अरमाडिलो का गीत : बोलीविया की लोक-कथा
Armadillo's Song : Lok-Katha (Bolivia)
एक बार एक अरमाडिलो था जिसको संगीत से ज़्यादा दुनियाँ में और कोई भी चीज़ प्यारी नहीं थी।
हर बार बारिश के बाद वह अपने खोल को घसीटता हुआ बड़े तालाब के पास पहुँच जाता और वहाँ बैठा बैठा मेंढकों की मीठी आवाज में उनका गाना सुनता रहता।
उनका गाना सुन कर वह भी सोचता कि काश उसको भी गाना गाना आता और वह भी गा सकता।
फिर वह तालाब के किनारे के पास पानी के पास पहुँच जाता और मेंढकों को उछलते कूदते तैरते देखता रहता जैसे कि वे उसमें नाच रहे हों। वे भी उसको बार बार अपनी संगीत भरी आवाज में पुकारते।
हालँकि उसको उनकी बोली समझ में नहीं आती थी क्योंकि वे तो केवल उस अजीब से जानवर पर हँस रहे होते थे फिर भी जब वे बोलते तो उसको उनकी आवाज सुनने में बहुत अच्छा लगता। पर जब भी वे मेंढक उसको देखते तो उसको देख कर उनको और भी ज़्यादा हँसी आती।
जब वे आपस में खेलते तो गाते — “मजाक मत करो। क्योंकि वह तो बेचारा गा ही नहीं सकता।”
एक दिन हुआ यह कि एक मकड़े का परिवार अरमाडिलो के पास अपने नये घर में आ कर रहने लगा। वह उस मकड़े के परिवार को भी मेंढकों की तरह खुशी से गाते देख कर आश्चर्य में पड़ गया।
अब वह उस मकड़े के घर की तरफ भी चला जाता और दिन रात उसका और उसके परिवार का गाना सुनता रहता। उनका गाना सुन कर भी वह एक आह भरता और कहता “काश मैं भी गा सकता।”
मकड़ों ने भी अपनी फटी सी आवाज में गाया — “अरे उससे मजाक मत करो क्योंकि वह बेचारा तो गा ही नहीं सकता।”
पर अरमाडिलो तो उनकी बोली समझ नहीं सकता था सो वह उनका गाना सुन कर एक आह भरता और फिर उनका गाना सुनने की इच्छा रखता।
अब एक दिन एक आदमी उधर आया जिसके पास एक पिंजरा भर कर कैनेरी चिड़ियाँ थीं। वे सब भी आपस में चीं चीं चीं चीं कर रही थीं और गा रही थीं। इनके गाने मेंढकों और मकड़ों के गानों से ज़्यादा मीठे थे।
उनके गानों को सुन कर तो अरमाडिलो बिल्कुल ही खो गया। वह उन कैनेरी चिड़ियों का गाना सुनते सुनते उस आदमी के पीछे पीछे चल दिया जो उनको लिये जा रहा था।
उनके गाने को सुन कर अरमाडिलो ने एक आह भरी और बोला — “काश मैं भी इनकी तरह गा सकता।”
पिंजरे के अन्दर से कैनेरी चिड़िया अपने पंख फड़फड़ाती हँस कर बोलीं — “मजाक मत करो अरमाडिलो। तुम तो गा ही नहीं सकते।”
बेचारा अरमाडिलो उस आदमी और पिंजरे के साथ नहीं चल पा रहा था। वह बहुत थक गया था सो वह वहीं पास में एक दरवाजे के पास थक कर गिर गया।
वह दरवाजा एक जादूगर के घर का था। जब अरमाडिलो को यह पता चला कि वह कहाँ था तो उसने उस आदमी से एक वरदान माँगने की सोची।
वह जादूगर अपने घर के बाहर ही बैठा था। वह उस जादूगर के पास गया और बड़ी नम्रता से बोला — “ओ बड़े जादूगर, यह मेरी दिली इच्छा है कि मैं ऐसे ही गाना गाना सीखूँ जैसे मेंढक गाते हैं, या फिर जैसे मकड़े गाते हैं और या फिर जैसे ये कैनेरी चिड़ियें गाती हैं।”
उस जादूगर के होठ थोड़े से मुस्कुराये क्योंकि उसने यह कभी नहीं सुना था कि अरमडिलो भी कभी गा सकते थे। पर उसको लगा कि यह जानवर वाकई गाना चाहता था। सो वह जमीन के काफी पास तक झुक गया और उस जानवर की आँखों में देखा।
वह बोला — “ओ छोटे अरमाडिलो, मैं तुमको गाना गाना तो सिखा सकता हूँ पर तुम मुझको उसकी कीमत नहीं दे सकते क्योंकि उसका मतलब होगा तुम्हारी मौत।”
अरमाडिलो आश्चर्य से बोला — “तुम्हारा मतलब है कि जब मैं मर जाऊँगा तभी मैं गा सकूँगा?”
