डोनाल्ड और उसके पड़ोसी : आयरिश लोक-कथा

Donald and His Neighbors : Irish Folktale

एक बार की बात है कि आयरलैंड के एक गाँव में हडिन, डडिन और डोनाल्ड नाम के तीन आदमी पास पास रहते थे।

तीनों के पास अपने अपने बैल थे, अपने अपने खेत थे और वे अपनी अपनी खेती करते थे। डोनाल्ड अपने खेत में बहुत मेहनत करता था और उसकी फसल भी बहुत अच्छी होती थी इसलिये धीरे धीरे वह बहुत अमीर हो गया।

हडिन और डडिन से उसकी अमीरी देखी नहीं गयी और एक दिन उन्होंने डोनाल्ड के एक बैल को मार दिया। डोनाल्ड बहुत दुखी हुआ पर कुछ कर नहीं सकता था। इसलिये सब्र कर के उसने अपने मरे हुए बैल की खाल निकाली और उसे कन्धे पर रख कर बाजार में बेचने चल दिया।

रास्ते में एक मैना उस बैल की खाल पर आ कर बैठ गयी और उस खाल में लगा माँस खाने लगी। साथ में वह डोनाल्ड से बातें भी करती जाती थी।

क्योंकि वह आदमी की आवाज में उससे बात कर रही थी तो उसको लगा कि उसको उसकी कुछ बातें समझ में आ रही हैं सो उसने तुरन्त हाथ घुमा कर उसको पकड़ कर अपनी जेब में रख लिया।

बाजार में जा कर उसने अपने बैल की खाल बेची और फिर शराब पीने के लिये एक होटल में घुस गया।

जब वहाँ की मालकिन उसे अन्दर कमरे में ले जा रही थी तो उसने उस चिड़िया को ज़रा सा दबा दिया। दबाने से चिड़िया के मुँह से कुछ टूटे फूटे शब्द निकल पड़े।

होटल की मालकिन उन शब्दों को सुन कर आश्चर्य में पड़ गयी और बोली — “अरे यह मैं क्या सुन रही हूँ? लगता है कि कोई बात कर रहा है पर फिर भी मैं कुछ समझ नहीं पा रही हूँ।”

डोनाल्ड बोला — “आप ठीक कह रही हैं। मेरे पास एक चिड़िया है जो मुझे सब कुछ बताती है। मैं इसे हमेशा अपने पास रखता हूँ। इस समय यह यह कह रही है कि आप जो मुझे शराब दे रही हैं आपके पास उससे भी अच्छी शराब है।”

मालकिन बोली — “अजीब बात है, यह तो बिल्कुल ठीक बोल रही है। क्या तुम मुझे यह चिड़िया बेचोगे?”

डोनाल्ड बोला — “हाँ मैं इसे बेच सकता हूँ अगर मुझे इसके अच्छे दाम मिल जायें तो।”

मालकिन बोली — “मैं तुम्हारा टोप चाँदी के सिक्कों से भर दूँगी।”

डोनाल्ड ने खुशी खुशी वह चिड़िया उस होटल की मालकिन को बेच दी और घर चला गया।

कुछ देर बाद ही वह हडिन और डडिन से मिला और उनसे बोला — “तुम लोग सोच रहे होगे कि शायद तुमने मेरे साथ बुरा किया है पर नहीं, तुमने तो यह सब मेरे अच्छे के लिये ही किया था। देखो न उस बैल की खाल से मुझे कितने सारे पैसे मिल गये।” कह कर उसने उनको अपना चाँदी के सिक्कों से भरा टोप दिखा दिया।

वह फिर बोला — “केवल एक खाल के इतने सारे पैसे तुम लोगों ने तो कभी देखे भी नहीं होंगे।”

उस रात हडिन और डडिन ने भी अपने अपने बैलों को मार डाला और अगले दिन उनकी खालें बेचने के लिये बाजार चल दिये। पर काफी भाव ताव करने के बाद भी उन लोगों को उन खालों का बहुत ही कम पैसा मिला।

आखिरकार उतने ही पैसे से सन्तुष्ट हो कर बड़े गुस्से में वे घर पहुँचे। वे डोनाल्ड से इस बात का बदला लेना चाहते थे। डोनाल्ड को भी इस बात का पता था कि वे लोग जरूर ही कुछ न कुछ गड़बड़ घोटाला करेंगे।

यह भी हो सकता था कि वे उसका पैसा चुरा लें या फिर उसे सोते में मार दें। मारने के डर से उसने अपनी बूढ़ी माँ को अपने बिस्तर में सुला दिया।

