Gajanan Madhav Muktibodh
गजानन माधव मुक्तिबोध

गजानन माधव 'मुक्तिबोध' (१३ नवंबर १९१७-११ सितंबर १९६४) प्रगतिशील काव्यधारा के कवि थे। मुक्तिबोध कहानीकार भी थे और समीक्षक भी। इनके पिता पुलिस विभाग के इंस्पेक्टर थे और उनका तबादला प्रायः होता रहता था। इसीलिए मुक्तिबोध जी की पढ़ाई में बाधा पड़ती रहती थी। उन्होंने १९५३ में साहित्य रचना का कार्य प्रारम्भ किया और सन १९३९ में शांता जी से प्रेम विवाह किया। १९४२ के आस-पास वे वामपंथी विचारधारा की ओर झुके । उनकी रचनायें हैं; कविता संग्रह : चाँद का मुँह टेढ़ा है, भूरी भूरी खाक धूल तथा तारसप्तक में रचनाएं; कहानी संग्रह : काठ का सपना, विपात्र, सतह से उठता आदमी; उपन्यास: विपात्र; आलोचना : कामायनी : एक पुनर्विचार, नई कविता का आत्मसंघर्ष, नए साहित्य का सौंदर्यशास्त्र, समीक्षा की समस्याएँ; आत्माख्यान: एक साहित्यिक की डायरी; इतिहास : भारत : इतिहास और संस्कृति; रचनावली : मुक्तिबोध रचनावली (सात खंड) । उन्होंने 'वसुधा', 'नया खून' आदि पत्रों में संपादन-सहयोग भी किया।

Hindi Articles and Critical Essays : Gajanan Madhav Muktibodh

हिन्दी लेख और आलोचना : गजानन माधव मुक्तिबोध :

Hindi Novel : Gajanan Madhav Muktibodh

हिन्दी उपन्यास : गजानन माधव मुक्तिबोध :