गाना गानेवाली हड्डी : परी कहानी
Gaana Gaanewali Haddi : Fairy Tale
पुराने समय की बात है। एक गाँव में एक जंगली सूअर घुस आया, जिसने किसानों के सारे खेत अपने पैरों तले रौंद डाले। उनके पशुओं को मारकर
खाने लगा, यहाँ तक कि मनुष्यों की भी खाल खींचने लगा। सारा गाँव उस जंगली सूअर के नाम से ही काँपने लगा। सब गाँववालों ने राजा के पास
अपनी शिकायत पहुँचाई और जंगली सूअर से उनकी जान और माल की रक्षा करने की प्रार्थना की। राजा ने अपनी जनता को वचन दिया कि उनकी
पूरी रक्षा की जाएगी। उसने घोषणा करवा दी कि जो व्यक्ति इस जंगली सूअर को मार डालेगा, उसे बहुत सारे इनाम दिए जाएंगे, पर वह जंगली
सूअर इतना बड़ा और भयंकर था कि किसीने उसके पास तक फटकने का साहस नहीं किया। थोड़े से इनाम के लिए कोई भी अपनी जान गँवाने के
लिए तैयार नहीं था। राजा को इस घोषणा से कोई सफलता नहीं मिली।
इधर जंगली सूअर सब लोगों के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बनता जा रहा था। अंततः राजा ने घोषणा की कि जो भी साहसी युवक इस जंगली
सूअर को मारेगा, वह उससे अपनी बेटी की शादी कर देगा और उस साहसी व्यक्ति को बहुत सा धन इनाम में देगा।
उसी गाँव में एक बहुत ही गरीब किसान के दो बेटे थे। जब उन्होंने राजा की इस घोषणा को सुना तो दोनों ही उस जंगली सूअर को मारने के
लिए तैयार हो गए। दोनों ही अपनी गरीबी से तंग आ चुके थे। बड़ा भाई बहुत ही धूर्त और चालाक था तथा उसे अपनी ताकत पर बड़ा घमंड था।
उसने सोचा कि अगर मरना ही है तो क्यों न अपनी बुद्धिमानी और चालाकी का परिचय देकर मरें। क्यों वे इस गरीबी में तिल-तिल कर मरें, पर
छोटा भाई बड़ा ही मासूम और भोला था। उसने भी सोचा कि भूख से मरने से तो अच्छा है कि दूसरों के लिए कुछ भलाई का काम करते-करते मरे।
पूरे गाँव में इन दोनों के अलावा और कोई युवक उस जंगली सूअर को मारने के लिए आगे नहीं आया। अगले दिन दोनों भाई राज-दरबार में पहुँचे
और राजा को उस जंगली सूअर को मारने की बात कही। राजा ने उन दोनों भाइयों को दो अलगअलग दिशाओं में जाने की सलाह दी, ताकि वे उसे
आसानी से पकड़ सकें। दोनों भाई दो अलग-अलग दिशा से जंगल की ओर चल पड़े, जिसमें उस जंगली सूअर की माँद थी। अगली सुबह जब छोटा
भाई एक ओर से उस जंगल में घुसा, तो उसे एक बौना आदमी मिला। उसके हाथ में काले रंग का एक भाला था। बौना उस छोटे भाई के पास आया
और बोला, 'तू बहुत मासूम और भोला है। तुझमें स्वार्थ नहीं है। तू दूसरों की भलाई के लिए मरने को भी तैयार हो गया। इसलिए मैं तुझे यह भाला
देता हूँ। जब वह जंगली सूअर तुझे मारने के लिए तेरी तरफ बढ़ेगा तो तू ये भाला उसके पेट में घुसा देना। वह इस भाले से उसी क्षण मर जाएगा
और तुझे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा।'
छोटे भाई ने उस बौने से उसका भाला लिया और उसकी इस सहायता के लिए उसे हदय से धन्यवाद दिया। फिर उसने वह भाला अपने कंधे पर
रखा और निडर होकर जंगल की ओर चल दिया। काफी दूर चलने पर उसे वह भयंकर जानवर दिखाई पड़ा। उस जंगली सूअर ने उस लड़के को अपनी
ओर आते हुए जैसे ही देखा, वह उसकी ओर तेजी से झपटा। छोटे भाई ने तत्काल वह भाला उसके पेट में घोंप दिया। भाले के घुसते ही उस सूअर
के प्राण निकल गए। छोटे भाई ने उस बौने को मन-ही-मन धन्यवाद दिया और उस जंगली सूअर को कंधे पर डालकर घर की ओर चल दिया, क्योंकि
उसे राजा के सामने पेश करना था।
जब वह जंगल की दूसरी दिशा की ओर पहुँचा, उसने वहाँ एक घर देखा, जहाँ पर लोग शराब पीकर नाच रहे थे और वहीं लोगों की भीड़ में उसने
अपने बड़े भाई को भी देखा, जो जंगली सूअर के डर के मारे शराब पीकर अपना साहस बढ़ा रहा था। जब उसने अपने छोटे भाई को मरे हुए सूअर के
