Betal Pachchisi
बेताल पच्चीसी

बेताल पच्चीसी (संस्कृत:बेतालपञ्चविंशतिका) पच्चीस कथाओं से युक्त एक ग्रन्थ है। इसके रचयिता बेतालभट्ट बताये जाते हैं जो न्याय के लिये प्रसिद्ध राजा विक्रम के नौ रत्नों में से एक थे। ये कथायें राजा विक्रम की न्याय-शक्ति का बोध कराती हैं। बेताल प्रतिदिन एक कहानी सुनाता है और अन्त में राजा से ऐसा प्रश्न कर देता है कि राजा को उसका उत्तर देना ही पड़ता है। उसने शर्त लगा रखी है कि अगर राजा बोलेगा तो वह उससे रूठकर फिर से पेड़ पर जा लटकेगा। लेकिन यह जानते हुए भी सवाल सामने आने पर राजा से चुप नहीं रहा जाता।

  • प्रारम्भ की कहानी
  • पापी कौन ? : पहली कहानी
  • पति कौन ? : दूसरी कहानी
  • सबसे ज्यादा पुण्य किसका ? : तीसरी कहानी
  • ज्यादा पापी कौन ? : चौथी कहानी
  • असली वर कौन? : पाँचवीं कहानी
  • पत्नी किसकी ? : छठी कहानी
  • किसका पुण्य बड़ा ? : सातवीं कहानी
  • सबसे बढ़कर कौन ? : आठवीं कहानी
  • सर्वश्रेष्ठ वर कौन? : नवीं कहानी
  • सबसे अधिक त्यागी कौन? : दसवीं कहानी
  • सबसे अधिक सुकुमार कौन? : ग्यारहवीं कहानी
  • दीवान की मृत्यु क्यूँ ? : बारहवीं कहानी
  • अपराधी कौन? : तेरहवीं कहानी
  • चोर ज़ोर-ज़ोर से क्यों रोया और फिर हँसा? : चौदहवीं कहानी
  • चुराई चीज़ पर किसका अधिकार? : पन्द्रहवीं कहानी
  • सबसे बड़ा काम किसका ? : सोलहवीं कहानी
  • अधिक साहसी कौन ? : सत्रहवीं कहानी
  • विद्या क्यों नष्ट हुई? : अठारहवीं कहानी
  • पिण्ड दान का अधिकारी कौन ? : उन्नीसवीं कहानी
  • बालक क्यों हँसा? : बीसवीं कहानी
  • सबसे ज्यादा प्रेम में अंधा कौन ? : इक्कीसवीं कहानी
  • शेर बनाने का अपराधी कौन? : बाईसवीं कहानी
  • योगी पहले क्यों रोया, फिर क्यों हँसा? : तेईसवीं कहानी
  • माँ-बेटी के बच्चों में क्या रिश्ता ? : चौबीसवीं कहानी
  • पच्चीसवीं कहानी