Léon Eugène Frapié ल्योन यूजीन फ्रैपी
ल्योन फ्रैपी (27 जनवरी 1863 पेरिस में - 29 सितंबर 1949 पेरिस में) फ्रांसीसी उपन्यासकार थे। उन्होंने पहले पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में योगदान दिया और फिर उपन्यासों में। उन्हें 1904 के प्रिक्स गोनकोर्ट विजेता उपन्यास ला मैटरनेल के लिए जाना जाता है। यह गरीब पड़ोस के स्कूलों में बच्चों के निराश व्यवहार की एक मार्मिक तस्वीर है। इसे 1933 में ला मैटरनेल के नाम से सफलतापूर्वक फिल्म में रूपांतरित किया गया और 1935 में नेशनल बोर्ड ऑफ रिव्यू ऑफ मोशन पिक्चर्स द्वारा इसे सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्मों में स्थान दिया गया। सामान्यतः उनका कार्य यथार्थवादी उपन्यास की परंपरा से जुड़ा है।