जादूगर बोला — “हाँ ऐसा ही कुछ है।”
अरमाडिलो बोला — “तब मैं अभी मरना चाहता हूँ। मैं गाना गाने के लिये कुछ भी कर सकता हूँ।”
उसके बाद वह जादूगर और अरमाडिलो दोनों आपस में काफी देर तक इस मामले पर बात करते रहे क्योंकि वह जादूगर उस बेचारे अरमाडिलो की जान लेना नहीं चाहता था।
पर वह जानवर तो बस इसी बात पर अड़ा हुआ था कि उसको तो गाना गाना सीखना ही है तो जादूगर ने उसको मार दिया और उसके खोल का एक बहुत ही सुन्दर बाजा बना दिया और उसको शहर के एक बहुत ही होशियार बाजा बजाने वाले को दे दिया। अब वह बाजा बजाने वाला कभी कभी उस बाजे को उस बड़े तालाब के किनारे जा कर बजाता जहाँ वे मेंढक रहते थे। जब वह बाजा वहाँ बजाता तो वे उसकी तरफ घूर घूर कर देखते और कहते — “अरे, अरमाडिलो ने तो गाना गाना सीख लिया।”
कभी वह बाजा बजाने वाला उस बाजे को उस मकड़े के घर के पास बजाता जो अरमाडिलो के घर के पास आ कर रहने लगा था तो वह मकड़ा और उसका परिवार उसकी तरफ घूर घूर कर देखता और कहता — “ओह देखो न, अरमाडिलो ने तो गाना गाना सीख लिया है।”
वह बाजा बजाने वाला अक्सर अपने दोस्त के घर जाता जिसके पास कैनेरी चिड़ियों का पिंजरा था। उसका वह दोस्त भी एक बहुत अच्छा बाजा बजाने वाला था।
वहाँ वे दोनों अपने अपने बाजों को बजाते तो वे चिड़ियाँ अपने
पंख फड़फड़ाती और चहचहाती हुई उनको देखतीं और कहतीं —
“अरे देखो न, अरमाडिलो ने तो गाना गाना सीख लिया है।”
इस तरह आखिर अरमाडिलो ने गाना गाना सीख ही लिया,
चाहे मर कर ही सही। उसकी आवाज वहाँ सबसे मीठी थी।
1. आर्माडिलो चमड़े के कवच वाले स्तनधारी जीव हैं। ये सभी दक्षिण अमेरिका में पाए जाते हैं। आर्माडिलो एक स्पेनिश शब्द है जिसका अर्थ है "छोटा कवचधारी प्राणी" और यह उन हड्डीदार प्लेटों को संदर्भित करता है जो इन अजीब दिखने वाले अधिकांश जीवों की पीठ, सिर, पैरों और पूँछ को ढकती हैं। आर्माडिलो एकमात्र जीवित स्तनधारी जीव हैं जो ऐसे कवच पहनते हैं।
(साभार सुषमा गुप्ता जी, जिन्होंने लोक-कथाओं पर उल्लेखनीय काम किया है.)