Gulabdas Broker
गुलाबदास ब्रोकर
गुलाबदास ब्रोकर (20 सितंबर 1909-10 जून 2006) गुजराती भाषा के लेखक और पत्रकार थे । वह मुख्य रूप से अपनी लघु कथाओं और गुजराती साहित्य में एक-अभिनय नाटकों के लिए जाने जाते हैं । ब्रोकर का जन्म पोरबंदर में हुआ था। उन्होंने 1930 में बॉम्बे विश्वविद्यालय से गुजराती और अंग्रेजी साहित्य में अपनी शिक्षा पूरी की। उन्होंने कुछ समय के लिए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में काम किया । बाद में उन्होंने अपना लेखन 1932 में शुरू किया जब वे सत्याग्रह आंदोलन के दौरान जेल गए। उनका पहला लघु कहानी संग्रह अने बिजी वातो ("एंड अदर टॉक्स") था। ब्रोकर ने 1973 से 1974 तक गुजराती साहित्य परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। पुणे , महाराष्ट्र में उनका निधन हो गया । उन्होंने एक गुजराती मासिक अखंडंद का संपादन किया। उन्होंने बड़ी संख्या में लघु कथाएँ, नाटक, यात्रा वृत्तांत और आत्मकथाएँ भी लिखीं। उनमें से कई का हिंदी, स्पेनिश, जर्मन और अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है। उन्होंने एकांकी का संपादन भी किया , जो एक-अभिनय नाटकों के लिए समर्पित एक पत्रिका है। ब्रोकर को 1992 में भारत में चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था । उन्हें 1998 में गुजराती भाषा में सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार रंजीतराम सुवर्ण चंद्रक से भी सम्मानित किया गया था । उन्हें 1968 में कुमार चंद्रक भी मिला था। गुजरात सरकार ने उन्हें नरसिंह मेहता पुरस्कार से सम्मानित किया।