डोलची सवार : फ़्रेंज़ काफ़्का

सारा कोयला खर्च, डोलची खाली; फावड़ा बेकार; चूल्हा बुझा हुआ; कमरा अत्यधिक ठंडा, खिड़की के बाहर पत्तियाँ स्थिर तथा ओले से ढकी हुईं, आकाश मानो चाँदी की ढाल की तरह किसी के भी विरुद्ध, जो उसकी ओर किसी प्रकार की मदद के लिए देखता । मेरे पास कोयला होना चाहिए, मैं ठिठुरकर मरना नहीं चाहता; मेरे पीछे निष्ठुर चूल्हा और मेरे सामने निष्ठुर आकाश, इसलिए मुझे इन दोनों के बीच सवारी करनी चाहिए तथा मेरी यात्रा कोयला डीलरों से सहायता की माँग करता है । लेकिन साधारण आग्रह के प्रति वह पहले ही बिल्कुल असंवेदनशील है। मुझे अटल रूप से यह सिद्ध करना चाहिए कि मेरे पास कोयले का एक अंश भी नहीं है, और यह कि वह मेरे लिए आकाश के क्षितिज में सूर्य के समान है। मुझे उस भिखारी की तरह माँगना चाहिए जो, मौत की गुहार लगा हुए, चौखट पर ही मर जाने की विनती करता है, जिसे प्रसिद्ध लोगों का रसोइया उसके अनुसार कॉफी बरतन में बचा हुआ अशेष देने का निर्णय करता है, ठीक उसी गुस्से से भरा कोयला डीलर, इस आदेश को स्वीकार करते हुए, “तुम्हें करना नहीं चाहिए, " मेरी डोलची में फावड़ा भरकर कोयला डाल देना चाहिए।

मेरे पहुँचने के तरीके से ही इस बात का निर्णय लिया जा सकता है। इसलिए मैं डोलची में सवार होता हूँ। मैं डोलची पर बैठा, मेरे हाथ हैंडल पर, जीन का सबसे साधारण रूप, मैं बड़ी मुश्किल से खुद को सीढ़ियों तक ढकेलता हूँ, लेकिन एक बार मैं नीचे जाता हूँ और मेरी डोलची ऊपर जाती है, शानदार रूप से, जमीन पर बैठा ऊँट इतनी गरिमा के साथ नहीं उठता, अपने हाँकनेवालों की छड़ी के नीचे काँपते हुए । नियमित कदमों से चलते हुए हम कठोर जमी हुई गलियों से जाते हैं, कभी-कभी तो मुझे मकान की पहली मंजिल के इतना ऊँचा उठा लिया जाता है, मैं कभी भी घर के दरवाजों के इतना नीचे नहीं जाता हूँ। अंत में मैं अद्भुत रूप से डीलर के मेहराबदार तहखाने के ऊपर तैरने लगता हूँ, जिसे कि मैं बहुत नीचे दीनतापूर्वक अपने को टेबल पर झुके हुए देखता हूँ, जहाँ वह लिख रहा होता है; उसने अत्यधिक गरमी को बाहर निकालने के लिए दरवाजा खोल दिया है।

"कोयला डीलर!" ओले से जली तथा मेरी साँसों के धुएँ में लिपटी आवाज में मैं चिल्लाता हूँ, “कोयला डीलर, मेहरबानी करके मुझे थोड़ा कोयला दे दो ।" मेरी डोलची इतनी हल्की है कि मैं इसकी सवारी कर सकता हूँ। कृपया मेहरबानी करो। मैं इसके पैसे तुम्हें दे दूँगा, जब मैं इसे करने में समर्थ हूँगा।

डीलर अपने हाथ अपने कानों पर रख लेता है । " क्या मैं सही तरह सुन पाता हूँ ? " वह यह प्रश्न काँधों से अपनी पत्नी पर उछालता है।" क्या मैं सही तरह सुनता हूँ?" एक ग्राहक ।

" मुझे कुछ भी सुनाई नहीं पड़ता, " उसकी पत्नी ने आराम से साँस लेते तथा बुनाई करते हुए जवाब दिया। उसके पीठ सुखद रूप से गरम थे ।

"ओ, हाँ, तुम्हें सुनना चाहिए, " मैं चिल्लाया । " यह मैं ही हूँ; एक पुराना ग्राहक; सच्चा और ईमानदार, सिर्फ इस क्षण बिना साधन के । "

“पत्नी,” डीलर बोलता है, " कोई तो है, यह होना चाहिए; मेरे कानों को इतना धोखा तो नहीं हो सकता, यह कोई पुराना ग्राहक ही होगा, जो मुझे इतना द्रवित कर सकता है । "

