बुखार आ गया (व्यंग्य) : हरिशंकर परसाई
Bukhar Aa Gaya (Hindi Satire) : Harishankar Parsai
भैरव समाचार लाए हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति आइसनहावर को बुखार आ गया है और विदेशमंत्री फास्टर डलेस को जुकाम हो गया है।
वाशिंगटन से प्रकाशित एक अविश्वस्त विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरकारी डॉक्टर Mr. Twentieth Century fox ने कल दोनों राजपुरुषों की डॉक्टरी जाँच की। तत्पश्चात् पत्रकारों के साथ हुई एक मुलाकात में कहा-
मैंने प्रेसीडेंट आइस की ध्यान से जाँच की। वे हाल ही के हुए हृदय रोग के दौरे से कमजोर हैं ही, इसलिए वातावरण में तनिक परिवर्तन से ही उन्हें बुखार आ जाता है। इस समय भारत से जो वायु बह रही है उसमें अमेरिकन ज्वर के कीटाणु हैं । बुल्गानिन, खुश्चेव और नेहरू के शांति और मित्रता के उद्गारों के वातावरण में मिलने से एक विशेष प्रकार की गैस बनती है, जिसके शरीर में प्रवेश करते ही हर अमेरिकन को बुखार आ जाता है । इस समय प्रेसीडेंट के सिवा अमेरिका के लगभग सब उद्योगपति ज्वर से पीड़ित हैं । शांति और मित्रता इन लोगों की तासीर के प्रतिकूल पड़ती है ।
फास्टर डलेस के जुकाम के कारणों पर प्रकाश डालते हुए डॉक्टर फाक्स ने कहा है कि डलेस साहब का स्वास्थ्य तब से बड़ा खराब हो गया है जब से जिनीवा में चाऊ-एन-लाई की लताड़ के कारण वे भाग खड़े हुए थे। तभी से उन्हें बुरे-बुरे सपने आने लगे हैं जिनमें चाऊ-एन-लाई दिखते हैं और डलेस साहब एकदम चीखकर उठ बैठते हैं। अभी जो जुकाम हो गया है, उसका कारण यह है कि भारत से जो शांति के कबूतर उड़ाए गए हैं उनके पंख फड़फड़ाने से तमाम वायु में जुकाम के कीटाणु पैदा हो गए हैं। यही वायु फास्टर साहब की नाक में प्रवेश कर गई है, जिससे जुकाम हो गया है।
बीमारी के उपचार के संबंध में डॉक्टर फाक्स ने यह नुस्खा बतलाया है-
(1) रात को सोते समय दोनों के तकियों के नीचे एक-एक एटम बम रख दिया जाय, जिसकी गर्मी से रोगियों को लाभ पहुँचेगा ।
(2) इस बात की सावधानी रखी जाय कि उनकी दृष्टि में कोई कबूतर नहीं आ जाय, नहीं तो मानसिक प्रतिक्रिया के द्वारा बीमारी के बढ़ने की संभावना है।
(3) रूस ने जो हाल ही में बम विस्फोट किया है, उसकी खबर उन्हें न दी जाय, वरना बीमारी एकदम बढ़ जाएगी।
(4) उन्हें किसी प्रकार यह विश्वास दिलाने की कोशिश की जाय कि बुल्गानिन और खुश्चेव को पंडित नेहरू ने वापस भगा दिया।
(5) रोज शाम को रोगियों को पंडित नेहरू की अमेरिका यात्रा की फिल्म दिखाई जाय ।
( 6 ) उनसे बातचीत करनेवाला कोई भी आदमी अपने मुख से 'शांति' शब्द का उच्चारण न करे और केवल 'युद्ध-युद्ध' शब्द उच्चारित करनेवाले रिकार्ड बनवाकर उनके सामने बजाए जावें ।
भैरव से यह हाल जानकर हमें बड़ी चिंता हुई ।
हमने भी अपना कर्तव्य पूरा किया। एक विशेष भैरव के हाथ यह नुस्खा भेजा- 'दोनों रोगियों को काँच के घर में निवास कराया जाय। उनके पास पत्थरों का ढेर रख दिया जाय और कहा जाय कि सामने के मकान पर पत्थर फेंको। जब पत्थर फेंक चुकें तब कबूतर की विष्टा की धूनी देकर दोनों को सुला दिया जाय । सात दिन यह क्रिया करने से आराम हो जाएगा।'
प्रहरी, 4 दिसम्बर, 1955