उसका ख्याल ठीक था। हडिन और डडिन उसका पैसा चुराने और उसको मारने के लिये उस रात उसके घर आये। उन्होंने यह सोचते हुए उसकी माँ का गला घोट दिया कि वे डोनाल्ड को मार रहे थे। पर डोनाल्ड ने जब कुछ शोर मचाया तो वे उसका पैसा लिये बिना ही भाग गये।

अगले दिन डोनाल्ड अपनी मरी हुई माँ को अपने कन्धे पर डाल कर शहर ले चला। रास्ते में एक कुँए पर रुक कर उसने अपनी माँ के शरीर को एक डंडे के सहारे इस तरह खड़ा कर दिया जिससे ऐसा लग रहा था कि जैसे वह कुँए पर पानी पीने के लिये खड़ी हो।

फिर वह पास के एक शराबखाने में घुस गया और वहाँ पास में खड़ी एक स्त्री से बोला — “क्या आप मेरे ऊपर एक मेहरबानी करेंगी? मेरी माँ बाहर कुँए के पास खड़ी है उसको अन्दर आने को कहियेगा।

वह थोड़ा कम सुनती हैं सो अगर वह एक बार में ठीक से न सुनें तो उन्हें थोड़ा हिला लीजियेगा और कहियेगा कि वह यहाँ आ जायें।”

वह स्त्री बाहर आयी और उसकी माँ से कई बार अन्दर आने को कहा परन्तु उसको लगा कि उसकी बात का तो उसके ऊपर कोई असर ही नहीं पड़ रहा है तो उसने उसको थोड़ा सा हिलाया।

पर यह क्या? उसके छूते ही वह सिर के बल कुँए में गिर गयी और डूब गयी। वह स्त्री इस घटना से बहुत ही डर गयी। उसने तुरन्त ही जा कर डोनाल्ड को यह सब कुछ बताया।

डोनाल्ड सिर पर हाथ मार कर बोला — “अरे यह आपने क्या किया?”

और तुरन्त ही बाहर जा कर उसने कुँए से अपनी माँ का शरीर बाहर निकाला। वह उसकी मौत पर दुखी हो कर रोने लगा।

इस तरह डोनाल्ड तो केवल दुखी होने का बहाना कर रहा था पर उस स्त्री की हालत बहुत ही खराब थी। वह अपने आपको डोनाल्ड की माँ का हत्यारा समझ रही थी।

उस शहर के लोगों ने डोनाल्ड को इस दुर्घटना के बहुत सारे पैसे दिये और इस तरह डोनाल्ड पहले से भी कहीं ज़्यादा पैसे ले कर घर लौटा।

घर आ कर उसने पहले की तरह से हडिन और डडिन को अपने पैसों के बारे में बताया और बोला — “तुम लोग कल रात मुझे मारने के लिये आये थे न, पर यह मेरे लिये अच्छा हुआ कि वह सब मेरी माँ पर गुजरा। अब मुझे बारूद बनाने के लिये काफी पैसे मिल गये।”

उसी रात हडिन और डडिन दोनों ने अपनी माँ को मार दिया और अगली सुबह उनके मरे हुए शरीरों को अपने अपने कन्धों पर डाल कर शहर ले चले।

शहर पहुँच कर वे आवाज लगाने लगे — “इन औरतों को बारूद के बदले में कौन खरीदेगा?” सभी उनकी बात पर हँस पड़े और बच्चों ने तो उनको मार पीट कर ही भगा दिया।

अब उन्होंने फिर से डोनाल्ड से बदला लेने का फैसला किया। वे जब घर लौटे तो उन्होंने देखा कि डोनाल्ड नाश्ता कर रहा है। वे पीछे से आये, उन्होंने डोनाल्ड को एक थैले में डाला और नदी की तरफ ले चले।

रास्ते में उनको सामने ही एक खरगोश दिखायी पड़ गया। खरगोश देख कर उन्होंने थैला तो सड़क पर रख दिया और उस खरगोश को पकड़ने दौड़ पड़े।

उन्होंने सोचा कि खरगोश जल्दी ही पकड़ में आ जायेगा तो क्यों न उसको भी रास्ते में पकड़ लिया जाये परन्तु वह खरगोश तो भागता ही चला गया और उसके पीछे भागते भागते वे भी काफी दूर निकल गये।

इधर जब कुछ देर हो गयी तो डोनाल्ड ने थैले में बैठे बैठे गाना गाना शुरू कर दिया। एक आदमी सड़क पर से गुजर रहा था कि उसने थैले में से गाने की आवाज सुनी तो वह रुक गया।

उसने पूछा — “यह क्या मामला है कि तुम थैले में बन्द हो और गाना गा रहे हो?”

