गप्पियों का देश (व्यंग्य) : हरिशंकर परसाई

Gappiyon Ka Desh (Hindi Satire) : Harishankar Parsai

पाकिस्तान में हर साल एक गप्प- सम्मेलन होता है जिसमें सबसे बड़ा झूठ बोलनेवाले को इनाम मिलता है। गत वर्ष इनाम पानेवाली गप्प यह थी-

'उत्तर के बर्फानी इलाके में एक कुत्ता खरगोशों का पीछा कर रहा था। इतने में बर्फ गिरने लगा और खरगोश तथा कुत्ता वहीं बर्फ में दब गए। 6 माह बाद गर्मी का मौसम आया और बर्फ पिघला तो लोगों ने देखा कि खरगोश भागे जा रहे हैं और कुत्ता उनका पीछा कर रहा है।'

यह गप्प- सम्मेलन कोई मजाक नहीं हैं। यह एक प्रकार का पब्लिक सर्विस कमीशन है। जो आदमी सबसे बड़ी गप्प हाँक सकता है उसे सरकार विदेश मंत्रालय का सलाहकार बना लेती है और उसे यह काम दिया जाता है कि विदेशी मामलों में वह अच्छा से अच्छा झूठ ईजाद करे। इस झूठ को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और विदेशमंत्री अपने भाषणों में जोड़ लेते हैं। काश्मीर के संबंध में इसलिए पाकिस्तान इतनी जल्दी ऐसे अच्छे-अच्छे झूठ कहता जाता है।

सबसे ताजा झूठ यह है कि पंजाब की पाँचों नदियाँ काश्मीर से निकलती हैं। इस झूठ ने भूगोल को भी झूठा कर दिया। यह बात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कही है । भूगोल कहती है कि केवल झेलम काश्मीर से निकलती है, शेष या तो बाहर हिमालय से या तिब्बत से। मगर पाकिस्तान के गप्पी सलाहकार ने प्रधानमंत्री को यही सलाह दी होगी कि सब नदियों को भी काश्मीर से जोड़ दो, भूगोलशास्त्र की परवाह मत करो ।

अपनी सरकार को भी कुछ गप्पियों को सलाहकार बनाना चाहिए। वैसे देशी मामलों में तो सरकार का हर मंत्री, अफसर झूठ बोल लेता है। विकास योजना की रिपोर्टें झूठों से भरी रहती हैं, आँकड़े अधिकांश झूठ होते हैं।

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