Grazia Deledda ग्रेज़िया डेलेडा
ग्रेज़िया मारिया कुसिमा डेमियाना डेलेडा (ग्राजिया देलेदा) [1875-1936] इटली की कथाकार, नाटककार एवं कवयित्री थी। 1926 ई० में साहित्य में नोबेल पुरस्कार मिला।
ग्रेज़िया डेलेडा का जन्म 27 सितंबर, 1875 को नूरो में हुआ था। ग्रेजिया के पिता ने कानून का अध्ययन किया था, किंतु उनकी कृषि और व्यापार की ओर ही रुचि थी। वे तीन बार नूरो शहर के मेयर बने थे। कभी-कभी वह भी स्वांतःसुखाय काव्यरचना किया करते थे। उनके घर अच्छे-अच्छे किसानों, पुरोहितों, कलाकारों और धर्माचार्यों का जमघट लगा रहता था और उनके पास एक सुंदर पुस्तकालय भी था। मेयर होने के कारण उनके पास बहुत से दुःखी लोग अपनी गाथाएँ सुनाया करते थे। बचपन से ही ग्रेजिया पर इन सबका प्रभाव पड़ते रहा और इन सारे तत्वों का उनके लेखन में प्रभूत योगदान रहा है। ग्रेजिया को अपनी मातृभूमि सार्डीनिया से काफी लगाव था। सार्डीनिया (इटली) की यह उपन्यास लेखिका इटली के तानाशाह मुसोलिनी की समकालीन थी और मुसोलिनी इनका सम्मान भी करता था।
पुरस्कार देते हुए स्वीडिश अकादमी के द्वारा इनके बारे में कहा गया था: आदर्शवाद द्वारा प्रेरित उनकी रचनाओं के लिए, जो अमूर्त को मूर्त में ढाल सकने वाली सफाई के साथ इनके अपने द्वीप के जीवन को चित्रित करती हैं तथा गहराई और सहानुभूति के साथ सारी मानव जाति की समस्याओं का विवेचन विश्लेषण करती हैं, इन्हें यह पुरस्कार दिया जा रहा है।
प्रकाशित पुस्तकें : सार्डीनिया का फूल, एनीम ऑनेस्ट, हवा में सरकंडे के फूल, मिस्र में उड़ान, माता, नास्टैल्जिया, राख, घृणा (नाटक), तलाक के बाद।