साथ देखा तो उसका हृदय दवेष से भर गया। उस चालाक और घमंडी भाई को यह बहुत बुरा लगा कि उसका मूर्ख भाई उस सूअर को मारकर राजा
की खूबसूरत लड़की से शादी करे और बहुत सारा धन पाकर ऐश की जिंदगी बिताए। उसने बड़े प्यार से छोटे भाई को अपने पास बुलाया और बोला,
'मेरे प्यारे भाई, इतनी बहादुरी का काम करके तू बहुत थक गया होगा। आ मेरे साथ, यहाँ कुछ देर आराम कर और यह बढ़िया शराब पीकर अपनी
थकान मिटा। फिर हम दोनों एक साथ राजा के पास चलेंगे।'
छोटे भाई को अपने भाई की यह बात अच्छी लगी। उसने सोचा कि उसका भाई सचमुच उसका कितना खयाल रखता है। उसने अपने बड़े भाई को
उस बौने के दिए हुए भाले के बारे में भी बता दिया और यह भी कि किस तरह उसने उस भाले से उस भयंकर जंगली सूअर को बिना किसी परेशानी
के मिनटों में ही मार डाला।
बड़ा भाई अपने छोटे भाई को देर तक शराब पिलाता रहा। जैसे ही अँधेरा हुआ, उसने अपने छोटे भाई से वह जंगली सूअर लेकर अपने कंधे पर
डाला और उसका हाथ पकड़कर अपने साथ ले चला। वह छोटे भाई को अब सीधे रास्ते से न ले जाकर एक पुल से ले गया। शराब पीने और अँधेरा
होने की वजह से छोटे भाई को रास्ता साफ नजर नहीं आ रहा था। वह बड़े इत्मीनान से अपने बड़े भाई का हाथ पकड़कर चला जा रहा था। जब बड़ा
भाई पुल के बीचोबीच पहुँचा तो उसने अपने छोटे भाई को पुल से धक्का दे दिया। बेचारा छोटा भाई तैरना भी नहीं जानता था। अत: वहीं डूबकर मर
गया। बड़े भाई ने पुल से उतरकर उसे पानी से निकाला और नदी के पास ही उसकी कब्र खोदकर वहीं दफना दिया। बाद में उसने वह जंगली सूअर
अपने कंधे पर रखा और सुबह होते-होते राजा के दरबार में पहुँच गया। उसकी बहादुरी से खुश होकर राजा ने उसे बहुत सा धन दिया और शीघ्र ही
अपनी बेटी से उसकी शादी करने की घोषणा कर दी।
जब कई दिनों तक छोटा भाई वापस नहीं आया तो उसके माँ-बाप ने तथा गाँव के अन्य आदमियों ने उस छोटे भाई के बारे में पूछना शुरू कर
दिया। बड़ा भाई सभी से कहता, कहीं उसे उस जंगली सूअर ने मेरे मारने से पहले ही खत्म तो नहीं कर दिया था। अगर वह जिंदा होता तो अब तक
जरूर वापस आ जाता।'
सब लोगों को विश्वास हो गया कि उस छोटे भाई को जरूर उस सूअर ने मार डाला होगा, मगर भगवान् की नजरों से तो कुछ नहीं छुप सकता।
सच्चाई तो एक-न-एक दिन सामने आ ही जाती है। कुछ समय बाद एक गड़रिया अपनी भेड़ों को उस पुल के पास चरा रहा था। तभी उसे वहाँ पर
बर्फ की तरह सफेद एक हड्डी दिखाई दी। उसने सोचा कि वह इस हड्डी से एक अच्छी सी बाँसुरी बना सकता है। चूँकि उसे बाँसुरी बजाने का बहुत
शौक था। उसने वह हड्डी उठा ली और उसमें चाकू से छेद करने लगा। उसी समय वह हड्डी गाने लगी-
'ओ प्यारे गड़रिए
तू मेरे पास आ
मेरी हड्डी को बजा
मेरे भाई ने मुझे मारा
इस पुल के नीचे धकेला
उस जंगली सूअर के लिए
उस राजा की बेटी के लिए।'
गड़रिए ने जब यह गाना सुना तो उसने गाँव में जाकर यह बात गाँववालों को बताई। तब गाँववालों को बड़े भाई पर शक हुआ, शायद इसने ईर्ष्या
के कारण अपने छोटे भाई को मार डाला है। गड़रिए ने सोचा कि अगर मैं ऐसी बाँसुरी राजा को भेंट करूँ, जो खुद-ब-खुद गाने लगती है तो राजा मुझे
बहुत इनाम देगा। ऐसा सोचकर वह उस बाँसुरी को लेकर राजा के दरबार में उपस्थित हुआ और सबके सामने अपनी बाँसुरी को गाना गाने को कहा।
बाँसुरी ने अपना वही गाना गाना शुरू कर दिया। जब राजा ने यह गाना सुना तो उसे महसूस हुआ कि बड़े भाई ने जरूर धन और पत्नी के लालच में
अपने छोटे भाई की हत्या की होगी; राजा ने अपने लोगों को पुल के नीचे खुदाई करने पर लगा दिया और उन्होंने जल्द ही कंकाल को निकल लिया
। दुष्ट भाइयों ने अपना अपराध कबूल कर लिया और उन्हें पानी में फेंक दिया गया। मारे गए भाई की हड्डियों को गिरजाघर में एक खूबसूरत कब्र
में दफना दिया गया ।
(ग्रिम्स फेयरी टेल्स में से)