Amitav Ghosh
अमिताव घोष
अमिताव घोष(11 जुलाई 1956-) भारत के अंग्रेजी भाषा के साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित उपन्यास द शैडो लाइन्स के लिये इन्हें सन् 1989 में साहित्य
अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया और इन्हे वर्ष 2018 का ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला।अमिताव घोष का जन्म कलकत्ता में बंगाली हिंदू परिवार में, पूर्व स्वतंत्रता
भारतीय सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल शैलेन्द्र चंद्र घोष के घर हुआ था। उनके सभी लड़के दून स्कूल में शिक्षित थे । दून में उनके समकालीनों में लेखक
विक्रम सेठ और राम गुहा शामिल थे। दून के बाद, उनकी शिक्षा सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और ऑक्सफोर्ड में हुई।
उनकी पहली नौकरी नई दिल्ली में इंडियन एक्सप्रेस अख़बार में थी। उनकी रचनाओं में द सर्किल ऑफ़ रीज़न (1986),
द शैडो लाइन्स (1988),
कलकत्ता क्रोमोसोम (1995),
द ग्लास पैलेस (2000),
द हंग्री टाइड (2004),
सी ऑफ पोपीज़ (2008),
धुएं की नदी (2011),
आग की बाढ़ (2015),
गन आइलैंड (2019),
जंगल नामा (2021), शामिल हैं ।
English Novels in Hindi : Amitav Ghosh
अंग्रेजी रचनाएँ हिन्दी में : अमिताव घोष