'तुम्हें क्या तकलीफ है, मनुष्य?" उसकी पत्नी ने अपने काम को कुछ क्षणों के लिए रोकते हुए तथा सलाई को अपनी छाती से दबाते हुए कहा । " कोई नहीं है, गली खाली है, हमारे सभी ग्राहकों को तो मिल ही गया है; हम कुछ दिनों के लिए दुकान बंद करके आराम कर सकते हैं।"

"लेकिन मैं तो यहाँ डोलची पर बैठा हुआ हूँ, " मैं चिल्लाया तथा जमे हुए आँसू मेरी आँखों से निकल पड़े और मुझे पता भी नहीं चला, "कृपया इधर देखिए, सिर्फ एक बार, आप सीधे मुझे देख पाएँगे; मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ, सिर्फ एक फावड़ा भर के; यदि आप मुझे थोड़ा ज्यादा देते हैं तो इससे मुझे इतनी खुशी होगी कि मुझे समझ में नहीं आता क्या करूँ। सभी ग्राहकों को तो मिल गए हैं। ओह, काश मैं भी डोलची की खड़खड़ाहट सुन पाता।" “मैं आ रहा हूँ,” कोयला डीलर ने कहा और अपनी छोटी टाँगों से वह तहखाने की सीढियाँ चढ़ने लगा, लेकिन उसकी पत्नी पहले ही उसके बगल में थी, वह बाजू से पकड़कर उससे कहती है, “आप यहीं रुकिए, अपनी कल्पनाओं में डूबे देखकर मैं खुद ही जाती हूँ। पिछली रात की खाँसी के उस बुरे दौरे के बारे में सोचो। धंधे के लिए भी, यदि यह वह है, जिसके बारे में तुमने सोच रखा है, तुम अपनी पत्नी और बच्चे को भूलकर अपने फेफड़े का बलिदान करने के लिए तैयार हो। मैं जाऊँगी।"

ठीक है तो उसे उन सभी प्रकार 'कोयले के बारे में जरूर बताना, जो हमारे पास भंडार में हैं। मैं यहाँ से ही तुम्हें उनके मूल्य बता दूँगा।"

"ठीक है, " गली के ऊपर चढ़ते हुए बीवी ने जवाब दिया ।

" "

स्वाभाविक रूप से उसने शीघ्र ही मुझे देख लिया । " फराओ, कोयला डीलर, " मैं चिल्लाया, “मेरा विनम्र अभिवादन, मैं खुद ही उठाकर ले जाऊँगा । एक फावड़ा भरकर, जो सबसे घटिया आपके पास ही है । मैं निश्चित रूप से इसकी पूरी कीमत आपको अदा कर दूँगा, लेकिन अभी नहीं, अभी नहीं । ' 'अभी नहीं" कैसे शोकसूचक घंटे की तरह लगी रही है और किस तरह हक्का-बक्का होकर। यह पास के चर्च की मीनार से आनेवाली ध्वनियों से मिल गई है।

" ठीक, वह क्या चाहता है ? " डीलर ने चिल्लाकर पूछा । " कुछ भी नहीं, " चिल्लाकर उसकी पत्नी ने जवाब दिया, “यहाँ कुछ भी नहीं है; मुझे कुछ भी दिखाई नहीं देता, मुझे कुछ भी सुनाई नहीं देता; सिर्फ छह मर्मभेदी और अब हमें दुकान बंद कर देनी चाहिए। ठंड भयावह है; कल संभवत: हमें बहुत कुछ करना पड़े।"

वह कुछ भी देख नहीं सकती है, कुछ भी सुन नहीं सकती है। लेकिन वह अपने अप्रन के बंधन को ढीला करती है और मुझे भगाने के लिए उसे लहराती है। दुर्भाग्यवश वह सफल हो जाती है । मेरे डोलची में एक अच्छे घोड़े के सभी गुण के सिवाय प्रतिरोध क्षमता के, जो इसमें नहीं है । यह बहुत ही हल्की है । एक महिला का अप्रन इसे हवा में उड़ा सकता है।

"तुम बुरी महिला ! " मैंने चिल्लाकर कहा, जबकि अपनी दुकान की ओर; और थोड़ा घृणा से भरी तथा थोड़ा आश्वस्त, मुड़ती हुई उसने हवा में अपनी मुट्ठी दिखाई । "तुम बेकार महिला! मैंने तुमसे एक फावड़ा सबसे घटिया कोयला माँगा था, वह भी तुमने मुझे नहीं दिया ।" इसी के साथ मैं बर्फीले पर्वत के क्षेत्र में उतरता हूँ और हमेशा- हमेशा के लिए गुम हो गया ।

(अनुवाद: अरुण चंद्र)

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