भूख (कहानी) : कमलेश्वर

Bhookh (Hindi Story) : Kamleshwar

पूस की दाँतकाटी सर्दी पड़ रही थी। बच्चा भूखा था। माँ के स्तनों में दूध नहीं था। थोड़ी दूर पर एक अलाव जल रहा था। भूखा बच्चा माँ के स्तनों को निचोड़ता पर जब दूध नहीं निकलता था तो वह बच्चे को लेकर अलाव के पास चली जाती थी। बच्चा सर्दी से निजात पा लेता तो फिर रोने लगता था। माँ उसे पेड़ के नीचे ले जाकर सूखे स्तन उसके मुँह में लगा देती थी। क्योंकि अलाव के पास पूरा ग्राम समाज बैठा था। वहाँ वह स्तन खोल कर बच्चे को दूध नहीं पिला सकती थी। दूध नहीं निचुड़ता था तो वह बच्चा भूख और सर्दी से फिर रोता था। माँ उसे अलाव के पास ले आती थी। बच्चा सर्दी से छुटकारा पाकर फिर भूख के कारण रोने लगता था। माँ उसे फिर पेड़ के नीचे लाकर सूखा स्तन उसके मुँह में लगा देती थी। बच्चा फिर भूख और सर्दी से रोता था। तो माँ फिर अलाव के पास खिस्क आती थी। यह क्रम लगातार चल रहा था।

(‘महफ़िल’ से)

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