डोनाल्ड बोला — “मैं स्वर्ग जा रहा हूँ और बहुत जल्दी ही मैं इन सब मुश्किलों से आजाद हो जाऊँगा।”

वह आदमी बोला — “अगर मैं तुम्हारी जगह इस थैले बन्द हो जाऊँ तो तुम मुझसे क्या लोगे?”

डोनाल्ड बोला — “कह नहीं सकता पर इसके लिये तुम्हें काफी पैसा देना पड़ेगा क्योंकि स्वर्ग जाना कोई आसान काम नहीं है।”

वह आदमी बोला — “मेरे पास ज़्यादा पैसे तो नहीं हैं पर मेरे पास बीस जानवर हैं जो मैं तुमको दे सकता हूँ। चलेगा?”

डोनाल्ड बोला — “ठीक है मैं बीस जानवरों से ही काम चला लूँगा।”

आदमी ने खुशी खुशी थैला खोल कर डोनाल्ड को बाहर निकाल दिया। बाद में डोनाल्ड ने उस आदमी को उस थैले मे बन्द कर दिया और उसके बीस बढ़िया जानवर ले कर घर आ गया।

कुछ देर बाद हडिन और डडिन खरगोश पकड़ कर लौटे और उस थैले को अपनी पीठ पर लाद कर चलने लगे। यह समझते हुए कि उस थैले में अभी भी डोनाल्ड बन्द है उन्होंने उस थैले को नदी में फेंक दिया। वह थैला तुरन्त ही पानी में डूब गया।

वे जल्दी जल्दी घर लौटने लगे ताकि डोनाल्ड की जायदाद पर जल्दी ही कब्जा कर सकें, पर यह क्या? घर आ कर तो वे आश्चर्य में पड़ गये क्योंकि उन्होंने देखा कि डोनाल्ड तो घर में है और उसके पास कई सारे अच्छे किस्म के जानवर भी हैं जो पहले उसके पास कभी नहीं थे।

उन्होंने आ कर डोनाल्ड से पूछा — “अरे डोनाल्ड़ यह क्या? हम तो समझे कि तुम डूब गये हो परन्तु तुम तो यहाँ हमारे सामने खड़े हो।”

डोनाल्ड बोला — “ओह हाँ, वहाँ तो मैं डूब ही गया था पर मुझे वहाँ डुबो कर तुमने मेरी बड़ी सहायता की क्योंकि वहाँ मुझे ये जानवर और सोना मिल गया था पर मैं उनमें से केवल एक ही चीज़ ले सकता था सो मैं जानवर ले कर चला आया पर सोना अभी भी वहीं पड़ा हुआ है।”

यह सुन कर दोनों के मन में लालच आ गया। उन्होंने फिर से कसम खायी कि वे डोनाल्ड के दोस्त बने रहेंगे पर वह किसी तरह उनको वह सोना दिलवा दे।

डोनाल्ड इस बार उनको नदी में उस जगह पर ले गया जहाँ वह नदी सबसे ज़्यादा गहरी थी।

उसने एक पत्थर उठाया और उसको नदी में फेंकते हुए बोला
— “देखो, यही वह जगह है जहाँ पर सोना है। अब तुम ऐसा करो कि तुममें से एक इस जगह पर कूद जाओ और अगर तुमको किसी सहायता की जरूरत हो तो दूसरे को पुकार लेना।”

यह सुन कर हडिन तुरन्त ही उस जगह पर कूद गया। कुछ ही पल बाद वह ऊपर आ गया और ऐसी आवाज में कुछ बोला जैसे कोई डूबता आदमी बोलता है।

डडिन ने डोनाल्ड से पूछा — “यह क्या कह रहा है?”

डोनाल्ड बोला — “अरे, कह क्या रहा है सोना निकालने में तुम से सहायता माँग रहा है, और क्या कह रहा है।

यह सुन कर डडिन भी हडिन के साथ ही नदी में कूद गया और दोनों नदी में डूब कर मर गये। डोनाल्ड दोनों की बेवकूफी पर हँसता हुआ घर वापस आ गया।

(साभार सुषमा गुप्ता जी, जिन्होंने लोक-कथाओं पर उल्लेखनीय काम किया है.)

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