Jean-Paul Charles Aymard Sartre ज्यां-पॉल चार्ल्स एमार्ड सार्त्र
ज्यां-पॉल चार्ल्स (21 जून 1905 - 15 अप्रैल 1980) फ्रांसीसी दार्शनिक, नाटककार, उपन्यासकार, पटकथा लेखक, राजनीतिक कार्यकर्ता,
जीवनी लेखक और साहित्यिक आलोचक थे। सार्त्र 20वीं सदी के फ्रांसीसी दर्शन और मार्क्सवाद में अग्रणी व्यक्ति माने जाते हैं। सार्त्र अस्तित्ववाद
दर्शन के प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे। उनके काम ने समाजशास्त्र, आलोचनात्मक सिद्धांत, उत्तर-औपनिवेशिक सिद्धांत और साहित्यिक अध्ययन
को प्रभावित किया है। उन्हें इनकार करने के बावजूद 1964 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था । सार्त्र के लेखन और चिन्तन के
केन्द्र में है - मानवमुक्ति। अस्तित्ववाद से मार्क्सवाद तक की उनकी विचार यात्रा का केन्द्रीय तत्त्व भी शायद यही है। रंगभेद, वर्गभेद, भाषाभेद, धर्मभेद,
जातिभेद से आक्रांत मानव समाज की विडम्बनाओं की ओर ही वे इशारा नहीं करते बल्कि इनके विरुद्ध संघर्ष में सक्रिय भागीदारी की भी तरफ़दारी करते हैं।