Mikhail Sholokhov
मिखाइल शोलोख़ोव
मिखाइल शोलोख़ोव (1905-1984) रूसी साहित्य के सुप्रसिद्ध कथाकार एवं साहित्य के क्षेत्र में 1965 के नोबेल पुरस्कार विजेता हैं।
बचपन से ही साहित्य की ओर उनका झुकाव था। आरंभ में उन्होंने नाटक भी लिखे थे, जिनका मंचन युवा क्लबों के सदस्यों ने किया था।
1923 ई० से ही शोलोखोव की कृतियों का प्रकाशन आरंभ हो गया था। 1925 में उनकी पहली पुस्तक दोन की कहानियाँ प्रकाशित हुई।
शोलोख़ोव का सर्जनात्मक विकास तेजी से हुआ। कम उम्र के बावजूद उनका जीवनानुभव समृद्ध हो चुका था। 'दोन की कहानियाँ' के
3 वर्ष बाद ही (1928 में) उनके जगत्-प्रसिद्ध उपन्यास धीरे बहे दोन रे... (एंड क्विट फ्लोज द डॉन) का प्रथम भाग प्रकाशित हुआ, जिसने
उन्हें सोवियत लेखकों की प्रथम श्रेणी में प्रतिष्ठित कर दिया। 1929 में इस उपन्यास का दूसरा भाग, 1933 में तीसरा और 1940 में चौथा
भाग प्रकाशित हुआ। 1941 में कुंवारी भूमि का जागरण उपन्यास का पहला भाग प्रकाशित हुआ।
प्रकाशित पुस्तकें-कथा साहित्य:
दोन की कहानियाँ -1923
'धीरे बहे दोन रे...' (मूलतः रूसी में तिचि दोन, अंग्रेजी अनुवाद-'एंड क्विट फ्लोज द डॉन') - 1928 से 1940
कुँवारी भूमि का जागरण, प्रथम भाग ('आने वाले कल के बीज') (वर्जिन सॉयल अपटर्न्ड) - 1932
कुँवारी भूमि का जागरण, द्वितीय भाग ('दोन पर फसल कटाई') - 1960
इंसान का नसीबा (द फेट ऑफ ए मैन) {लंबी कहानी/लघु उपन्यास} - 1957
वे देश के लिए लड़े (दे फाइट फॉर देयर कंट्री) - 1959
दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान लिखे गये आलेखों के संकलन:
दोन किनारे, दक्षिण में, कज्जाक।
Russian Stories in Hindi : Mikhail Sholokhov
रूसी रचनाएँ हिन्दी में : मिखाइल शोलोखोव