अनाथ युवक की गाय : क़ुरआन-कथा
Anath Yuvak Ki Gay : Quran-Katha
एक आदमी जब मरने लगा तो उसके परिवार में केवल दो व्यक्ति थे-उसकी पत्नी और उसका बेटा। मरते समय उसने एक बछिया जंगल में छोड़ दी। लड़के के सयाना होने तक बछिया जंगल में ही फिरती रही। जब वह सयाना हो गया तो एक दिन उसकी माँ ने कहा-"बेटा, यह बछिया तुम्हारी ही है। तुम इसे बाज़ार में ले जाओ और सोने की तीन मुहरों मे बेच आओ।"
युवक बछिया को लेकर बाज़ार में गया तो वहाँ उसे आदमी के रूप में एक फरिश्ता मिला और उसने उसकी बछिया के दाम सोने की छ: मुहरें लगाए। लेकिन युवक ने अपनी माता की आज्ञा के बिना इस मूल्य पर बछिया बेचने से इनकार कर दिया। उसने अपनी माँ के पास जाकर पूरा समाचार सुनाया तो माँ ने छः सोने की मुहरों में बेचने की आज्ञा दे दी। युवक इस बार बाजार आया तो फरिश्ते ने कहा-"मैं तुम्हारी बछिया को सोने की बारह मुहरों में खरीद सकता हूँ, लेकिन शर्त यह है कि तुम इस अधिक मूल्य की बात अपनी माँ को नहीं बतलाओगे।"
युवक ने उसकी शर्त मानने से इनकार कर दिया और फिर पूरा समाचार अपनी माँ को जा सुनाया। समाचार सुनकर माँ ने अनुमान लगाया कि बछिया खरीदने वाला आदमी अवश्य ही देवता है। उसने अपने बेटे को फरिश्ते के पास यह पूछने के लिए भेजा कि हमें बछिया का क्या करना चाहिए?
युवक ने फरिश्ते के पास जाकर प्रश्न किया। फरिश्ते ने जवाब दिया कि कुछ समय के बाद इसराईल के लोग इस बछिया को मुँह-माँगे दामों में खरीद लेंगे।
इस घटना के बहुत थोड़े समय बाद ऐसा हुआ कि एक इसराईल को उसके एक निकट-सम्बन्धी ने मार डाला। असलियत को दबाने के लिए उसने लाश को एक दूर के स्थान पर डाल दिया। मरने वाले व्यक्ति के कुछ मित्रों ने मूसा के सामने फरियाद की और मारने वाले व्यक्ति का नाम भी उनके सामने रखा। मूसा ने मारने वाले से पूछा तो मारने वाले ने अपराध स्वीकार नहीं किया।
अब मामला अल्लाह के सामने पेश हुआ। अल्लाह ने आज्ञा दी कि अमुक अमुक चिन्हों वाली गाय का वध किया जाए। उस अनाथ युवक की गाय में ही वे चिन्ह थे। मजबूर होकर इसराईली लोगों को वह गाय तौल कर गाय के बराबर सोने में खरीदनी पड़ी।
अल्लाह की आज्ञानुसार गाय का वध किया गया और इसके शरीर के एक अंग से मृतक व्यक्ति को छुवाया गया। गाय के अंग का स्पर्श पाते ही मृतक जीवित हो उठा और अपने हत्यारे का नाम बतलाकर फिर मृतक होकर ज़मीन पर लुढ़क गया।