Naach : Asghar Wajahat

नाच : असग़र वजाहत

समय बदल गया है। लोगों के शौक भी बदल गये हैं। कल तक जो लोगों को अच्छा लगता था आज उसमें किसी की रुचि नहीं है-बंदर वाले ने सोचा। पिछले कई सालों से बंदर वाले की हालत पतली थी। उसका क्या, बंदर और बंदरिया तक का पेट नहीं भर पाता। तीनों दिन-दिन-भर घूमते रहते, पर कहीं कोई नाच दिखाने के लिए न कहता। कहीं को करबत दिखाने की फरमाइश न करता। कहीं बच्चों की भीड़ न लगती। कहीं लड़कियां बंदर-बदरियां की शादी या बंदरिया के ससुराल जाने के दृश्य न देखना चाहतीं।

भूखे मरने की नौबत तो पहले ही आ चुकी थी। अब मरने की नौबतआ गयी। तीनों सिर जोड़कर बैठ गये।
बंदर बोला, ‘‘उस्ताद, तुम भी वही हो, मैं भी वहीं हूं, बंदरिया भी वही है, हमारा तमाशा भी वही है, जिसे देखने के लिये पहले भीड़ लग जाया करती थी-तब, आज लोग क्यों नहीं देखते’
बंदरिया ठंडी सांस लेकर बोली, ‘‘शायद इसलिए कि अब मैं बूढ़ी हो गयी हूं पहले जवान थी तो लोग...’’
‘‘अरे चुप रह बुढ़िया, तेरा दिमाग खराब हो गया है क्या...’’बंदर बोला।
‘‘बात ये है कि आजकल फिल्मों का चलन बढ़ गया है...वीडियो टी. वी. लग गये हैं...सब वही देखते हैं।’’ बंदर नचाने वाला बोला।
‘‘तब हम क्या करें’ बंदरिया बोली।
‘‘भगवान ने पेट दिया है तो उसे भरने का प्रबन्ध तो करना ही पड़ेगा।’’ बंदर ने कहा।
बंदर नचाने वाला बोला, ‘‘हां, भगवान ने बुद्धि भी दी है उसका भी इस्तेमाल करना चाहिए।’’

तीनों फिर सिर जोड़कर बैठ गये। सोचने लगे। सोचते-सोचते बंदर नचाने वाले ने बंदर से कहा कि ‘‘तुम अपने कपड़े मुझे दे दो। मैं बंदर बन जाता हूं और तुम मेरे कपड़े पहनकर बंदर नचाने वाले बन जाओ।’’

अदला-बदली हो गयी। बंदर नचाने वाले के गले में रस्सी डाली गयी। वह और बंदरिया साथ-साथ चले। डोरी पकड़े आगे-आगे बंदर चला। उसने डुगडुगी बजाई, आवाज लगाई, ‘‘आओ...आओ...देखो...तमाशा देखो...बंदरिया के साथ आदमी की शादी का तमाशा देखो...’’जरा ही देर में बड़ी भीड़ जमा हो गयी। तमाशा शुरू हुआ। लोगों को खूब मजा आया। खूब हंसे। खूब पैसे मिले।

तीनों ने भरपेट खाना खाया। बंदर वाले ने खाने के बाद चिलम सुलगाई। बंदर और बंदरिया को एक-एक केला दिया। बंदर ने पूछा, ‘‘उस्ताद, मैं समझा नहीं...ये आज हुआ क्या’

बंदर वाले ने कहा, ‘‘देख जमूरे...ये दुनिया वाले जालिम हैं नाचने वाले का नाच देखकर उन्हें मजा नहीं आता...हां जो नहीं नाचता...उसे नाचता देख लोगों को मजा आता है।’’