भेड़े नहीं मिमयाती : उत्तर प्रदेश की लोक-कथा

Bhedein Nahin Mimiyati : Lok-Katha (Uttar Pradesh)

दो चोर थे जी। एक का नाम था किश्न, दूसरे का नाम था चरनू। चरनू चोर किश्नु से सौ गुना चालाक और उस्ताद था। एक दिन उन्होंने गद्दी की ओर चोरी करने की सोची। गद्दी सीधा-सादा आदमी था। वह एक जगह बैठा था और उसके चारों ओर भेड़-बकरियां और भेडू-बकरों के रेवड़ भरे पड़े थे। परन्तु उसके कुत्ते नजर नहीं आते थे। पेड़ के पीछे खड़े किश्नु ने चरनू से कहा- “भाई, गद्दी तो बैठा है, इसके पास माल-मत्ता तो होगा नहीं। क्यों न इसकी भेड़-बकरियां ही चुरा लें।”

“हां, अच्छी बात है, ऐसा ही करते हैं। तू चोरी करना, मैं उसे बातचीत में उलझाकर रखूगा।” चरनू बोला।

“ठीक है हम अपने-अपने काम पर चलते हैं।” यह कह कर किश्नु तो भेड़-बकरियां के रेवड़ के बीच ढलान के नजदीक चला गया। चरनू चोर निडर होकर हंसता-मुस्कराता गद्दी के पास पहुंच गया।

“गद्दी मामा, राम-राम। क्या कर रहे हैं।”

“मामटी बीड़ी पी रहा हूं, आओ बैठो। यहां कैसे आना हुआ?” गद्दी ने बड़े प्यार से कहा।

“आपको अकेले देखा तो बातचीत करने आ गया मामा।” चरनू चोर ने मीठे स्वर में कहा।

किश्नु चुपचाप छिपता एक बढ़िया जगह पर भेड़-बकरियों के बीच बैठ गया था। पर उसका टोपा दिखाई दे रहा था। वह धीरे-धीरे घिसटता-छिपता घुटनों के बल भेड़-बकरियों को टटोलता था। परन्तु उसका टोपा दिख जाता था। चरन को दिखाई देता उसका टोपा तीर की तरह चभ रहा था। गद्दी को किश्नु दिखाई न दे जाए, उसे अपनी बातों में ही लगा कर बहुत मीठे में कहा- “आरा मामा, मैं तुम्हें गीत सुनाऊं?”

“हां आरा, दो घड़ी मजा आ जाएगा।” बीड़ी का कश लगाते गद्दी ने कहा।” “तो सुनाओ। भाई किश्ना बोले धीरे-धीरे घिसरना तेरा टोप लगा है दीखना ले जाएगा अगर बालों बालियां वे तो लगती हैं मिमियाने ऊन बालियां हाऽऽ नाली में फेंकना। ओ भाई किश्ना।

किश्नु चोर ने गीत सुन और अर्थ समझ दो-चार भेड़ें ढलान से फेंक दीं। भेड़े तो मिमियाती नहीं। बकरियां नहीं फेंकी क्योंकि वे मिमियाती हैं। बड़े चालू चोर थे।

“गद्दी मामा, कैसा लगा गीत?” चरनू चोर ने गुड़ की तरह मीठा बनकर कहा। “अरे रोना आ गया।”

“रोएगा तो कल जब मेरी याद आएगी।” चरनु चोर ने बहुत धीमे कहा, फिर वहां से मीठी बातें कर निकल गया।

गद्दी ने एक और बीड़ी सुलगा ली थी। सयाने सच ही कहते हैं कि भेड़-भेडुओं और इनकी तरह आदमियों की सभी ऐसी-तैसी करते हैं। (साभार : प्रियंका वर्मा)

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