हँसने वाली मछली : संथाली लोक-कथा

Hansne Wali Machhli : Santhali Lok-Katha

एक समय में एक व्यापारी अपने व्यवसाय में समृद्ध हो कर कुछ समय के पश्चात अत्यधिक धनवान हो गया। उसके पाँच पुत्र थे लेकिन उनमें से कोई भी विवाहित नहीं था। जिस गाँव में वे रहते थे वहाँ का तालाब मिट्टी गाद से आधा भर गया था और उसने यह निश्चय किया की यदि राजा उसे यह दे दे तो इसकी सफाई करा कर इसे और गहरा करेगा, इसलिए वह राजा के पास गया और राजा ने कहा वह तालाब ले सकता है यदि वह चालीस रुपये का भुगतान कर दे।

व्यापारी ने राजा को पैसे चुका दिए इस के बाद वह घर गया और उसने अपने परिवार को एक जगह इकठ्ठा किया और कहा की वे सभी पहले तालाब का सुधार करें और तब उन सभी लड़कों के लिए पत्नियों की खोज की जाएगी। सभी पुत्र इस पर सहमत हो गए और उन्होने मज़दूरों को इकठ्ठा किया और तालाब का पानी बहा कर तालाब के गाद की खुदाई शुरू कर उसे बाहर निकालना शुरू कर दिया। जब वे पानी को बहा रहे थे तालाब के तल में असंख्य अज्ञात उम्र की बड़ी मछलियाँ मिली: जिसको उन्होने पकड़ा और उसमें से दो राजा को उपहार स्वरूप भेजा। जब मछलियों को राजा के सामने ले जाया गया तब वे दोनों हँसने लगीं: तब राजा ने कहा “इसका मतलब क्या हुआ? यहाँ दो मरी हुई मछलियाँ है, ये हंस क्यों रही हैं? और उसने उन लोगों को जो की मछली वहाँ ले कर गए थे उनसे इसके बारे में जानकारी देने को कहा या वे उसे दोबारा वापस ले जाएँ। परंतु वे इसके बारे में कुछ स्पष्टीकरण नहीं दे सके।

तब राजा ने अपने अधिकारियों और ज्योतिषी को बुलवाया और उनसे पूछा की उन्होने इसके बारे में क्या समझा है: लेकिन उनमें से इस पर कोई भी कुछ भी जवाब नहीं दे सका। तब राजा ने उन आदमियों से कहा की वे मछलियों को वापस उस सौदागर के पास ले जाएँ और उस से कहें की, मछलियाँ क्यों हंसी यदि वह इसका उत्तर नहीं दे सकेगा तो राजा उसको और उसके पूरे वंश का खात्मा कर देगा; और राजा ने इसी प्रकार के प्रभाव वाले आदेश का एक पत्र लिख दिया, और एक तारीख भी मुकर्रर कर दिया उस तारीख तक व्यापारी को इसका उत्तर दे देना था। जब सौदागर ने राजा के आदेश पत्र को पढ़ा तो उसके होश उड़ गए और वह अपने को बड़े ही विपत्ति में घिरा पाया और दो-तीन दिनों तक कुछ निर्णय नहीं कर पाया की वह इन दोनों कार्यों राजा के आदेश और तालाब के खुदाई में से किस के बारे में क्या निर्णय ले खुदाई करे या न करे; लेकिन अंत में उसने यह निर्णय लिया की वह तालाब के खुदाई का कार्य पूरा करेगा जिससे की लोग उसे याद रख सकें। इसलिए उसने कार्य को समाप्त किया और तब व्यापारी ने अपने लड़कों से कहा: “मेरे बच्चों मैं तुम लोगों का विवाह नहीं कर सका, यदि मैं मछली क्यों हंसी के कारण को नहीं बता पाया तो राजा ने धमकी दिया है कि वह हम सभी को जान से मार देगा; तुम सभी को यहाँ से भाग जाना चाहिए जिससे की हमारा परिवार खत्म हो जाने से बच सके;” लेकिन छोटे बच्चों ने कहा हम अपनी देखभाल करने में असमर्थ हैं इसलिए तुम हमारी देखभाल करने के लिए हमारे साथ चलो या हम तुम्हारे साथ यहीं रहेंगे।” तब व्यापारी ने अपने बड़े लड़के से कहा की वह अकेले यहाँ से भाग जाए जिससे की उसका वंश खत्म होने से बच जाए।

