भूत-बँगले में एक रात (जर्मन कहानी) : इवान इलिच

Bhoot-Bangle Mein Ek Raat (German Story in Hindi) : Ivan Illich

नाइजीरिया के उस छोटे से गाँव के एक बँगले की चारदीवारी के पास एक के बाद एक तीन लोग बेहोश पड़े पाए गए थे। तीनों की गरदन पर किसी खौफनाक दैत्य ने झपट्टा मारा था। तीनों की गरदन पर नाखूनों के गहरे घाव थे।

कालिन डेन हैरान था कि कोई आखिर क्यों लोगों को इस तरह आतंकित कर रहा है। बेहोश पाए गए तीनों लोग बँगले के मालिक रॉबर्ट के रिश्तेदार थे और उसकी मौत की खबर सुनकर वहाँ आए थे। उन तीनों के बयान करीब-करीब एक जैसे थे। उनका कहना था कि बँगले में आधी रात के करीब किसी ने उन्हें जोर से झिंझोड़कर जगाया। इसी के साथ तेज बदबू कमरे में भर गई और बेहद धीमी रोशनी में उन्होंने देखा—एक लंबे दाँतों और खौफनाक चेहरेवाले दैत्य ने उनकी गरदन पर वार किया और उठाकर बँगले से बाहर फेंक दिया। इन तीनों वारदातों से गाँववालों में दहशत की लहर फैल गई और उन्होंने उस बँगले को भूत-बँगला घोषित कर दिया।

डेन को इस कहानी पर जरा भी यकीन नहीं हुआ। मामले की तह तक जाने के लिए डेन ने खुद इस बँगले में एक रात गुजारने का निश्चय किया और गाँव में जा पहुँचा। काले-कलूटे और कुरूप गाँववालों के दिल बहुत उजले थे—यह डेन को उनके अपनत्व और आदर-सत्कार से मालूम हुआ। दिन-भर की यात्रा की थकान के कारण उसका शरीर बुरी तरह टूट रहा था। उसने सोने की इच्छा व्यक्त की, तो ग्राम-प्रधान उसे अपने घर की तरफ ले जाने लगा। डेन ने मुखिया के घर ठहरने से इनकार कर दिया और उस तथाकथित भूत-बँगले में ही रात गुजारने का निश्चय किया।

भोलेभाले गाँववासी डेन के इस निश्चय पर भय से सिहर उठे। उन्होंने उससे बँगले में न ठहरने के लिए बार-बार कहा और बँगले के बारे में तरह-तरह की डरावनी बातें बताईं। मगर डेन नहीं माना और अँधेरा घिरते ही बँगले में जा पहुँचा। सोने से पहले उसने हाथ में लैंप लेकर एक बार सारे बँगले का चक्कर लगाया और फिर आश्वस्त होकर अपने बिस्तर पर लेट गया।

बँगला सामान्य सुख-सुविधा की सभी जरूरतों से युक्त था। दिन-भर की थकान के कारण उसे जल्दी ही नींद ने धर दबोचा। वह घोड़े बेचकर सोया हुआ था कि लगभग आधी रात के समय उसे अपने कमरे में आहट-सी महसूस हुई। आहट से उसकी नींद उचट गई। उसने सोचा कि शायद यह महज उसका भ्रम है। वह फिर सोने की कोशिश करने लगा कि तभी अचानक उसे अपने पैरों पर किसी की खुरदरी उँगलियों का स्पर्श महसूस हुआ। वह हड़बड़ाकर एकदम उठ बैठा और अँधेरे में आँखें फाड़कर देखने लगा। मगर वहाँ तो कोई भी नहीं था। वह दोबारा लेटने की सोच ही रहा था कि अचानक एक तेज हवा का झोंका आया और पूरा कमरा अजीब-सी दुर्गंध से भर गया। इसके कुछ देर बाद खिड़कियाँ-दरवाजे अचानक खड़कने लगे और परदे हिलने लगे। डेन अबकी बार थोड़ा सहम गया, मगर अपना साहस खोना उसने उचित नहीं समझा और रिवाल्वर निकाल लिया।

डेन अभी रिवाल्वर ठीक से पकड़ भी नहीं पाया था कि उससे पहले ही खिड़की से एक खौफनाक दैत्य कमरे में कूदा। उसने डेन पर एक जोरदार झपट्टा मारा। डेन के हाथ से रिवाल्वर छूटकर दूर जा गिरा। इसके साथ ही कमरे में एक भयानक अट्टहास गूँज उठा। डेन ने गौर से देखा, लंबे-लंबे बालों और दाँतोंवाले उस दैत्य की आँखें अंगारों जैसी जल रही थीं। डेन अपने बचाव के लिए कुछ कर पाता कि उससे पहले ही दैत्य ने अपने पंजे उसकी गरदन की ओर बढ़ा दिए। डेन को अपनी गरदन में नाखून चुभते महसूस हुए और उसका शरीर शिथिल पड़ता गया। दैत्य ने उसे उठाया और चारदीवारी के बाहर फेंक दिया। डेन का सिर जमीन पर पड़े किसी पत्थर से टकराया और वह वहीं बेहोश हो गया।

होश आने पर डेन को अपनी गरदन में बहुत दर्द महसूस हुआ। उस दैत्य के नाखूनों से हुए घाव दरअसल अब टीसने लगे थे। डेन ने इतने पर भी हिम्मत नहीं हारी और उठ खड़ा हुआ। रात अभी दो-तीन घंटे बाकी थी। डेन लड़खड़ाता हुआ बँगले की चारदीवारी के पास के एक पेड़ पर चढ़कर बँगले में झाँकने लगा।

