Sinhasan Battisi
सिंहासन बत्तीसी

सिंहासन बत्तीसी ३२ कथाओं का संग्रह है जिसमें ३२ पुतलियाँ महाराजा विक्रमादित्य के विभिन्न गुणों का कहानी के रूप में वर्णन करती हैं। प्रत्येक कथा राजा भोज का उल्लेख करती है, अत: इसका रचना काल ११वीं शताब्दी के बाद होगा। ये कथाएँ इतनी लोकप्रिय हैं कि कई संकलनकर्त्ताओं ने इन्हें अपनी-अपनी तरह से प्रस्तुत किया है। सभी संकलनों में पुतलियों के नाम दिए गए हैं पर हर संकलन में कथाओं के क्रम में तथा नामों में और उनके क्रम में भिन्नता पाई जाती है। इन कथाओं से हमें ज्ञात होता है कि महाराजा विक्रमादित्य कौन थे, उनके न्याय करने का ढंग कैसा था? आखिर क्या कारण था कि वह महादानी, त्यागी, नि:स्वार्थी और न्यायप्रिय राजा के नाम से हजारों वर्षो बाद आज भी लोकप्रिय हैं?

  • परिचय : सिंहासन बत्तीसी
  • आमुख कथा : सिंहासन बत्तीसी
  • रत्नमंजरी: जन्म तथा सिंहासन प्राप्ति : सिंहासन बत्तीसी
  • चित्रलेखा: विक्रम और बेताल : सिंहासन बत्तीसी
  • चन्द्रकला: पुरुषार्थ और भाग्य में कौन बड़ा : सिंहासन बत्तीसी
  • कामकंदला: दानवीरता तथा त्याग की भावना : सिंहासन बत्तीसी
  • लीलावती: विक्रमादित्य की दानवीरता : सिंहासन बत्तीसी
  • रविभामा: विक्रमादित्य की परीक्षा : सिंहासन बत्तीसी
  • कौमुदी: विक्रमादित्य और पिशाचिनी : सिंहासन बत्तीसी
  • पुष्पवती: विक्रमादित्य और काठ का घोड़ा : सिंहासन बत्तीसी
  • मधुमालती: विक्रमादित्य और प्रजा का हित : सिंहासन बत्तीसी
  • प्रभावती: विक्रमादित्य और राजकुमारी का विवाह : सिंहासन बत्तीसी
  • त्रिलोचना: देवताओं का आवाहन : सिंहासन बत्तीसी
  • पद्मावती: राक्षस से घमासान युद्ध : सिंहासन बत्तीसी
  • कीर्तिमती: विक्रमादित्य और सर्वश्रेष्ठ दानवीर : सिंहासन बत्तीसी
  • सुनयना: हिंसक सिंह का शिकार : सिंहासन बत्तीसी
  • सुंदरवती: राजा की हर चीज़ प्रजा के हित के लिए : सिंहासन बत्तीसी
  • सत्यवती: पाताल लोक की यात्रा : सिंहासन बत्तीसी
  • विद्यावती: विक्रमादित्य की परोपकार तथा त्याग की भावना : सिंहासन बत्तीसी
  • तारामती: विद्वानों तथा कलाकारों का सम्मान : सिंहासन बत्तीसी
  • रूपरेखा: राजा विक्रमादित्य और दो तपस्वी : सिंहासन बत्तीसी
  • ज्ञानवती: ज्ञानियों की कद्र : सिंहासन बत्तीसी
  • चन्द्रज्योति: विक्रमादित्य और दुर्लभ ख्वांग बूटी : सिंहासन बत्तीसी
  • अनुरोधवती: बुद्धि और संस्कार : सिंहासन बत्तीसी
  • धर्मवती: मनुष्य जन्म से बड़ा होता है या कर्म से : सिंहासन बत्तीसी
  • करुणावती: चरित्रहीन से प्रेम विनाश की ओर ले जाता है : सिंहासन बत्तीसी
  • त्रिनेत्री: ईश्वर से आस : सिंहासन बत्तीसी
  • मृगनयनी: रानी का विश्वासघात : सिंहासन बत्तीसी
  • मलयवती: विक्रमादित्य और दानवीर राजा बलि : सिंहासन बत्तीसी
  • वैदेही: स्वर्ग की यात्रा : सिंहासन बत्तीसी
  • मानवती: राजा विक्रम की बहन की शादी : सिंहासन बत्तीसी
  • जयलक्ष्मी: मृग रूप से मुक्ति : सिंहासन बत्तीसी
  • कौशल्या: विक्रमादित्य की मृत्यु : सिंहासन बत्तीसी
  • रानी रूपवती: अंतिम कहानी : सिंहासन बत्तीसी