इस प्रकार बड़े लड़के ने अपने पिता से थोड़े से पैसे लिए और वहाँ से सुदूर देश को चला गया। एक लंबी यात्रा के बाद वह एक शहर में पहुंचा जहां एक राजा रहता था और लड़के ने भी उसी शहर में रहने का निश्चय किया; इसलिए पहले वह एक तालाब के किनारे गया और स्नान किया और उसके किनारे कुछ जलपान करने के लिए बैठ गया; और जैसे ही वह बैठा की राजा की बेटी स्नान करने के लिए वहाँ आ गई और उसने व्यापारी के लड़के को देखा और उन दोनों की आँखें मिली। तब राजकुमारी ने अपनी दासियों को यह जानने के लिए लड़के के पास भेजा की वह कहाँ से आया है; और लड़के ने दासियों को बताया की वह कहाँ से आया है और अब यहीं इसी शहर में रहना चाहता है, और उसने दासियों से यह भी कहा की यदि वह राजकुमारी को चेहरा पर से नकाब हटाने के लिए राज़ी कर ले तो वह उनको कुछ पैसा देगा। दासियों ने अपनी मालकिन को जाकर वह सभी बातें जो की लड़के ने बताई थी का वर्णन किया और तब राजकुमारी ने दासियों से कहा “जाओ और जा कर उससे अपने पैसे ले लो, मैं अपने चेहरे पर से नकाब हटा लूँगी; और उससे पूछो की वह क्या चाहता है,” और जब दासियाँ वहाँ गईं तब राजकुमारी ने अपने चेहरे पर का कपड़ा एक तरफ से उठा दिया; तब लड़के ने उनको रुपये दे दिये, और दासियों ने लड़के से पूछा की क्या उसने पहले कभी राजकुमारी देखा है और इससे उसका उद्देश्य क्या था; तब लड़के ने कहा की उसकी इच्छा राजकुमारी से विवाह करने और उसके साथ उसके पिता के घर में रहने की है! जब राजकुमारी ने यह सुना तो उसने भी कहा “हाँ मेरा भी दिल उस पर आ गया है;” इस प्रकार उसने वहाँ स्नान किया और अपने घर जा कर अपने कमरे में सो गई और फिर नहीं उठी, और जब राजकुमारी के पिता ने उससे पूछा की क्या मामला है, तब उसने कोई जवाब नहीं दिया।

तब राजा ने दासियों से पूछा की क्या घटना है और दासियों ने राजा को बताया की राजकुमारी ने एक अपरिचित व्यक्ति को तालाब के पास देखा है और उससे विवाह करना चाहती है। रानी ने पूछा क्या वह अपरिचित व्यक्ति अभी भी वहीं है और दासियों ने कहा वे उसको वहीं तालाब के पास छोड़ कर आई थी। इसलिए राजा ने दो अनुचरों को उस अपरिचित को वहाँ से पकड़ कर लाने के लिए भेजा या उनसे यह कहा गया की फिर वे यह मालूम करें की वह कहाँ गया है। व्यापारी का लड़का जैसे ही तालाब के पास से जाने के लिए तैयार हुआ की राजा के दोनों अनुचर वहाँ पहुँचे और उससे पूछा की वह कौन है और क्या चाहता है। लड़के ने कहा की वह नौकरी खोज रहा है लेकिन वह विवाह करके अपने श्वशुर के घर में रहना पसंद करेगा। तब उन्होने उससे कहा की उसे कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है वे उसके लिए ऐसा ही प्रबंध कर देंगे, इसलिए वे उसको शहर के एक घर में ला कर उसे वहाँ रख कर और वापस राजा के पास चले गए। उन्होने राजा को कहा की अजनबी काफी दूर चला गया है लेकिन यदि आप कुछ पैसों का प्रबंध हम लोगों के यात्रा के लिए कर दें तो वे दोनों उस अजनबी का पीछा करते हुए उसके पास पहुंच सकते हैं और उसे वापस ले कर आ सकते हैं। इसलिए राजा ने उनको कुछ रुपए दिये; तब वे वहाँ से चले गए और वे जा कर केवल अपने घर भोजन किया और तब व्यापारी के लड़के को राजा के पास ले कर ऐसे आए मानो वे दोनों उसे बहुत दूर से पकड़ कर लाए हों।

लड़के से उसके बारे में पूछा गया और उसने अपना पूरा इतिहास बताया केवल यह छुपाया की राजा ने उसके परिवार को मार देने की धमकी दी है, और राजा को उसका उत्तर संतोषजनक लगा अतएव राजा ने कहा की वह राजकुमारी से विवाह कर सकता है इसकी तैयारी आरंभ की गई। संगीतकारों को बुलाया गया और धूम-धाम से विवाह सम्पन्न हुआ। विवाह के बाद व्यापारी का लड़का अपने भाइयों के भाग्य के बारे में सोच कर उदास रहने लगा और मध्यरात्रि में उठ कर रोया करता था और उसके बिस्तर आँसुओं से भीग जाते थे; राजकुमारी ने इसे देखा और एक रात जब वह सोने गई तो उसने जागे रहकर सो जाने का नाटक किया और अपने पति की निगरानी करने लगी; और मध्यरात्रि में उसने पति को धीरे से उठ कर सिसकते देखा। राजकुमारी को उस पर बहुत दया आई और वह लड़के पास गई और उससे याचना की कि वह उसको बताए कि क्या मामला है और क्या वह विवाह के कारण दुःखी है; और लड़के ने कहा “मेरे रोने का कारण मेरी हताशा है; दिन के समय में मैं अपने आँसुओं को दूसरे के सामने आने से बड़े कठिनाई से रोके रखता हूँ परंतु रात के समय मैं इस पर नियंत्रण नहीं रख पाता; लेकिन मैं शर्मिंदा हूँ कि तुमने मुझे इस हालात में देख लिया है इससे पहले कि मेरी भावनाएं मुझे मजबूर कर दें मैं तुम्हारे सो जाने कि प्रतीक्षा करता रहता हूँ।”