पूरा बँगला गहरे अंधकार में डूबा हुआ था। डेन अनमना-सा उस रहस्यमय बँगले को निहार ही रहा था कि उसे ‘खुट्ट...खुट्ट’ की आवाज सुनाई पड़ी। डेन ने ध्यान से सुना तो लगा—यह आवाज बँगले की तरफ से आ रही थी। वह तुरंत चारदीवारी पर चढ़कर अंदर कूद गया और दबे पाँव बरामदे के पास पहुँचकर सुनने लगा कि आवाज किधर से आ रही है। बँगले के पिछवाड़े पहुँचकर उसका शक यकीन में बदल गया। ‘खुट्ट...खुट्ट’ की आवाज उधर से ही आ रही थी। डेन तुरंत पिछवाड़े के एक पाइप के सहारे छत पर पहुँच गया। वहाँ उसने एक हॉलनुमा कमरे के रोशनदान से झाँककर देखा तो उसके अचरज की सीमा नहीं रही।

डेन ने देखा—उस हॉलनुमा कमरे का फर्श जगह-जगह से खुदा हुआ था और एक कोने में अब भी खुदाई चल रही थी। वहीं एक कोने में पड़ी मेज पर ओवरकोट पहने एक जेम्स बांड नुमा आदमी बैठा खुदाई करनेवालों से कुछ कह रहा था। उसके पास ही वह दैत्य खड़ा था, जिसने डेन को घायल करके बँगले के बाहर फेंक दिया था। इसी कमरे के दरवाजे पर एक व्यक्ति मशीनगन लिये ऊँघ रहा था। डेन फौरन सीढि़यों से उतरता हुआ नीचे पहुँच गया और ऊँघते व्यक्ति से मशीनगन छीनकर दहाड़ा, ‘‘खबरदार! कोई अपनी जगह से हिला तो...सबको गोलियों से भून दूँगा।’’

डेन का दहाड़ना था कि वहाँ मौजूद सब लोग बुरी तरह ठिठक गए। मेज पर बैठे व्यक्ति का हाथ ज्यों ही अपने ओवरकोट की जेब की ओर बढ़ने लगा, एक जोरदार धमाका हुआ और वह व्यक्ति बुरी तरह चीख पड़ा। वह शायद अपनी जेब से रिवाल्वर निकालना चाहता था कि डेन ने उसकी बाजू को निशाना बनाकर गोली दाग दी थी। डेन फिर दहाड़ा, ‘‘सब अपने हाथ ऊपर करके दाईं ओरवाले कमरे में घुस जाओ।’’ डेन के आदेश का तुरंत पालन हुआ। मौजूद सभी लोग कमरे में घुस गए तो डेन ने कमरे की कुंडी चढ़ा दी और अपनी जेब से ट्रांसमीटर निकालकर पास की पुलिस चौकी से संपर्क किया। बस, फिर क्या था! करीब घंटे-भर बाद ही पूरा बँगला पुलिस की सर्चलाइटों से नहा उठा। बँगले को चारों ओर से घेरकर डेन द्वारा कमरे में बंद किए गए लोग गिरफ्तार कर लिये गए।

अगले दिन पुलिस मुख्यालय में अपनी प्रेस कॉन्फरेंस में डेन ने इस भूत-बँगले का रहस्य खोला। उसने बताया, ‘‘इस बँगले का मालिक रॉबर्ट और गिरफ्तार किया गया जेम्स बांड नुमा व्यक्ति एलन पहले लंदन में करोड़ों की एक फर्म में साझीदार थे। एक दिन निशानेबाजी का अभ्यास करते वक्त एलन की गोली से एक आदमी मारा गया। मामला अदालत में गया और एलन को उम्र कैद की सजा मिली। अपने साझीदार के यों रास्ते से हट जाने के कुछ साल बाद रॉबर्ट की नीयत में खोट आ गया। उसने फर्म को दिवालिया घोषित किया और काफी संपत्ति लेकर नाइजीरिया के इस गाँव में बँगला बनाकर रहने लगा। उधर एलन जेल से छूटा तो रॉबर्ट के परिचितों से पूछता-पूछता वह इस गाँव में आ पहुँचा। उसे संदेह था कि रॉबर्ट ने फर्म को दिवालिया घोषित करके भारी तादाद में सोना खरीदा और उसे अपने बँगले में कहीं दबाकर रख दिया है।

‘‘रॉबर्ट को रास्ते से हटाने के लिए एलन ने उसे एक दिन खूब शराब पिलाई और बेहोश करके सीढि़यों से लुढ़काकर मार दिया। रॉबर्ट के रिश्तेदार और गाँववाले उस ओर न फटकें—इसलिए एलन ने अपने एक लंबे-चौड़े डीलडौलवाले नीग्रो नौकर को प्रेत का मास्क पहनाकर बँगले में आनेवालों को आतंकित करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही वह बँगले में खुदाई करवाकर सोने की तलाश करता रहा। तथाकथित भूत के नाखूनों पर बेहोश करनेवाला एक रसायन लगा दिया जाता था। ज्यों ही भूत का मास्क लगानेवाला नीग्रो अपने नाखून किसी की गरदन में चुभाता था—वह व्यक्ति फौरन बेहोश होने लगता था। रॉबर्ट के तीन रिश्तेदारों और मुझे इसी तरह बेहोश किया गया था।’’

इसके अगले दिन ही भूत-बँगले की यह असलियत अखबारों की सुर्खियों में थी।

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