े सर्कस का मैनेजर होने का गौरव प्राप्त है।
भारत की प्रतिष्ठा हमारे विदेशमंत्री ने भी बढ़ाई है, जिन्होंने झूठ बोलने का दुनिया में रेकॉर्ड कायम किया है। मास्को में ऐसा बोलता है जैसे भारत लौटकर फौरन साम्यवादी क्रांति में लग जाएगा।
भारत की प्रतिष्ठा इसलिए भी बढ़ी है कि पुलिस लाठीचार्ज अब नहीं होता, अब सीधे गोली चलती है। लाठीचार्ज के झंझट में नहीं पड़ती है। गोली बनाने के कारखाने जनता के पैसे से चलते हैं। उनमें बना माल जनता के काम आना चाहिए।
इस सरकार ने नारी को अभूतपूर्व सम्मान दिया है। इंदिरा गांधी नाम की नारी के डर से पूरी सरकार कांपती रहती है। इतना सम्मान दुनिया में किसी नारी को नहीं दिया। अगर इंदिरा गांधी का डर नहीं होता तो यह सरकार कभी की टूट जाती।
मैं भूल रहा हूं। बहुत प्रतिष्ठा बढ़ाई हमारे राजनारायण ने। उन्होंने दुनिया के सामने सिद्ध कर दिया है कि भारत इतना प्रौढ़ लोकतंत्र है कि यहां सरकार पागलखाने को सौंप दी जाए, तो भी देश चलता रहेगा। प्रतापी राजनारायण ने विंध्यवासिनी देवी के सामने मुंडन कराया था। इसका शुभ परिणाम यह हुआ कि कुछ दिनों बाद देवी के वस्त्र और आभूषण चोरी चले गए। जिसका ऐसा चमत्कार है, वह अगर सरकार में रहे तो कोई भी देश हम पर हमला नहीं कर सकता। राजनारायण उसके सिपाहियों की वर्दी और बंदूक की चोरी करवा देंगे।
दुनिया के एकमात्र स्वास्थ्य मंत्री रहे राजनारायण, जिन्होंने ऑपरेशन का एक नया तरीका बताकर सर्जनों को चकरा दिया।