George Eliot
जॉर्ज इलियट
मैरी अन्न एवांस (22 नवम्बर 1819 – 22 दिसम्बर 1880) अंग्रेजी लेखिका, पत्रकार और अनुवादक थीं। वे अपने उपनाम जॉर्ज इलियट से जानी जाती हैं। वे विक्टोरिया काल की प्रमुख अंग्रेज लेखिका थीं। उनकी गणना अंग्रेजी के महान् उपन्यासकारों में की जाती है।
आपका पालन पोषण तो कट्टर मेथोडिस्ट परिवार में हुआ किंतु २२ वर्ष की आयु में ब्रे और हेनेल के प्रभाव ने आपके दृष्टिकोण में क्रांतिकारी परिवर्तन कर दिया। धार्मिक प्रश्नों में तर्कपूर्ण एवं निष्पक्ष वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनानेवालों में आपका स्थान अपने युग में सर्वप्रथम है। परंतु आपकी सभी रचनाओं में एक दृढ नैतिक भावना विद्यमान है जिसके कारण आपने कर्तव्यपालन और कर्मफल के सिद्धांतों को सर्वोपरि स्थान दिया है।
आपका प्रथम साहित्यिक प्रयास स्ट्रॉस की 'लाइफ़ ऑव जीसस' का अनुवाद (१८४८) था। १८५१ में आप 'वेस्टमिन्स्टर रिव्यू' की सहायक संपादिका नियुक्त हुई जिससे आपको फ्राउड, मिल, कार्लाइल, हरबर्ट स्पेंसर तथा 'द लीडर' के संपादक जी.एच. लिविस जैसे सुविख्यात व्यक्तियों के संपर्क में आने का अवसर प्राप्त हुआ। लिविस की ओर आप विशेष आकर्षित हुई, जो उस समय अपनी पत्नी से अलग रह रहे थे। समाज की पूर्ण अवहेलना करके वे दोनों पति पत्नी की भाँति रहने लगे। यह संबंध लिविस के मृत्युपर्यंत कायम रहा।
लिविस की प्रेरणा से ही आप दर्शन छोड़कर उपन्यासरचना की ओर आकर्षित हुई। आपकी पहली तीन कथाएँ 'सीन्स फ्रॉम क्लेरिकल लाइफ़' के नाम से १८५८ में प्रकाशित हुई। इसके उपरांत 'ऐडम बीड' (१८५९), 'द मिल ऑन द फ्लॉस' (१८६०) और 'साइलस मारनर' (१८६१) लिखे गए। ये तीनों रचनाएँ ग्राम्य जीवन पर आधारित हैं जिससे वे भली भाँति परिचित थीं। इनमें हमें दीनहीनों के प्रति आपकी गहरी समवेदना के दर्शन होते हैं। 'रोमोला' (१८६३) को लिखने में आपने सर्वाधिक परिश्रम किया, परंतु उसे सजीवता प्रदान करने में आप पूर्णत: सफल न हो सकीं। फिर भी इस उपन्यास में टीटो मिलीमा का चरित्रचित्रण विशेष उल्लेखनीय है। 'फ़ेलिक्स होल्ट' (१८६६) की कथा १८३२ के सुधारवादी आंदोलन पर आधारित है। 'मिडिल मार्च' (१८७२) में, जो आपका सर्वोत्तम उपन्यास है, प्रांतीय जीवन का पूर्ण और सफल चित्रण मिलता है। व्यापकता की दृष्टि से इसकी तुलना बालज़ाक और टाल्सटाय की रचनाओं से की जाती है। आपकी अंतिम रचना 'डेनियल डेरोंडा' (१८७६) यहूदी जीवन पर आधारित है।
दीर्घकालीन उपेक्षा के अनंतर जार्ज इलियट की रचनाएँ पाठकों तथा आलोचकों दोनों का ध्यान पुन: आकृष्ट करने लगी हैं। उनके उपन्यास साइलस मारनर (Silus Marner) का अनुवाद उपन्यास सम्राट प्रेमचंद ने सुखदास नाम से किया है।
हिन्दी उपन्यास : जॉर्ज इलियट
Novels in Hindi : George Eliot (Mary Anne Evans)