तब राजकुमारी ने उसके संताप का कारण पूछा और उसने जवाब दिया “मेरे पिता और माँ और भाई और बहन सभी का मृत्यु निश्चित है; हमारे राजा ने शपथ ले रखी है कि एक निश्चित दिन को वह मेरे पूरे परिवार को मार देगा यदि मेरे पिता ने राजा को जो दो मछली उपहार स्वरूप भेजा था उन मछलियों को राजा के सामने लाए जाने पर मछलियों के हँसने का कारण नहीं बता पाए तो। राजा के द्वारा दी गई इसी धमकी के कारण से मेरे पिता ने मुझे घर से बाहर भेज दिया है कि कम से कम परिवार का एक व्यक्ति तो जीवित रहे यह संभव है कि मैं यहाँ जीवित रहूँ और जब भी उनका ख्याल और उनका भाग्य के बारे में विचार आता है तो मैं रो पड़ता हूँ।” राजकुमारी ने पूछा इस रहस्य को बताने के लिए कौन सा दिन तय किया गया है; और लड़के ने कहा कि एक खास महीना में जब पूर्णिमा का दिन होगा। तब राजकुमारी ने कहा “मुझे अपने पिता के घर ले चलो: मैं उनको बता सकती हूँ कि मछलियाँ क्यों हंसी।” व्यापारी का लड़का इस पर प्रसन्नता से अगले दिन प्रस्थान करने के लिए राज़ी हो गया; इसलिए प्रातः काल में उन्होने राजा को बताया की वे दोनों अपने पिता के घर क्यों जाना चाहते हैं, और राजा ने अपनी पुत्री से कहा “जाओ और डरने की आवश्यकता नहीं है; पूरे दृढ़ता के साथ जाओ, मेरा विश्वास है कि मछली क्यों हंसी यह बताने में तुम सक्षम होगी।”

इसलिए वे दोनों व्यापारी के घर जाने के लिए यात्रा के लिए तैयार हुए, और जब वे वहाँ पहुँचे तो उन्होने ने व्यापारी से कहा जा कर राजा को कहो की यह कारण जानने के लिए की मछलियाँ क्यों हंसी एक खास दिन सभी नागरिकों को एक स्थान पर एकत्रित करें। व्यापारी राजा के पास गया और राजा ने उसे दिन निश्चित करके एक पत्र दिया और सभी नागरिकों को एक खुले मैदान में एकत्रित होने के लिए कहा; और राजकुमारी ने एक पुरुष का वेश धारण किया और वहाँ गई जहां सभी लोग इकट्ठा हुए थे और वह राजा के सामने खड़ी हो गई।

तब राजा ने उसे मछलियाँ क्यों हंसी यह विवरण देने के लिए आज्ञा दिया, और राजकुमारी ने उत्तर दिया “यदि आपको इसका कारण जानने की जिज्ञासा है तो आप अपनी सभी रानियों को यहाँ आने की आज्ञा दें;” इस प्रकार सभी रानियों को भी बुलाया गया; तब राजकुमारी ने कहा मछलियों के हँसने का कारण यह था कि आपकी सभी पत्नियों में से केवल बड़ी रानी ही स्त्री है और बाकी सभी पुरुष हैं। यदि यह सत्य साबित हुआ तो आप मुझे क्या देंगे? तब राजा ने एक प्रतिज्ञ पत्र लिख कर व्यापारी को दिया कि यदि यह सत्य साबित होता है तो वह उसको अपना आधा राज्य दे देगा। जब निरीक्षण किया गया तो यह पाया गया की वास्तव में सभी पुरुष थे, और राजा सभी नागरिकों के सम्मुख शर्मिंदा हुआ। तब उसने सभा को विसर्जित कर दिया और व्यापारी को आधा राज्य भी दे दिया।

कहानी का अभिप्राय: ज़िद्द करने से हानि होती है।

(Folklore of the Santal Parganas: Cecil Heny Bompas);

(भाषांतरकार: संताल परगना की लोककथाएँ: ब्रजेश दुबे)

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