अंगूर खट्टे हैं : ईसप की कहानी
Angoor Khatte Hain : Aesop's Fable
एक लोमड़ी थी, जो अंगूर खाने की बहुत शौकीन थी। एक बार वह अंगूरों के बाग
से गुजर रही थी। चारों ओर स्वादिष्ट अंगूरों के गुच्छे लटक रहे थे। मगर वे
सभी लोमड़ी की पहुंच से बाहर थे। अंगूरों को देखकर लोमड़ी के मुंह में
बार-बार पानी भर आता था।
वह सोचने लगी-‘वाह ! कितने सुंदर और
मीठे अंगूर हैं। काश मैं इन्हें खा सकती।’ यह सोचकर लोमड़ी
उछल-उछल कर अंगूरों के गुच्छों तक पहुंचने की कोशिश करने लगी। परंतु वह हर
बार नाकाम रह जाती। बस, अंगूर के गुच्छे उसकी उछाल से कुछ ही दूर रह जाते
थे।
अंत में बेचारी लोमड़ी उछल-उछल कर थक गई और अपने घर की ओर चल दी।
जाते-जाते उसने सोचा—‘ये अंगूर खट्टे हैं। इन्हें
पाने के लिए अपना समय नष्ट करना ठीक नहीं !’
निष्कर्ष: जब कोई मूर्ख किसी वस्तु को प्राप्त नहीं कर पाता तो वह उसे
तुच्छ दृष्टि से देखने लगता है।
(ईसप की कहानियाँ - अनिल कुमार)